-पाकिस्तानी एक्सपर्ट का सनसनीखेज खुलासा
-पाक सेना को भी वहां जाने की नहीं है इजाजत
-१० मई को भारत के ब्रह्मोस ने बनाया था निशाना
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह किया था। इनमें से एक था रावलपिंडी के सैन्य मुख्यालय से १० किलोमीटर दूर का नूर खान एयरबेस। इसे ब्रह्मोस मिसाइल से निशाना बनाया गया था। इसके बाद ही सबसे पहले ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट किया था। अब एक पाकिस्तानी डिफेंस एक्सपर्ट इम्तियाज गुल ने दावा किया है कि नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तान का नहीं बल्कि अमेरिकी सैनिकों का कब्जा है। वहां पर पाकिस्तानी आर्मी को भी जाने की अनुमति नहीं है।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपने सैन्य हवाई अड्डों पर हुए नुकसान को खूब छिपाने की कोशिश की, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरें दुनिया के सामने आ जाने के बाद उसे आखिरकार सच कबूल करना पड़ा। भारत ने पाकिस्तान के ११ एयरबेस को निशाना बनाया था, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण नूर खान (चकलाला) एयरबेस था।
अमेरिका ने चुपके से पाकिस्तान में छिपा रखी है अपनी आर्मी!
पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस से महज १० किमी की दूरी पर पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय है। भारत ने अपने ब्रह्मोस मिसाइलों से इसे ध्वस्त कर दिया था। भारत के हमले में इस एयरबेस का काफी ज्यादा नुकसान हुआ। इस एयरबेस के बारे में पाकिस्तान के एक सुरक्षा विशेषज्ञ इम्तियाज गुल ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। गुल का दावा है कि नूर खान एयरबेस पाकिस्तानी नहीं, बल्कि अमेरिकी सेना का ठिकाना है। इससे साफ है कि अमेरिका ने चुपके से पाकिस्तान में अपनी आर्मी छिपा रखी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक वीडियो में इम्तियाज गुल ने दावा किया है कि पाकिस्तान वायु सेना का नूर खान एयरबेस कथित तौर पर अमेरिका के नियंत्रण में है। गुल का दावा है कि पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी एयरबेस में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है। इससे पाकिस्तान की संप्रभुता पर सवाल उठ रहे हैं और देश के लोगों की अपनी जमीन पर विदेशी प्रभाव और पारदर्शिता की कमी पर चिंताएं बढ़ गई हैं। गुल के दावे के अनुसार, पाकिस्तान सेना के अधिकारियों को एयरबेस पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसे अमेरिकी सेना क्षेत्र में अपने प्रभाव और सैन्य अभियानों के लिए अपने नियंत्रण में रखे हुए है। गुल ने कहा है कि अमेरिकी विमानों को बार-बार नूर खान एयरबेस पर देखा गया है, लेकिन उनके कार्गो के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। यानी यह साफ नहीं है कि ये विमान क्या ले आ रहे हैं और क्या ले जा रहे हैं। गुल के दावों से पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक हलचल देखी जा रही है। इसकी वजह इसका राजधानी इस्लामाबाद से कुछ ही किमी दूर रावलपिंडी में होना है। यह पाकिस्तानी आर्मी के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण सुविधा है।