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नाईक-शिंदे की लड़ाई चरम पर पहुंची!.. नई मुंबई में रडार पर है शिंदे गुट के नेता

-मनपा में अतिक्रमण विभाग प्रमुख की नियुक्ति चर्चा में

सामना संवाददाता / मुंबई

उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और वन मंत्री गणेश नाईक के बीच सत्ता संघर्ष लगातार चरम पर पहुंचता दिख रहा है। वहीं नई मुंबई मनपा आयुक्त डॉ. वैâलाश शिंदे द्वारा पिछले सप्ताह मनपा के अतिक्रमण विभाग के उपायुक्त का प्रभार डॉ. वैâलाश गायकवाड़ को सौंपे जाने के बाद एक बार फिर शिंदे-नाईक के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज हो गया है। मनपा में मेडिकल अधिकारी के पद पर कार्यरत गायकवाड़ को पहले उपायुक्त का पद दिया गया था और अब उन्हें सीधे अतिक्रमण नियंत्रक के पद पर नियुक्त किया गया है।
हाल के दिनों में वन मंत्री गणेश नाईक के करीबी सहयोगियों में से एक माने जाने वाले गायकवाड़ की नियुक्ति के साथ ही चर्चा है कि नाईक ने शिंदे गुट के स्थानीय नेताओं को यह झटका दिया है। तीन साल पहले महाविकास आघाड़ी सरकार के सत्ता से बाहर होने और राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मुंबई महानगर क्षेत्र और खास तौर पर ठाणे शहर में राजनीतिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए अतिक्रमण विभाग का इस्तेमाल लगातार चर्चा में रहा था। इस क्षेत्र में यह भी खुलकर चर्चा थी कि शिंदे गुट ने ठाणे मनपा के सहायक आयुक्त महेश आहेर को यह पद सौंपकर विपक्ष को बदनाम किया है। शिंदे जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने पूरे ठाणे जिले की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं पर अपनी पकड़ बना ली थी।
नियुक्तियों पर नियंत्रण
मनपाओं में रणनीतिक नियुक्तियां उसी तरह की जाती थीं, जैसा शिंदे कहते थे। हालांकि नई मुंबई में अभी भी गणेश नाईक का राजनीतिक नियंत्रण है, लेकिन पिछले ढाई साल में यहां का प्रशासन उसी तरह चल रहा था, जैसा शिंदे कहते थे। हालांकि नई सरकार में मंत्री बनने के बाद नाईक ने आक्रामक तरीके से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है और अब यह साफ हो गया है कि नाईक गुट नई मुंबई मनपा में रणनीतिक नियुक्तियों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश में जुट गया है।

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