होली पर्व पर पाठकों की कविताएं

बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
हरा लगाऊं या लाल लगाऊं
या बोलो तो, बसंती बन जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
प्रीत लगाऊं या प्रेम लगाऊं
या बोलो तो प्रेयसी बन जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
धूप लगाऊं या छांव लगाऊं
या बोलो तो परछाई बन जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
साथ में आऊं या दूर चली जाऊं
या बोलो तो, संग हो जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
अगन लगाऊं या लगन लगाऊं
या बोलो तो, सावन बन जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
नींद में आऊं या रात को जगाऊं
या बोलो तो, एक हो जाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं
बोल पिया तुझे, कौन सा रंग लगाऊं।
-वंदना मौर्या, इंदौर

जोगीरा सा रा रा
महंगाई की पिचकारी से
जन-जीवन खस्ता हाल
मंत्री संतरी लाल हो रहे,
मल कर भ्रष्टाचार का गुलाल।।
जोगीरा सा रा रा…
पंजा पार न कर पाया
शून्य की लक्ष्मण रेखा।
झाड़ू के ऊपर कमल खिला
दिल्ली ने सब देखा।।
जोगीरा सा रा रा…
चढ़ा के चने के झाड़ पर,
पीछे खींच ले हाथ।
पूंजीवादी देशों से मित्रता
यूक्रेनियन आत्मघात।।
जोगीरा सा रा रा…
विकास दूत लाने वाले हैं,
धन-धान्य रोजगार।
बिहार में मनायी जाने वाली है
लोकतांत्रिक त्योहार।।
जोगीरा सा रा रा…
मंदिर-मस्जिद के नाम पर
हासिल करते थे वोट।
बिहार में मदिरा के नाम पर
सरकार बनाने की लहालोट ।।
जोगीरा सा रा रा…
धो-धो कर नश्वर तन,
महा मुक्ति की आशा
मोक्ष मिले न मिले जोगी जी,
मिल गई मोनालिसा।।
जोगीरा सा रा रा…
लीक हो जाना प्रश्न पत्र का
बन चुका है नेचर।
पकौड़े तलने को दिख रहा
युवाओं का फ्यूचर।।
जोगीरा सा रा रा…
-विनोद कुमार विक्की

अपने सारे कष्ट मिटेंगे
अब की प्यारी होली में।।
खुशी उमंग हंसेंगे जमकर।
अब की प्यारी होली में।।
सारे रंग मिलेंगे सुंदर।
अब की प्यारी होली में।।
प्रेम उछलकर शिखर चढ़ेगा।
अब की प्यारी होली में।।
बच्चे बूढ़े झूम उठेंगे।
अब की प्यारी होली में।।
दौड़ेगा उत्साह जगत में।
अब की प्यारी होली में।
घोर निराशा मर जाएगी।
अब की प्यारी होली में।।
मन में लड्डू फूट पड़ेगा।
अब की प्यारी होल में।
सुबह सुबह सूरज निकलेगा।
अब की प्यारी होली में।।
मौसम भी गदरा जाएगा।
अब की प्यारी होली में।।
हरियाली को पंख लगेगा।
अब की प्यारी होली में।।
यौवन सपने में झूमेगा।
अब की प्यारी होली में।।
कवियायी बहनें नाचेंगी।
अब की प्यारी होली में।।
सड़कों पर उत्साह मिलेगा।।
अब की प्यारी होली में।।
जीवन भर का कोढ़ कटेगा।
अब की प्यारी होली में।।
हम भी रंगों में डूबेंगे।
अब की प्यारी होली में।।
सुंदरता को चांद लगेगा।
अब की प्यारी होली में।।
खुशी उछलकर नाच उठेगी।
अब की प्यारी होली में।।
डालर भी नतमस्तक होगा।
अब की प्यारी होली में।।
वैभव बरसेगा भारत में।
अब की प्यारी होली में।।
भाईचारा गले मिलेगा।
अब की प्यारी होली में।
काव्य सृजन प्रोग्राम करेगा।
अब की प्यारी होली में।
कवियों को कवियाना होगा।
अब की प्यारी होली में।
अन्वेषी भी गले मिलेंगे।
अब की प्यारी होली में।।
-अन्वेषी

