म्हाडा के लग्जरी घरों का प्लान हुआ फ्लॉप! …लोगों में हाई-फाई घरों की चाहत हुई खत्म

-अब सिर्फ आम लोगों के लिए किफायती घरों पर रहेगा फोकस
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
म्हाडा ने पहली बार निजी डेवलपर्स को टक्कर देते हुए गोरेगांव के प्रेमनगर में जिम, स्विमिंग पूल, पोडियम पार्किंग जैसी हाई-फाई सुविधाओं से लैस ३३२ घरों का प्रोजेक्ट तैयार किया था। लेकिन हाल ही में निकाली गई लॉटरी में इन घरों के लिए आवेदकों का अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिला। इसके चलते म्हाडा की अब हाई-फाई घरों यानी लग्जरी घरों की चाहत खत्म हो गई है और प्राधिकरण ने तय किया है कि आगे से सिर्फ आम लोगों के लिए किफायती घरों पर ही फोकस किया जाएगा। म्हाडा की ओर से गोरेगांव के प्रेमनगर में ३९ मंजिला टॉवर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें मध्यम आय वर्ग के लिए २२७ और उच्च आय वर्ग के लिए १०५ फ्लैट बनाए जा रहे हैं। उच्च आय वर्ग के फ्लैट ९७९ वर्ग फुट के हैं, जबकि मध्यम आय वर्ग के फ्लैट ७९४ वर्ग फुट के हैं। सितंबर में म्हाडा ने २०३० घरों की बिक्री के लिए विज्ञापन जारी किया था, जिसमें इन हाई-फाई घरों को भी शामिल किया गया था। इन घरों की कीमतें १.१० करोड़ रुपए से लेकर १.३३ करोड़ रुपए तक तय की गई थीं। हालांकि, निजी डेवलपर्स की तुलना में इनकी कीमतें कम थीं, लेकिन फिर भी इन घरों के लिए केवल ७-८ हजार आवेदन ही प्राप्त हुए।
मुंबई मंडल की लॉटरी में अत्यल्प और अल्प आय वर्ग के घरों के लिए आवेदकों की भारी भीड़ उमड़ी थी। अत्यल्प आय वर्ग के ३५९ घरों के लिए ४७,१३४ आवेदन आए, जबकि अल्प आय वर्ग के ६२७ घरों के लिए ४८,७६२ आवेदन प्राप्त हुए। मध्यम आय वर्ग के ७६८ घरों के लिए ११,४६१ आवेदन आए, जबकि उच्च आय वर्ग के २७६ घरों के लिए केवल ६,४५४ आवेदन ही प्राप्त हुए।

`करोड़ों रुपए देकर घर खरीदने वालों के लिए बाजार में कई विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन आम लोगों के लिए कोई ज्यादा घर नहीं बनाता। इसलिए, अब हाई-फाई घर बनाने के बजाय हमारा फोकस अत्यल्प, अल्प और मध्यम आय वर्ग के लिए घर बनाने पर होगा।’
-मिलिंद बोरीकर, मुख्य अधिकारी, मुंबई मंडल

२ पहिया पर सितम, ४ पहिया पर रहम! …वाहनों की टोइंग में भेदभाव से लोगों में नाराजगी


