अनिल मिश्र/ पटना
महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान अधिवक्ता, देशबंधु चितरंजन दास की 100 वीं पुण्यतिथि गया के स्थानीय आजाद पार्क स्थित इनके प्रतिमा के समक्ष कॉंग्रेस पार्टी के तत्वावधान में मनाई गई। सर्वप्रथम इनके प्रतिमा पर माल्यार्पण के पाश्चात्य उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम में शामिल बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, टिंकू गिरी, दामोदर गोस्वामी, प्रद्युम्न दुबे, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, युवा कॉंग्रेस अध्यक्ष विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम,मुन्ना मांझी आदि ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गया मे 26 दिसंबर, 1922 को आयोजित कॉंग्रेस के वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए चितरंजन दास ने अपने उद्घाटन भाषण में गांधी जी की अनुपस्थिति को गहरी छती बताते हुए कहा था कि इस कठिन समय में गांधी जी हमारे बीच उपस्थित होते तो उनका मार्गदर्शन हमे दिशा देता और हमारा संबल बनता, जेल में उनका होना कॉंग्रेस, बल्कि राष्ट्र के लिय एक बड़ी कमी है।
इन सभी नेताओं ने कहा कि आज देशबंधु चितरंजन दास प्रतिमा स्थल प्रांगण के ठीक बगल में दर्जनों मूत्रालय होने तथा इनकी अध्यक्षता में 1922 में गया के स्वराजपुरी केंदुई में जहां कॉंग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था उस स्थल पर कोई यादगार चीज़ भी नहीं बना हुआ, यानी पुरी तरह उपेक्षा का शिकार है। अपने निधन से कुछ समय पहले देशबंधु चितरंजन दास ने अपना घर और सारी जमीन राष्ट्र के नाम कर दी, जिस घर में वो रहते थे, वहां अब चितरंजन दास राष्ट्रीय कैंसर संस्थान है, दिल्ली का प्रसिद्ध आवासीय क्षेत्र सी आर पार्क का नाम भी देशबंधु चितरंजन दास के नाम पर रखा गया है।
इन सभी नेताओं ने देशबंधु चितरंजन दास के चरणों में पुष्प अर्पित करते हुए इनके बताये रास्ते पर चलने का संकल्प दोहराया।