वन्य प्राणियों के अंगों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरफ्तार

सामना संवाददाता / ग्वालियर

विशेष पुलिस महानिदेशक म.प्र. एसटीएफ पंकज श्रीवास्तव द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण के लिए वन्य प्राणियों के शिकार करने वाले एवं अंगों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश प्राप्त हुए थे, जिसके तहत राजेश सिंह भदौरिया पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ग्वालियर के मार्गदर्शन में संजीव कुमार तिवारी उप पुलिस अधीक्षक इकाई प्रभारी एसटीएफ ग्वालियर के निर्देशन में 6 सदस्यीय एक टीम गठित की गई। उक्त एसटीएफ टीम एवं स्टेट टाइगर स्ट्राइकर फोर्स यूनिट शिवपुरी की संयुक्त टीम द्वारा जिला श्योपुर कूनो अभ्यारण में वन्य प्राणियों के शिकार कर उनके अंगों की तस्करी कर रहे आरोपियों के विरुद्ध कल मंगलवार को मुखबिर की सटीक सूचना पर से बस स्टैण्ड श्योपुर के पास एक बुलेरो वाहन कमांक एमपी-06 बीए-0660 के साथ 1- ऋषिकेश मीणा पिता देवीलाल मीणा, उम्र 36 वर्ष, निवासी ग्राम कनरदा, थाना करनपुर, जिला करौली, राजस्थान एवं 2-सखी आदिवासी पत्नी टिकल आदिवासी उम्र 27 वर्ष, निवासी-कस्वा लिखारा, पुलिस थाना अगरा जिला श्योपुर को घेराबंदी कर उनके कब्जे से 11 सींग (चीतल/सांभर), एक जंगली जिंदा खरगोश मय बुलेरो वाहन क्रमांक एमपी-06-बीए-0660 के बरामद की गई, जिसमें अग्रिम कार्रवाई सामान्य वन मंडल जिला श्योपुर द्वारा की गई।उक्त कार्रवाई में एसटीएफ इकाई ग्वालियर के प्रधान आरक्षक नरेंद्र शर्मा, आरक्षक रवि गोले, आरक्षक रवि कछवारे, आरक्षक कपिल यादव, आरक्षक अरविंद्र प्रजापति एवं आरक्षक चालक काजी जावेद की भूमिका रही है।

पत्रकार के हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग को लेकर दिया ज्ञापन

सामना संवाददाता / जौनपुर

सीतापुर में हुई पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की निर्मम हत्या के विरोध में तहसील इकाई बदलापुर के जौनपुर प्रेस क्लब द्वारा महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार बदलापुर को सौपा गया। बुधवार सुबह तहसील बदलापुर में पत्रकार हत्याकांड को लेकर जौनपुर प्रेस क्लब की तहसील इकाई के अध्यक्ष हुबलाल यादव और जिला महामंत्री आशीष पांडेय के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री उ.प्र. को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार राकेश कुमार को सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ अति शीघ्र कठोर कार्रवाई करते हुए शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की गयी। साथ ही मृतक पत्रकार के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की भी मांग की गई है। ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा की उच्च स्तरीय गठन के साथ पत्रकार सुरक्षा कानून और उनके ऊपर फर्जी मुकदमें एससी / एसटी आदि जैसे कई उत्पीड़न के मामले को त्वरित निस्तारण हेतु प्रत्येक जिले में पत्रकार सुरक्षा अधिकारी की तैनाती किए जाने की मांग की गयी है। इस मौके पर तहसील अध्यक्ष हुबलाल यादव के साथ राजकमल मिश्रा, रामजतन यादव, कुलदीप विश्वकर्मा, भानु प्रताप, अभिषेक यादव, शुभम यादव, पंकज बिंद, अनिल कुमार, बबलू सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे।

