मुख्यपृष्ठसमाचारविश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता ने जगाई उम्मीद

विश्व कैंसर दिवस पर जागरूकता ने जगाई उम्मीद

-कैंसर भी हार सकता है!

-२ फीसदी लोगों को चपेट में ले रही है जानलेवा बीमारी

सामना संवाददाता / मुंबई

कैंसर दुनिया भर में मौतों की दूसरी प्रमुख वजह है। हालांकि, कैंसर से डरकर नहीं, बल्कि लड़कर जीत मिल सकती है। इसे आस, विश्वास और उपचार से हराया जा सकता है। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय तंत्रिका तंत्र ट्यूमर वाला कैंसर बहुत ही दुर्लभ है, जिसकी चपेट में हर साल दो फीसदी लोग आते हैं। यह विकलांगता का प्रमुख कारण है। इतना ही नहीं यह दुनिया भर में बच्चों और युवाओं में कैंसर से मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। कई कारणों के चलते ब्रेन ट्यूमर के रोगियों में सुधार लाने के लिए न्यूरो-ऑन्कोलॉजी समुदाय के लिए चुनौतियां पैदा करती हैं। यह जानकारी टाटा मेमोरियल अस्पताल में आयोजित वार्षिक कार्यक्रम में दी गई।
उल्लेखनीय है कि हिंदुस्थान में ब्रेन ट्यूमर की व्यापकता और प्रसार बढ़ता जा रहा है। हिंदुस्थान में हर साल ४० से ५० हजार लोगों में ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है। इनमें से २० फीसदी बच्चे हैं। एक साल पहले तक यह आंकड़ा केवल पांच फीसदी के आस-पास था। मुंबई, चेन्नई, बंगलुरु, दिल्ली और भोपाल में दोनों लिंगों में केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कैंसर का रुझान पिछले दो दशकों की अवधि में मूल्यांकन किया गया और पाया गया कि कैंसर के कुल मामलों में से पांच से सात प्रतिशत मामले ब्रेन ट्यूमर के है, जिनमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में देखने को मिले हैं। कैंसर के अधिक मामले अकेले महाराष्ट्र में देखने को मिलते है, जो एक बेहद चिंताजनक स्थिति है। ‘मस्तिष्क कैंसर’ यानी ‘ब्रेन ट्यूमर’ एक खतरनाक रोग है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। जब मानव शरीर में कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि हो, लेकिन शरीर को इन अनावश्यक वृद्धि वाली कोशिकाओं की आवश्यकता न हो, तब इस अवस्था को ही कैंसर के नाम से जाना जाता है। ब्रेन के किसी हिस्से में पैदा होनेवाली असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि ब्रेन ट्यूमर के रूप में प्रकट होती है
मरीजों की इस तरह की जाती है मदद
‘द ब्रेन ट्यूमर फाउंडेशन’ ऑफ इंडिया चैरिटी के माध्यम से जरूरतमंद ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों को वित्तीय, लॉजिस्टिक, सामाजिक, व्यावसायिक और शैक्षिक सहायता प्रदान करता है। यह संस्था बीते २५ सालों से बिना किसी लाभ के समाज के प्रति समर्पण भाव से इस तरह की सेवाएं प्रदान कर रहा है। इस समय टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ मिलकर यह संस्था ब्रेन ट्यूमर वाले रोगियों को जांच, उपचार और पुनर्वास के लिए धन सहायता प्रदान कर रहा है। फाउंडेशन ने पहले कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए शैक्षिक कार्टून फिल्म ‘बस्ट दैट नोमा’ को तैयार किया है, जिसे जोरदार प्रतिसाद मिल रहा है। इसके साथ ही वेब आधारित सूचना पोर्टल, ऑनलाइन सहायता के लिए एक ब्रेन ट्यूमर हेल्पलाइन और अंग्रेजी समेत कई हिंदुस्थानी भाषाओं में ब्रेन ट्यूमर पर सूचना पुस्तिका तैयार किया गया है। इसके माध्यम से रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को सरल और संक्षिप्त तरीके से ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना आसान होगा।

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