मुख्यपृष्ठराजनीतिउत्तर की उलटन-पलटन : मिशन ४०० पार की राह में रोड़ा

उत्तर की उलटन-पलटन : मिशन ४०० पार की राह में रोड़ा

श्रीकिशोर शाही
पता नहीं क्या बात है कि मिशन ४०० पार की राह में कई सीटों पर रोड़ा अटक जा रहा है। कुछ रोड़े की तो भाजपा सफाई कर दे रही है पर कुछ तकलीफ पहुंचा रहे हैं। अब देखिए कारकाट से भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह भाजपा की राह में रोड़े अटका रहे हैं। वैसे पवन सिंह भाजपा के सदस्य हैं, पर मन माफिक सीट से टिकट नहीं मिलने पर नाराज हो गए और काराकट सीट से निर्दलीय उतर पड़े। सुनने में आ रहा है कि उन्हें मनाने की काफी कोशिश हो रही है। पवन सिंह भोजपुरी के बड़े स्टार हैं और उनके रोड शो में काफी भीड़ उमड़ी है। यह खबर दिल्ली तक भी पहुंच चुकी है। बताया जाता है कि भाजपा ने मनोज तिवारी को पवन सिंह को समझाने के मिशन पर लगाया है, पर पवन हैं कि मान ही नहीं रहे। जब इस बारे में पवन से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि मनोज तिवारी से उनकी कोई बातचीत नहीं हो रही है। पवन का कहना है कि मनोज तिवारी उनके संपर्क में नहीं हैं। पवन की सुई अपनी मां को दिए गए वचन पर अटक गई है और वे बार-बार दोहरा रहे हैं कि उन्होंने अपनी मां को चुनाव लड़ने का वचन दिया था और अब वह उसकी पूर्ति कर रहे हैं। अब देखना है कि भाजपा पवन सिंह के नाम के इस रोड़े को अपनी राह से हटा पाती है या नहीं। अगर पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा का खाना खराब कर दिया तो एनडीए की एक सीट तो गई काम से। फिर तो हो चुका ४०० पार…
कांटा लगा, हाय लगा…
पवन सिंह भले ही भाजपा की बात नहीं मान रहे और मनोज तिवारी को अंगूठा दिखा रहे हैं, मगर मनोज तिवारी ने एक कांटा तो दूर कर ही दिया है। जी हां, बात बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप की हो रही है। यूट्यूबर मनीष कश्यप भी भाजपा की राह में रोड़े बन रहे थे। उन्होंने पश्चिमी चंपारण से निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। मनीष कश्यप बिहार में काफी लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई वाले मामले में जब वे जेल गए तो उन्हें बिहार में काफी जन समर्थन मिला था। फिलहाल, चुनाव लड़ने की घोषणा करके मनीष कश्यप ने भाजपा की राह में कांटे बिछा दिए थे, फिर क्या था बिहार के संकटमोचक मनोज तिवारी को फिर से काम पर लगाया गया। मनोज बिहार से लौटते वक्त मनीष कश्यप को लेकर सीधे दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली में भी सीधे नड्डा के दरबार में। नड्डा जी ने पहले फूलों का बुके मंगवाया और मनीष के हाथों में थमाकर उन्हें भाजपा का मेंबर बना दिया। अब इसके बाद मनीष कश्यप के सिर से चुनाव लड़ने का भूत उतर चुका है। यही नहीं अब मनीष कश्यप भाजपा के लिए बिहार में चुनाव प्रचार करेंगे यानी मनोज तिवारी मिशन मनीष कश्यप को खत्म करने में सफल रहे।
ये कैसा जंगलराज है?
बिहार में जंगल राज की बड़ी चर्चा होती आई है। एक समय था, जब वहां राजधानी पटना में भी दिनदहाड़े अपहरण हो जाता था। नीतिश कुमार ने सुशासन बाबू के रूप में काफी शोहरत हासिल की है, पर रह रहकर सुशासन की गाड़ी पटरी से उतर जाती है। अब देखिए न, चुनाव के मौसम में पटना के पास जदयू के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सत्ताधारी नेता की कोई गोली मारकर हत्या कर दे तो इसे जंगल राज ही कहा जाएगा। राजधानी पटना के पुनपुन में जदयू के युवा लीडर सौरभ कुमार को बदमाशों ने गोली मार दी। वे देर रात एक शादी समारोह से लौट रहे थे। उनके सिर में दो गोलियां मारी गर्इं, जबकि उनके साथी मुनमुन को तीन गोली लगी। सौरभ की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर अवस्था में मुनमुन का अस्पताल में इलाज चल रहा है। राजद और जेडीयू में इस समय दांत काटी दुश्मनी है, मगर जैसे ही सौरभ की मौत की खबर मिली तो पाटलिपुत्र से राजद की उम्मीदवार मीसा भारती फौरन सौरभ के घर पहुंच गर्इं और उनके परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, मगर यह सुशासन बाबू के ढीले होते सुशासन की भी पोल खोलने वाली घटना है। वैसे भी चुनाव के समय बिहार और बंगाल में गोलियां चलनी कोई नई बात नहीं है। अब यह कोई राजनीतिक मर्डर है या किसी निजी दुश्मनी का परिणाम, इस मामले में पुलिस माथापच्ची कर रही है। हालांकि, इस घटना पर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की तुरंत कोई टिप्पणी उपलब्ध नहीं हो सकी।

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