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मनपा की लापरवाही से हो सकता है गोवंडी में जलजमाव! … अभी नहीं शुरू हुई नालों की सफाई

बीमारियों के भी सिर उठाने का खतरा

गोवंडी-मानखुर्द में नालों की सफाई न होना और इन नालों में जमा होने वाले कचरों के अंबार से स्थानीय लोगोें में अभी से ही चिंता फैल गई है। बरसात के दौरान बाढ़ के हालात व इससे होने वाली जानलेवा बीमारियों का खौफ लोगों को सता रहा है। यहां अभी तक नालों की साफ-सफाई का काम शुरू नहीं हुआ है। यदि अचानक बारिश होती है तो जलजमाव हो सकता है। हालांकि, मार्च के पहले सप्ताह में नाले की सफाई का काम शुरू होने और मानसून से पहले खत्म होने का दावा सरकार ने किया था, लेकिन मनपा के एम-पूर्व वॉर्ड के अधिकारियों के ढुलमुल रवैए से यह दावा ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है।

नाला बना डंपिंग ग्राउंड 
उपनगर के बड़े नालोें में शुमार होने वाला रफीक नगर नाला इसमें गोवंडी, मानखुर्द, चेंबूर, पंतनगर और घाटकोपर इलाके से पानी आता है और यह देवनार डंपिंग ग्राउंड के पास से होता हुआ वाशी की तरफ निकल जाता है। सबसे घनी आबादी वाले इलाके के इस नाले की सफाई नहीं होने की वजह से यह नाला, डंपिंग ग्राउंड बन गया है, जिसकी वजह से बारिश के समय इलाके में बाढ़ आने और बस्तियों में बीमारियां पैâलने का खतरा पैदा हो जाता है। राज्य और मनपा  प्रशासन के लाख दावों के बावजूद गोवंडी, शिवाजी नगर, बैगनवाड़ी, मानखुर्द आदि इलाके की सफाई व्यवस्था की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है और स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ फाइलों में ही दिख रहा है।

 इलाके की स्थिति बद से बदतर 
आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेता साजिद खान के अनुसार, यहां के लोगों को गंदगी की समस्या से हमेशा जूझना पड़ता है। मनपा के सफाई कर्मचारी नालियों की सफाई करने में लापरवाही बरत रहे हैं। कचरे के अंबार के कारण नाले का गंदा पानी सड़कों पर पैâलने लगा है, जिससे इलाके की स्थिति बद से बदतर हो गई है। अगर कभी नालों की सफाई हो भी जाती है, तो कचरा कई-कई दिनों तक उठाया ही नहीं जाता है।

लोग होते हैं बीमारियों का शिकार 
‘यूनाइटेड मेडिकल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष डॉ. शफी खान ने बताया कि मानसून शुरू होते ही नालों और सड़कोें पर जमा गंदे पानी और बदबूदार कचरोें की वजह से मच्छर बढ़ते हैं, जिससे बहुत सी बीमारियां जन्म लेती हैं। जिसकी चपेट में आकर लोग डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियों का शिकार होते हैं।

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