– यातायात विभाग ने अपनाया वसूली फंडा

प्रेम यादव / भायंदर
मीरा-भायंदर में पार्किंग निर्देशों के उल्लंघन के नाम पर पर यातायात विभाग ने वसूली फंडा अपना रखा है। यातायात विभाग कार्रवाई करते हुए वाहनों की टोइंग कर जुर्माना के रूप में जमकर वसूली कर रहा है।
हालांकि, यातायात विभाग की यह कार्रवाई मुख्य रूप से दो पहिया वाहनों तक ही सीमित है। चार पहिया वाहनों को बिल्कुल नहीं उठाया जाता है। इस तरह की भेदभाव पूर्ण कार्रवाई से लोगों में भारी नाराजगी है, जबकि चार पहिया वाहनों की अवैध पार्किंग ट्रैफिक समस्या को अधिक बढ़ावा दे रही हैं।
उल्लेखनीय है कि कई मुख्य सड़कों पर अवैध रूप से कारें पार्क की जाती हैं, जिससे भारी यातायात जाम होता है। कुछ क्षेत्रों में तो सड़कों पर सेकंड हैंड कारों का कारोबार भी शुरू हो गया है।
दो पहिया वाहनों को लेकर यातायात विभाग की सख्ती ने कई सवाल खड़े किए हैं। कम समय में अधिक फाइन वसूलने और कम जगह में अधिक वाहन जमा करने की रणनीति के चलते इन वाहनों को ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है। नियमों के अनुसार, वाहन उठाने से पहले लाउडस्पीकर पर अनाउंसमेंट करना अनिवार्य है, लेकिन यह प्रक्रिया नजरअंदाज की जाती है। नागरिकों का कहना है कि वे मात्र दो मिनट के लिए दुकान में सामान लेने गए थे और वापस लौटने पर उनका वाहन टो किया जा चुका था। यातायात विभाग की इस कार्यप्रणाली से नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा है। चार पहिया वाहनों पर भी समान रूप से कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके और आमजन को राहत मिले।
सड़कों से पार्किंग फलक नदारद
सड़कों पर सम-विषम तारीखों के अनुसार पार्किंग के निर्देश लागू हैं, लेकिन बाजार, सब्जी मंडी, मंदिर, स्कूल, कॉलेज और रेस्टोरेंट जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर पार्किंग फलक नदारद हैं। यदि हैं भी तो टूटी-फूटी अवस्था में। इस तरफ यातायात विभाग का बिल्कुल ध्यान नहीं है। लोग जानकारी के अभाव में भी अपने वाहन पार्क कर देते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भारी भरकम रकम देकर चुकाना पड़ता है।

‘ईडी’ सरकार की स्कीम … मुफ्त इलाज से हुए बर्बाद! …संकट में राज्य के २,४१८ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

बिजली विभाग के करोड़ों रुपए हैं बकाया
किसी भी केंद्र के पास बिल चुकाने के पैसे नहीं
सुनील ओसवाल / मुंबई
वोटों के लिए मुफ्त रेवड़ी बांटने के चक्कर में राज्य के करीब ढाई हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंधेरे में डूबने के कगार पर पहुंच गए हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों पर करोड़ों रुपयों के बिजली बिल बकाया हो चुके हैं और इन्हें भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। असल में पहले इलाज के लिए वहां १० रुपए की पावती लेनी पड़ती थी। इसके अलावा छोटी-मोटी जांच के लिए कुछ पैसे लिए जाते थे। इन पैसों से ये केंद्र बिजली का बिल भरते थे। तीन महीने पहले सरकार ने इसे मुफ्त कर दिया। इसके बाद से इनका संकट बढ़ गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने गत अगस्त से केस पेपर के साथ मुफ्त इलाज की शुरुआत की है, इसलिए स्वास्थ्य केंद्रों के पास अब कोई आय नहीं बची है। राज्य के स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों के अधिकारी बकाया बिजली बिल के भुगतान के लिए जिला परिषद में चक्कर लगा रहे हैं। सरकार ने गत १५ अगस्त से राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के कुल २,४१८ संस्थानों में मरीजों को मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्णय लिया। इस पैâसले से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों, महिला अस्पतालों, जिला सामान्य अस्पतालों, उपजिला अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज मिलना शुरू हो गया। पहले आउट पेशेंट पंजीकरण १० रुपए, इनपेशेंट शुल्क २० रुपए, आहार शुल्क १० रुपए, हीमोग्लोबिन परीक्षण २० रुपए, यूरिन टेस्ट ३५ रुपए आदि शुल्क लिया जाता था। यह बंद हो गया। इससे इन स्वास्थ्य केंद्रों के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया। कुछ जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी खबर है।

बिहार को कब मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा? …क्यों चुप्पी साधे हुए हैं सीएम …तेजस्वी यादव ने नीतीश की बढ़ाई टेंशन

