मुख्यपृष्ठनए समाचार‘शक्ति विधेयक मंजूर न होना महायुति सरकार की विफलता!'

‘शक्ति विधेयक मंजूर न होना महायुति सरकार की विफलता!’

सामना संवाददाता / मुंबई
महिला अत्याचार के खिलाफ महाविकास आघाड़ी सरकार शक्ति कानून लाई थी, लेकिन राष्ट्रपति के हस्ताक्षर न होने के कारण यह विधेयक वापस लिया जा रहा है। यह महायुति सरकार की विफलता है। इस तरह का हमला करते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मांग है कि सरकार सत्र में फिर से विधेयक पेश करें। मीडिया से बातचीत करते हुए विजय वडेट्टीवार ने कहा कि महिला अत्याचार की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे वक्त में शक्ति कानून की आवश्यकता है। इसके बावजूद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर क्यों नहीं हुए? उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की भूमिका निराशाजनक है इसलिए आगामी सत्र में सरकार को शक्ति विधेयक फिर से सदन में पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक सुधार करके विधेयक को फिर से पेश किया जाए और राष्ट्रपति के पास फिर से भेजा जाए। वडेट्टीवार ने कहा कि महायुति सरकार के मंत्री असंवेदनशील बयान दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि क्या गृह राज्यमंत्री योगेश कदम और मंत्री सावकारे के बयान आरोपी को बचाने के लिए है। महिला पर अत्याचार होने पर उस पर सवाल उठाना आरोपी का समर्थन करने जैसा है। क्या हमारे मंत्रियों की इस भूमिका से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहमत हैं?

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