सामना संवाददाता / मुंबई
बोरीवली पश्चिम के एकसार गांव में तटीय क्षेत्र (सीआरजेड) और नो-डेवलपमेंट जोन में बने अवैध वेडिंग हॉल को आखिरकार मुंबई मनपा ने ढहा दिया। इस कार्रवाई को लेकर मनपा की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इन अवैध निर्माणों की शिकायतें दो साल से की जा रही थीं।
स्थानीय सामाजिक संगठनों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि मनपा को लंबे समय से अवगत कराया जा रहा था कि मैंग्रोव्स को काटकर शादी समारोहों के लिए हॉल बनाए गए हैं। बावजूद इसके मनपा प्रशासन ने कार्रवाई में असामान्य रूप से देरी की।
गौरतलब है कि इन हॉलों के मालिकों ने पहले कोर्ट से स्टे ले लिया था, लेकिन जैसे ही वह स्टे हटा, मनपा ने आनन-फानन में तोड़क कार्रवाई की। सवाल यह उठता है कि जब यह जमीन तटीय नियमन क्षेत्र में आती है और निर्माण प्रतिबंधित है, तो मनपा का निगरानी तंत्र इस निर्माण को दो साल तक वैâसे नहीं पकड़ पाया? वन विभाग के एक अधिकारी ने यह भी स्वीकार किया कि एकसार गांव के मैंग्रोव्स अभी तक नोटिफाइड नहीं हैं, इसीलिए वे आसानी से नष्ट कर दिए गए। यह स्थिति मनपा और पर्यावरण विभाग की निष्क्रियता को उजागर करती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि राजनीतिक दबाव और अंदरूनी मिलीभगत के चलते ऐसे अवैध निर्माण पनपते हैं और जब मीडिया या कोर्ट का दखल होता है, तभी प्रशासन हरकत में आता है।