सामना संवाददाता / पटना
बिहार में अपराध बढ़ा है। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। ब्लॉक से लेकर थाने तक में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उक्त बातें गुरुवार को खगड़िया परिसदन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कही।
नेता प्रतिपक्ष ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा के सवाल पर सूबे की सरकार और केंद्र सरकार दोनों को घेरा। उन्होंने सवाल किया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा? अभी तो राज्य में और केंद्र में भी एनडीए की सरकार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर अब चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने इसे बिहार के साथ धोखा और सौतेला व्यवहार करार दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि खगड़िया से पलायन हो रहा है। महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी है, लेकिन इस ओर से केंद्र और राज्य सरकार दोनों उदासीन हैं। सरकार इन समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है।
जीविका दीदी से कर दिया वादा
कार्यक्रम से पूर्व उन्होंने मीडिया से बात की। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका दीदियों को जदयू के वैâडर के रूप में तब्दील करना चाह रहे हैं। उन्होंने वादा किया कि यदि राजद की सरकार बनती है तो दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी और जीविका दीदियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
बता दें कि जीविका दीदी बनीं अधिकांश महिलाएं नीतीश कुमार की वोटर्स मानी जाती हैं। ऐसे में तेजस्वी ने यह दांव चलकर कहीं उनके वोटरों में सेंधमारी की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी यात्रा पर २५० करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इसका लाभ केवल चुनिंदा लोगों को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री का जनता दरबार भी समस्याओं का समाधान करने में असफल रहा है। बिहार में अफसरों को लूट की छूट दे दी गई है। उन्होंने १७ महीने के महागठबंधन सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि उनके कार्यकाल में पांच लाख नौकरियां सृजित हुर्इं। ५०,००० करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए और जाति आधारित जनगणना पूरी की गई। उन्होंने विश्वास जताया कि जैसे झारखंड में चुनाव जीता है, वैसे ही बिहार में भी महागठबंधन की जीत होगी।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर का जिक्र करते हुए कहा कि यह योजना जनता के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। तेजस्वी ने मौजूदा सरकार को भी इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के लिए विवश करने का संकल्प लिया। उन्होंने भाजपा पर आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। कहा कि, हम इसको लेकर सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।

दिसंबर में तपिश का तांडव! …१६ साल का रिकॉर्ड टूटा

-पारा पहुंचा ३७.३ डिग्री
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में दिसंबर की ठंड ने इस बार गर्मी के आगे घुटने टेक दिए हैं। बुधवार को शहर ने बीते १६ सालों का सबसे गर्म दिसंबर झेला, जब तापमान कोलाबा में ३५ डिग्री और सांताक्रूज में ३७.३ डिग्री तक पहुंच गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस असामान्य गर्मी के लिए चक्रवात ‘फेंगल’ को जिम्मेदार ठहराया है, जो ठंडी दक्षिणी हवाओं को रोक रहा है। अगले चार दिनों तक ऐसी ही गर्मी रहने की संभावना है। आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार, चक्रवात फेंगल ने गर्म दक्षिणी हवाओं का रास्ता खोल दिया है, जिससे मुंबई में तापमान में गिरावट रुक गई है। चक्रवात फिलहाल अरब सागर की ओर बढ़ रहा है और इस सप्ताह शहर के मौसम को प्रभावित करता रहेगा। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही मुंबई ने १६.५ डिग्री का रिकॉर्ड न्यूनतम तापमान दर्ज किया था, लेकिन अब वही दिसंबर गर्म हवाओं के थपेड़ों से परेशान कर रहा है। बुधवार को जुहू, बांद्रा, गोरेगांव और दक्षिण मुंबई के इलाकों में सुबह हल्की बूंदाबांदी देखी गई। दिन चढ़ने के साथ उमस और तापमान ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। आईएमडी के सांताक्रूज वेधशाला ने ३७.३ डिग्री दर्ज किया, जो सामान्य से करीब ४ डिग्री ज्यादा है। यह २००८ के बाद से दिसंबर का सबसे गर्म दिन था। वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्वी हवाओं और नमी की वजह से अगले ३-४ दिनों तक गर्मी बनी रहेगी, जिसके बाद तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है।

 

 

महाराष्ट्र के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाया तो खैर नहीं …गुजरात समर्थक नई भाजपा सरकार को कांग्रेस की चेतावनी

कहा- जनहित के मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा
सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव आयोग की मदद से मतगणना में हेर-फेर कर महाराष्ट्र में जनता के वोटों की चोरी कर महायुति की सरकार बनी है। चोरी के बहुमतवाली नई सरकार की स्थापना विवादों में घिरी हुई है। तीन दलों के अंदरूनी विवाद के चलते महाराष्ट्र की छवि पूरे देश में धूमिल हुई है, ऐसा जोरदार हमला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा नेतृत्व वाली महायुति पर बोला।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहू महाराज, फुले, और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्वाभिमानी महाराष्ट्र को गुजरात समर्थक नई सरकार से कोई ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। अन्यथा कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ेगा। सरकार गठन पर नाना पटोले ने कहा कि महायुति के पास बहुमत होते हुए भी सरकार बनाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को सरकार में खास महत्व नहीं दिया जा रहा। दोनों नेताओं को दिल्ली में जाकर मंत्री पद की भीख मांगनी पड़ रही है। अब भाजपा को शिंदे की कोई जरूरत नहीं और बहुमत मिलते ही भाजपा और मोदी-शाह ने शिंदे और पवार को उनकी जगह दिखा दी है।

