-मनपा का ३५० करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की झुग्गियों में दुकान और गोदाम चलाने वालों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। मनपा ने पहली बार ८०० से ज्यादा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को टैक्स की नोटिस भेजी है। इनमें दुकानें, होटल, वर्कशॉप और गोदाम शामिल हैं। मनपा का कहना है कि इनमें से कई बड़े कारोबारियों के हैं और इन्हें टैक्स के दायरे में लाना जरूरी है।
मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने ४ फरवरी २०२५ को बजट पेश करते हुए कहा था कि झुग्गियों में चल रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से ३५० करोड़ रुपए टैक्स वसूला जाएगा। मुंबई की २.५ लाख झुग्गियों में से लगभग २० फीसदी में दुकानें और अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं।
गरीबों पर बोझ या टैक्स चोरी रोकने की कोशिश?
मनपा के अनुसार, ये प्रतिष्ठान पानी, सड़क और अन्य सुविधाओं का उपयोग करते हैं, इसलिए इन्हें टैक्स देना होगा। लेकिन विरोधियों का कहना है कि गरीबों पर टैक्स लगाना गलत है।
एक रिपोर्ट के अनुसार पूर्व नगरसेवक रवि राजा ने कहा कि मनपा को छोटे दुकानदारों को तंग करने के बजाय बड़े बकाएदारों से ५,००० करोड़ रुपए वसूलने चाहिए। कुछ लोगों ने चिंता जताई कि इससे झुग्गियों में अवैध निर्माण को वैधता मिल जाएगी। वहीं मनपा का कहना है कि टैक्स वसूली का मतलब वैधता नहीं है। अब देखना होगा कि यह पैâसला आगे क्या मोड़ लेता है।