सामना संवाददाता / मुंबई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही के प्रशासनिक फेरबदल में अपने प्रशासन में महिला आई.ए.एस. अधिकारियों को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। इसी श्रृंखला में मुंबई की श्रीमती अस्मिता लाल को बृहत्तर जिम्मेवारी सौंपी है।
सेंट एन्स स्कूल, कोलाबा, के.सी काॅलेज, बंबई यूनिवर्सिटी और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस से शिक्षित अस्मिता लाल आई.ए.एस. को बागपत का जिलाधिकारी बनाया गया है। अस्मिता लाल इससे पहले यू.पी.सी.डा. की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रही हैं। 2015 बैच की अस्मिता अलीगढ़, मुरादाबाद, और गाजियाबाद में पदस्थ रही हैं। गाज़ियाबाद में सी.डी.ओ. के पद पर रहते हुए उन्होंने अनेक पब्लिक वेल्फेयर के काम किए थे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री से पुरस्कृत अस्मिता लाल ने लड़कियों की स्कूली शिक्षा, शिशुओं के स्वास्थ्य, खुले में शौच, पशु कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्हाेंने कोरोना काल में गाजियाबाद में कोरोना की रोकथाम, ऑक्सिजन उपलब्धि और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने का काम किया था। जिसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया जी ने गाजियाबाद को प्रथम स्थान देते हुए श्रीमती अस्मिता लाल तत्कालीन सी.डी.ओ. को सम्मानित किया था।
कन्याओं की स्कूली शिक्षा, महिला स्वावलंबन अस्मिता लाल के प्रिय क्षेत्र रहे हैं। आवारा पशुओं विशेषकर कुत्तों के पुनर्स्थापन के क्षेत्र में भी उन्होने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अस्मिता का मानना है कि आप मुम्बई से मुम्बईकर को बाहर ले जा सकते हो मगर मुम्बई को मुम्बईकर से बाहर नहीं कर सकते।