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अनदेखी से फूटा आक्रोश … वर्षा पर ‘बरसे’ छात्र …मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ा विराट मोर्चा, पुलिस चकराई

२६ दिनों की भूख हड़ताल के बाद टूटा शिक्षकों और छात्रों का सब्र
सामना संवाददाता / मुंबई
विभिन्न मांगों के साथ-साथ संशोधन फेलोशिप को लेकर आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षक और (बार्टी) बाबासाहेब आंबेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के छात्रों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलने ‘वर्षा’ बंगले पर निकल पड़े। इसकी भनक स्थानीय पुलिस को लगते ही पहले तो वह चकरा गई, लेकिन स्थिति को भांपते हुए उसने मैदान की निकासी के सभी दरवाजों को बंद कर दिया। इससे नाराज होकर अनशनकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए आजाद मैदान को हिला दिया। आरोप है कि विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियों को ‘घाती’ सरकार दरकिनार कर रही है।
उल्लेखनीय है कि आंशिक अनुदानित प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर ‘शिक्षा समन्वय संघ’ के नेतृत्व में निजी शिक्षक पिछले ३६ दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं। साथ ही बार्टी के संशोधन फेलोशिप के लिए शोध छात्र पिछले दो महीने से आजाद मैदान में धरना और अनशन कर रहे हैं। मंगलवार को बड़ी संख्या में दोनों संस्थाओं के कार्यकर्ता आजाद मैदान आए थे। उस समय सभी ने सरकार द्वारा मांगों पर संज्ञान नहीं लेने के कारण सीधे मुख्यमंत्री के ‘वर्षा’ बंगले पर जाने का निर्णय लिया।
पैदा हो गया था तनाव
पुलिस ने उन्हें जैसे ही रोकने की कोशिश की अनशनकारियों ने आजाद मैदान के दरवाजे पर धरना देना शुरू कर दिया। इसके साथ ही जोरदार नारे लगाते मैदान परिसर को हिला दिया। इस दौरान आजाद मैदान में कुछ देर के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।

इस कारण हो गए और उग्र
अनशनकारी नारेबाजी करते हुए मैदान के मुख्य द्वार तक पहुंचे। अचानक हुए मोर्चे के कारण पुलिस पहले तो भौचक्का रह गई, लेकिन परिस्थिति को भांपते हुए उसने मैदान के सभी प्रवेश द्वारों को अवरुद्ध कर दिया और भूख हड़ताल करनेवालों को रोक लिया। इससे अनशनकारी काफी आक्रोशित हो गए। बार्टी के छात्रों ने तो मैदान के दरवाजे पर चढ़कर बाहर निकलने की कोशिश की। इससे पुलिस और अनशनकारियों के बीच नोक-झोंक भी हो गई।

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