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यूपी के मुसलमान बन रहे कट्टर! … २ महीनों में ९ नौजवान गिरफ्तार

सामना संवाददाता / लखनऊ 
क्या यूपी के मुसलमान कट्टर बन रहे हैं, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस ने पिछले दो महीनों में ‘एएमयू के आइसिस मॉड्यूल’ और ‘अलीगढ़ के आइसिस मॉड्यूल’ के खिलाफ कार्रवाई के तहत आतंक के आरोप में ९ मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार किया है। उन पर सरकार के खिलाफ अपराध करने की साजिश रचने, सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करने, आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने आदि से संबंधित आरोप है। गिरफ्तार युवाओं में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व और वर्तमान छात्र शामिल हैं। जिस तरह से पढ़े-लिखे छात्रों का यह चेहरा सामने आ रहा है, उसे देखते हुए यह कहा जा रहा है कि एएमयू का आइसिस मॉड्यूल खतरनाक बनता जा रहा है।
कर रहे थे अन्य लोगों की भर्ती 
पहली गिरफ्तारी नवंबर २०२३ के पहले हफ्ते में हुई थी। ८ जनवरी २०२४ को एटीएस ने मामले में ताजा गिरफ्तारियां की हैं। पुलिस ने कहा कि एक व्यक्ति को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया, जबकि दूसरे ने स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया है। यूपी एटीएस ने आरोप लगाया कि इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए सात लोगों के साथ ये दोनों लोग एएमयू में आइसिस मॉड्यूल तैयार कर रहे थे और इसके लिए अन्य लोगों की भर्ती कर रहे थे।
शरिया कानून लागू करने की योजना
११ नवंबर, २०२३ को एटीएस ने ‘आइसिस के अलीगढ़ मॉड्यूल’ की जांच के तहत चार अन्य को गिरफ्तार किया। एटीएस ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति ‘हिंसक जिहाद’ के माध्यम से सरकार को उखाड़ फेंकने और शरिया कानून लागू करने की योजना बना रहे थे।
जांच से पता चलेगी सच्चाई
एएमयू के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पुलिस जो नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है वह ‘निराधार’ है। इस बात पर जोर देते हुए कि एटीएस द्वारा लगाए गए आरोप अभी तक साबित नहीं हुए हैं।

सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश
यूपी एटीएस ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग से एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया, जिसने एएमयू से पीएचडी पूरी की थी। सूत्रों के अनुसार, यह संदिग्ध एसएएमयू का नेतृत्व करता था। यूपी एटीएस ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से आइसिस के आपत्तिजनक प्रचार सामग्री के साथ एक पेन ड्राइव बरामद किया है। एटीएस ने कहा कि उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मेमोरी कार्ड में एक्यूआईएस और आइसिस के ‘प्रतिबंधित साहित्य’ का आदान-प्रदान, आतंकवाद और ‘राष्ट्र-विरोधी’ विचारधारा का समर्थन करने वाले कई समूहों के बारे में जानकारी दिखाई थी।

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