पटोले ने कहा कि भाजपा को अपनी चुनावी घोषणाओं पर तुरंत अमल करना चाहिए। इनमें किसानों की कर्जमाफी, कृषि पंपों के बिजली बिल माफ करना, महिलाओं को २१०० रुपए मासिक और २.५ लाख रिक्त पदों की भर्ती जैसी घोषणाएं शामिल हैं।

पुष्पा से परेशान हुआ सऊदी अरब! …दर्जनों दृश्यों का कर दिया कत्ल १९ मिनट छोटी कर दी फिल्म ‘गंगम्मा जतारा’ पर चली जोरदार कैंचा

सामना संवाददाता / मुंबई
अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा २’ की धमाकेदार शुरुआत हुई है। कल यह भारत के साथ ही पूरु दुनिया में रिलीज की गई। लोग इसे खूब पसंद कर रहें हैं, पर सऊदी अरब इस फिल्म से परेशान हो गया है। वहां भी यह फिल्म रिलीज हुई है, पर काफी काट-छांट के बाद। वहां के सेंसर बोर्ड ने दर्जनों महत्वपूर्ण दृश्यों का कत्ल कर दिया। कुल मिलाकर वहां १९ मिनट के सीन पर कैंची चलाई गई है।
सऊदी अरब के सेंसर बोर्ड ने अल्लू अर्जुन की फिल्म में तगड़ी काट-छांट की है और फिल्म से वो सीन भी उड़ा दिया है, जिसके लिए मेकर्स ने ६० करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दरअसल, सऊदी अरब ने हिंदू देवताओं को दिखाए जाने पर फिल्म में खूब काट-छांट की है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी ने ‘पुष्पा २’ के एक बहुत महत्वपूर्ण सीक्वेंस, ‘गंगम्मा जतारा’ सीक्वेंस बहुत ज्यादा काट दिया है। मेकर्स ने फिल्म के प्रमोशन के दौरान बार-बार ये हाईलाइट किया था कि ये सीक्वेंस उनकी फिल्म की जान है और इसमें अल्लू अर्जुन ने जबरदस्त परफॉरमेंस दी है। ‘पुष्पा २’ के टीजर में अल्लू अर्जुन साड़ी पहने, चेहरे पर ब्लू मेकअप के साथ एक बिल्कुल अलग लुक में नजर आए हैं, जिसे देखकर फैंस हैरान रह गए। तिरुपति शहर की ग्रामदेवी कही जाने वालीं श्री तातैयागुंटा गंगम्मा के प्रति श्रद्धा दर्शाने के लिए गंगम्मा जतारा का आयोजन होता है। इस उत्सव में पुरुष महिलाओं के वेश में तैयार होते हैं। उनकी ही तरह साड़ी पहनते हैं, शृंगार करते हैं, जूलरी पहनते हैं और विग भी लगाते हैं। इस तरह वो देवी गंगम्मा और नारीत्व के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। गंगम्मा जतारा का ये सीक्वेंस ‘पुष्पा २’ की जान है। r

ईडी बनी गुलाम निदेशालय! …प्रियांक खड़गे ने ईडी पर रिपोर्ट लीक करने का लगाया आरोप

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लोकायुक्त को पत्र भेजने और रिपोर्ट को चुनिंदा मीडिया में लीrक करने को लेकर गंभीर आरोप लगाया। प्रियांक खड़गे ने बुधवार को कहा कि यह सब राजनीतिक मंशा से किया जा रहा है और यह कार्रवाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है। प्रियांक खड़गे ने कहा कि ईडी अब एक गुलाम निदेशालय बन चुका है।
ईडी की ओर से लगाए गए तमाम आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि ईडी के पास यह अधिकार वैâसे आया कि वह नोटिफिकेशन, सेल डीड, गिफ्ट डीड और अपराध की आय पर बात करे। उन्होंने कोई ठोस जांच नहीं की है और जो भी रिपोर्ट सामने आई है, वह पूरी तरह से बनावटी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने जानबूझकर रिपोर्ट को लोकायुक्त और मीडिया में लीrक किया है। रिपोर्ट का समय खुद ही सवाल खड़ा करता है। हाई कोर्ट में एक महत्वपूर्ण मामला है और आज यह रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। यह साफ-साफ दिखाता है कि ईडी का इरादा केवल राजनीतिक नुकसान पहुंचाना है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के पीएमएलए और ईसीआईआर मामले मीडिया में सार्वजनिक हो जाते हैं, लेकिन बीजेपी नेताओं के मामलों पर चुप्पी साधी जाती है।
उन्होंने सवाल किया कि, ‘हिमंत बिस्वा शर्मा, अजीत पवार जैसे नेताओं के मामले मीडिया में क्यों नहीं आते?’ उन्होंने दावा किया कि यह सब बीजेपी की अंदरूनी राजनीति और कमजोरियों को छुपाने के लिए किया जा रहा है। कर्नाटक में बीजेपी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है, बीजेपी नेताओं के बीच झगड़ा सार्वजनिक हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन मुद्दों से निपटने के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर कार्रवाई करेगी।