महिला सशक्तिकरण के लिए डॉ. मंजू लोढ़ा को मिला प्रेरणा सम्मान

सामना संवाददाता / मुंबई

महाप्रज्ञ विद्यानिधि फाउंडेशन और दक्षिण मुंबई तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम “नारीत्व का उत्सव स्वरधारा” में लोढ़ा फाउंडेशन की अध्यक्ष, ‘परमवीर चक्र अवॉर्ड डायरी’ की लेखिका एवं महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष डॉ. मंजू मंगल प्रभात लोढ़ा को मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। इस अवसर पर उन्हें समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान और महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण के लिए “प्रेरणा सम्मान” से सम्मानित किया गया।​ इस विशेष अवसर पर साध्वी श्री निर्वाण श्रीजी एवं योगक्षेम प्रभाजी के कर-कमलों से उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ, जिससे यह पल और भी आध्यात्मिक और प्रेरणादायक बन गया।​ कार्यक्रम के आयोजक दक्षिण मुंबई तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष वनिता धाकड़, सचिव संगीता राठौड़, उपाध्यक्ष लतिका डागालिया, उपाध्यक्ष पुष्पा कच्छारा​ ने सम्मान प्राप्त करने पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए डॉ. मंजू लोढ़ा ने यह पुरस्कार हर उस नारी को समर्पित किया, जो अपने सामर्थ्य और संवेदना से समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।​
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मंजू लोढ़ा ने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और समाज में नारी के योगदान पर अपने विचार साझा किए और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने व अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी।​ इसके अतिरिक्त डॉ. मंजू लोढ़ा को 8 मार्च 2025 को इंटरनेशनल वुमेंस डे के अवसर पर प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स द्वारा आयोजित 2025 नेशनल कन्वेंशन में ‘अमर शहीद मंगल पांडे अवार्ड ऑफ एक्सलेंस’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने इस सम्मान के लिए अलका वलवलकर, हरीष और राकेश का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया।

सेंट्रल रेलवे कॉन्ट्रैक्ट लेबर संघ के महामंत्री तथा इंटक मुंबई के अध्यक्ष अमित भटनागर ने वाडीबंदर यार्ड में कर्मचारियों के लेट -लतीफी मिलने वाले वेतन को लेकर कंपनी से चर्चा की

मुंबई। आज शाम अमित भटनागर ने वाडीबंदर यार्ड में कर्मचारियो के लेट-लतीफी मिलने वाले वेतन को लेकर बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से की चर्चा की और जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालने को कहा. साथ ही सैकड़ो मजदूरो के साथ लेकर वरिष्ठ कोचिंग डिपो अधिकारी से बातचीत करने गए।

अगली होली शराबियों पर संकट : अजीत पवार का ‘मादक’ निर्णय …वोटिंग तय करेगी बेवड़ों का भविष्य!

अब ७५% मतदान से निश्चित होगा वाइन शॉप का लाइसेंस
राजन पारकर / मुंबई
राज्य की ‘ईडी’ सरकार के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कल एक बहुत ही ‘मादक’ निर्णय लिया है। यदि इस निर्णय पर सरकार इमानदारी और गंभीरता से काम करती है तो आनेवाली होली पर धर्म विमुख ‘बेवड़ों’ के लिए शराब की किल्लत पैदा हो सकती है। जानकारी के अनुसार, सरकार ने अपनी नई नियमावली में घोषित किया है कि यदि किसी वार्ड (मनपा प्रभाग) विशेष के ७५ फीसदी लोग विरोध में खड़े हुए तो उस वार्ड की शराब की दुकानों पर संकट खड़ा हो सकता है। ऐसे वार्ड की वाइन शॉप बंद हो सकती हैं। इसी तरह यदि ७५ फीसदी लोगों ने वाइन शॉप के समर्थन में मतदान किया तो उक्त क्षेत्र में शराब की नई दुकान खोलने का रास्ता भी साफ हो सकता है। तो खासकर मुंबई में वोटिंग से बेवड़ों के मदहोश होने का भविष्य तय होगा।

