५९ वर्ष की उम्र में डॉ. मनमोहन सिंह ने राजनीति में कदम रखा और ७२ में प्रधानमंत्री बन गए। जवाहर लाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी के बाद के तीसरे सर्वाधिक लंबे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री बने। पहले कार्यकाल के बाद तो अगली बार अपनी दम पर कांग्रेस को २०० का आंकड़ा पार करवाने में सफल रहे। देश के ऐसे बेजोड़ प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह गुरुवार को हमसे जुदा हो गए। भारतीय जनता पार्टी उन्हें `मौनी’ कहकर उनका मजाक उड़ाती रही, लेकिन मौन इतना मुखर रहा कि बीजेपी का शोर-शराबा `मौन’ हो गया। दुनिया उनकी विद्वता और दूरदर्शिता के सम्मान में सिर झुकाती रही और उनकी विद्वता, ईमानदारी, नैतिकता, सादगी को बीजेपी को भी स्वीकारना पड़ा। डॉ. मनमोहन सिंह की खामोशी पर ये पंक्तियां माकूल बैठती हैं-
परिंदों को मंजिल मिलेगी एक दिन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं
वही लोग रहते हैं खामोश अक्सर, जमाने में जिनके हुनर होते हैं।
शानदार अर्थशास्त्री थे : पूर्व पीएम देवेगौड़ा
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने शोक जताते हुए कहा है, ‘उनके निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ।’ उन्होंने कहा, ‘वह धैर्यवान व्यक्ति, शानदार अर्थशास्त्री और ऐसे सहकर्मी थे, जिनका मैं सम्मान करता था। उन्हें इतिहास में उस व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिसने भारतीय आर्थिक भविष्य की दिशा बदल दी।’
गुरु और मार्गदर्शक खो दिया : राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने `एक्स’ पर पूर्व पीएम के साथ तस्वीरें शेयर कर लिखा, ‘मैंने एक गुरु और एक मार्गदर्शक खो दिया। हममें से लाखों लोग, जिन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की प्रशंसा की, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद रखेंगे।’
स्वावलंबी भारत की नींव रखी : लालू यादव
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें ईमानदारी, सादगी, सज्जनता, सरलता, विनम्रता, बुद्धिमत्ता व दूरदर्शिता की प्रतिमूर्ति बताया है। लालू ने कहा, ‘आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार सिंह ने आधुनिक व स्वावलंबी भारत की नींव रखी थी। उनके साथ काम करना मेरा सौभाग्य था। उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।’
ज्यादा अपने कामों से बोलते थे : हर्ष गोयनका
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उद्योगपति हर्ष गोयनका ने `एक्स’ पर पोस्ट कर कहा है, ‘मनमोहन सिंह सच्चे राजनेता थे, जिनका शांत स्वभाव उनके परिवर्तनकारी प्रभाव को दर्शाता था।’ उन्होंने आगे कहा, ‘वह एक नेता थे, जो शब्दों से ज्यादा अपने कामों से बोलते थे। उन्होंने आधुनिक भारत को शालीनता से आकार दिया।’
प्रेस से बात करने से डरता नहीं
डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें ‘साइलेंट पीएम’ कहे जाने पर २०१८ में अपनी किताब ‘चेंजिंग इंडिया’ के लॉन्च कार्यक्रम में कहा था, ‘लोग कहते हैं, मैं साइलेंट पीएम था। मैं कहना चाहूंगा कि मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था, जो प्रेस से बात करने से डरता था। मैं नियमित रूप से प्रेस से मिलता था।’
ये तो इतिहास ही तय करेगा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने २०१४ में प्रेस कॉन्फ्रेंस (पीसी) के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘ये तो इतिहास ही तय करेगा कि मैं कमजोर प्रधानमंत्री था या नहीं।’ उन्होंने कहा था, ‘विपक्ष को जो बोलना हो, बोल सकते हैं।’ उन्होंने पीसी में एक अन्य सवाल के जवाब में कहा था, ‘मेरे कार्यकाल के बारे में इतिहासकार फैसला करेंगे।’
बीएमडब्ल्यू नहीं मारुति ८०० पसंद करते थे
कभी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बॉडीगार्ड रहे यूपी के मंत्री असीम अरुण ने बताया कि उनकी मारुति ८०० पीएम हाउस में बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। उन्होंने `एक्स’ पर लिखा, ‘जब काफिला निकलता तो वह मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हों कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है।’
दुनियाभर ने जताया शोक
अमेरिका, रूस, कनाडा, यूके, जर्मनी, प्रâांस, नेपाल, श्रीलंका और मलेशिया समेत कई देशों ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया है। अमेरिका ने कहा, ‘पिछले दो दशकों में दोनों देशों द्वारा मिलकर हासिल की गर्इं ज़्यादातर उपलब्धियों की नींव डॉ. सिंह ने रखी।’ मनमोहन सिंह का ९२ वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।
इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने २०१४ में अपने दूसरे कार्यकाल के अंत के दौरान कहा था, ‘मैं मानता हूं कि अभी की मीडिया की तुलना में इतिहास मेरे प्रति दयालु होगा।’ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने अप्रैल, २०२४ में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह का गुरुवार को ९२ वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
राजनीति की कठोर दुनिया में सज्जन व्यक्ति थे : प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताते हुए गुरुवार को `एक्स’ पर लिखा, ‘उनकी ईमानदारी हमारे लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेगी। वह बुद्धिमान, दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और साहसी थे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘राजनीति की कठोर दुनिया में वह एक प्रतिष्ठित और सज्जन व्यक्ति थे।’
खूब पढ़े-लिखे थे पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने १९४८ में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक और १९५७ में ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की। डॉ. सिंह ने १९६२ में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शिक्षक के रूप में कार्य किया।
उनकी दूरदर्शी नीतियों की वजह से भारत में आर्थिक स्थिरता है : पूर्व पाक मंत्री
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा है, ‘भारत में आज जो आर्थिक स्थिरता है वह काफी हद तक उनकी दूरदर्शी नीतियों की वजह से है।’ उन्होंने कहा, ‘सिंह झेलम (पाकिस्तान) के गाह गांव के निवासी थे और वह यहां के लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे।’
डॉ. मनमोहन सिंह के ऐतिहासिक काम
जून १९९१: वैश्वीकरण और उदारीकरण
जून २००५: सूचना का अधिकार
सितंबर २००५: रोजगार गारंटी योजना
मार्च २००६: अमेरिका से न्यूक्लियर डील
जनवरी २००९: पहचान के लिए आधार कार्ड
अप्रैल २०१०: शिक्षा का अधिकार