कई लोगों से हो चुकी है लाखों की अवैध वसूली
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सहित पूरे देश में डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने करोड़ों रुपए का प्रâॉड किया है। अब तक आपने साइबर अपराधियों को सीबीआई, क्राइम ब्रांच और कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को डराते और धमकाकर लाखों रुपए की वसूली करते हुए सुना होगा। पर अब इन दिनों साइबर क्रिमिनलों ने नया रास्ता खोज निकाला है और वह है ईडी अरेस्ट।
साइबर ठग ‘ईडी’ के हुबहू फर्जी अरेस्ट वॉरंट बनाकर व्हॉट्सऐप पर भेज देते हैं। लेटर में साफ शब्दों में लिखा रहता है ‘अरेस्ट वॉरंट’। लेटर में यह भी लिखा रहता है कि ४८ घंटों के अंदर ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे तो तत्काल उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। सबसे अहम बात यह है कि इस वॉरंट पर ईडी के ‘लोगो’ के साथ ही ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर का नाम और दस्तखत बाकायदा रबर स्टैंप के साथ होता है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि इन दिनों ईडी के फर्जी अरेस्ट वॉरंट की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अधिकारी के मुताबिक, मुंबई, अमदाबाद, सूरत, उत्तर प्रदेश और बिहार से इसकी कई शिकायतें आ चुकी हैंै।
लाखों रुपए ट्रांसफर किए
अरेस्ट वॉरंट की जांच करवाने पर पता चला कि वह फर्जी अरेस्ट वॉरंट था। कई लोग फर्जी अरेस्ट वॉरंट के झांसे में आ भी गए और डरकर खाते १० से १५ लाख रुपए सामनेवाले फर्जी अधिकारी के खाते में ट्रांसफर भी कर दिए। बाद में पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है।
‘ईडी मुंबई जोनल १’ का लेटर
यूपी के एक शख्स को गत १७ मई का ‘ईडी मुंबई जोनल १’ के नाम से अरेस्ट वॉरंट मिला, जिसमें लिखा था कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल पाया गया है। उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट २००२ के तहत मामला दर्ज किया गया है और वो दो घंटे के भीतर ईडी कार्यालय पहुंचे। जब उसने इसकी जांच करवाई तो यह वॉरंट फेक निकला।
व्हॉटसऐप पर नहीं भेजे जाते अरेस्ट वॉरंट!
ईडी, सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी वॉरंट भेजकर साइबर अपराधी कर रहे हैं वसूली
साइबर ठग अब ईडी के नाम का अरेस्ट वॉरंट भेजकर लोगों को डरा रहे हैं। लोगों को डराने के बाद उनसे रुपए मांगे जा रहे हैं। ईडी के अलावा सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी अरेस्ट वॉरंट के नाम पर ठगी का यह धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। साइबर ठग अरेस्ट वॉरंट व्हॉट्सऐप पर भेज रहे हैं, जबकि असली वॉरंट व्हॉट्सऐप पर इस तरह से नहीं भेजे जाते। ओरिजनल वॉरंट हमेशा पोस्ट से भेजे जाते हैं। हाल ही में तिलक नगर पुलिस स्टेशन का फर्जी अधिकारी बनकर एक व्यक्ति को धमकाया गया था। पीड़ित को बाकायदा सुप्रीम कोर्ट का अरेस्ट वॉरंट भेजा गया था और कहा गया था कि केनरा बैंक के तुम्हारे खाते से संदेहास्पद ट्रांजेक्शन किया गया है। इतना ही नहीं, मनी लॉन्ड्रिंग संबंधित जांच की एक रिपोर्ट भी भेजी गई। व्यक्ति को डराकर साइबर ठगों ने उससे ८० लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिया।
रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को ठगा
रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को भी सीबीआई का फर्जी अरेस्ट वॉरंट भेजकर डराया और धमकाया गया। व्यक्ति ने गिरफ्तारी से बचने के लिए साइबर ठगों को १४ लाख रुपए दे दिए। अक्टूबर २०२४ में तो सुप्रीम कोर्ट का अरेस्ट वॉरंट और संपत्ति जप्त करने का फर्जी लेटर दिखाकर एक व्यक्ति से साइबर ठगों ने ७ करोड़ रुपए ऐंठ लिए थे।