तीसरी मुंबई के लिए १२४ गांवों का होगा भूमि अधिग्रहण! … २५ हजार किसानों ने दर्ज कराई हैं आपत्तियां

– एमएमआरडीए ३३२ वर्ग किमी में बनाएगी नया शहर
सामना संवाददाता / मुंबई
किसानों को विश्वास में लिए बिना सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) से उरण, पनवेल और पेण में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का पैâसला किया है। ऐसे में सिडको की नैना की तरह किसानों के आशियाने का क्या होगा, इस पर सवाल उठ रहा है। किसान पूछ रहे हैं कि क्या राज्य की नई सरकार किसानों के सुझावों और आपत्तियों पर ध्यान देगी।
तीसरे मुंबई शहर को विकसित करने के लिए एमएमआरडीए को नए शहरी विकास प्राधिकरण (एनटीडीए) के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। इसके लिए उरण तालुका में २९, पनवेल में ७ और पेन में ८८ में कुल १२४ गांवों में ३३२ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह नया शहर बनाया जाएगा। शहर को मुंबई के बीकेसी की तर्ज पर करनाला-साई-चिर्नेर (केएससी) कॉम्प्लेक्स के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए यहां के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है क्योंकि सरकार ने उन्हें विश्वास में लिए बिना पैâसला लिया है। मार्च महीने में किसानों ने कोंकण भवन स्थित कोंकण टाउन प्लानिंग विभाग में २५ हजार आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराए थे। एक दिन पहले एमएमआरडीए को नया नगर निगम प्राधिकरण नियुक्त किया है। इसलिए किसानों में असंतोष है। किसानों ने एमएमआरडीए की अधिसूचना पर आपत्ति जताई थी क्योंकि सरकार शहरों और उद्योगों के निर्माण के लिए किसानों की जमीन छीन रही थी। इसे नजरअंदाज कर दिया गया है।

शपथ ग्रहण समारोह के लिए बेस्ट की ५८२ बसें आरक्षित …यात्रियों को उठानी पड़ी भारी परेशानी

-सैकड़ों स्टॉप्स पर भीड़, लंबी कतारें, धूप और उमस ने किया बेहाल
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आजाद मैदान में भीड़ जुटाने के मकसद से मुंबई के अलग-अलग हिस्सों से बेस्ट की ५८२ बसें आरक्षित की गर्इं, लेकिन इसका खामियाजा आम यात्रियों को भुगतना पड़ा। कई बस स्टॉप्स पर यात्रियों की लंबी कतारें लगी रहीं और ऊपर से तेज धूप और उमस ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया।
विधानसभा चुनाव में महायुति को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद आज आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान तीनों पार्टियों की ओर से बड़ी संख्या में लोगों को बुलाने के लिए सैकड़ों बसों का इंतजाम किया गया, लेकिन इनमें बेस्ट की बसों को भी शामिल कर लेने से आम यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
बेस्ट के बेड़े में वर्तमान में कुल ३,१७५ बसें हैं, जिनमें से कुछ खराब स्थिति में होने के कारण सेवाओं में नहीं चल रही हैं। ऐसे में गुरुवार को महायुति के इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए ५८२ बसें आरक्षित की गर्इं। इसका नतीजा यह हुआ कि सुबह ऑफिस जाने के समय बसों की कमी कारण बस स्टॉप पर यात्रियों की काफी लंबी-लंबी कतारें देखी गर्इं। हालांकि, बेस्ट ने इस आयोजन के लिए बसें उपलब्ध कराने से ७५ लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया, लेकिन यात्रियों को हुई असुविधा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। आखिरकार इस परेशानी के लिए जिम्मेदार कौन है?