शराबबंदी का लोकतांत्रिक फॉर्मूला!
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का ‘७५ फीसदी वोट’ वाला नया चमत्कार

क्या ‘ईडी’ सरकार महाराष्ट्र में शराबबंदी का ढोंग कर रही है। इसके लिए एक लोकतांत्रिक फॉर्मूला निकाला गया है। इसके तहत राज्य में हाउसिंग सोसायटी के कॉमर्शियल गालों में शराब की दुकान खोलनी हो तो अब एनओसी लेनी अनिवार्य है। यदि किसी मनपा वार्ड में शराब की दुकान बंद करनी हो तो ७५ फीसदी लोगों का समर्थन जरूरी है। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कल यह नया ‘गणितीय’ और ‘लोकतांत्रिक’ फॉर्मूला घोषित कर दिया।
पिछले कई दशकों से महाराष्ट्र में सरकार शराबबंदी की बात तो करती है, पर सिर्फ कागजों पर। हकीकत में शराब की दुकानें बढ़ रही हैं। अवैध शराब धड़ल्ले से बिक रही है और सरकार का राजस्व भी बढ़ रहा है। हाउसिंग सोसायटी के व्यावसायिक गालों में शराब की दुकान खोलनी हो तो ‘एनओसी’ लेना जरूरी रहेगा, ऐसा सरकार कहती है। ऐसे में सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है और सोसायटी के रहवासियों को आपस में लड़ने के लिए छोड़ रही है। लोगों का कहना है कि आज सोसायटी में पार्किंग को लेकर झगड़े होते हैं, कुत्तों को खाना खिलाने पर विवाद होते हैं। अब ‘शराब की दुकान खोलें या नहीं’ इस नए मुद्दे पर भी लोग भिड़ेंगे। इससे भी ज्यादा हास्यास्पद बात यह कि किसी वार्ड में शराब की दुकान चालू रखनी है या बंद करनी है, यह ७५ प्रतिशत मतदान से तय होगा।
एक तरफ बंदी, दूसरी तरफ छूट
अजीत पवार की यह घोषणा वैसे ही है जैसे पु. ल. देशपांडे का मशहूर किरदार ‘सखाराम गटणे’, एक तरफ बंदी की बात करता है और दूसरी तरफ छूट भी देता है! सरकार का यही कहना है, ‘शराब बिक्री बढ़ानी नहीं, मगर राजस्व भी चाहिए। दुकानें कम करनी हैं, मगर जनता को तय करने दो!’ इसे ही कहते हैं ‘दूध से मुंह जलने के बाद छाछ भी फूंककर पीना’। मगर यहां तो छाछ भी शराब की तरह पीनी है और ऊपर से ‘बंदी’ का ढोंग भी करना है।

 

संपादकीय : तुषार खरात की अवैध गिरफ्तारी …सातारा का वाल्मीक कराड!

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भले ही देवेंद्र फडणवीस हैं, लेकिन राज्य के कई गली गुंडे उनकी कैबिनेट में हैं, क्या कानून व पुलिस इन ‘आकाओं’ की कोठी पर नाच रही है? जनता ये सवाल पूछ रही है। सातारा के मंत्री जयकुमार गोरे ने गुंडागर्दी का कहर बरपाया है। सत्ता और पुलिस बल का दुरुपयोग करके, गोरे ने झूठे मामले दर्ज करके स्थानीय पत्रकार तुषार खरात की गिरफ्तारी को मजबूर किया। तुषार खरात ने गोरे के एक गंदे मामले का भंडाफोड़ किया। सातारा की एक गृहिणी ने गोरे को लेकर पुलिस और राजभवन में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला के मुताबिक, गोरे ने उसे उसके मोबाइल फोन पर अपनी नग्न तस्वीरें भेजकर एक तरह से उसका उत्पीड़न किया। जब महिला अदालत गई, तो गोरे ने अदालत में दंडवत कर माफी मांग मामला वापस लेने की भीख मांगी। दोबारा परेशान न करने का वादा करने पर महिला ने केस वापस ले लिया। इसका मतलब यह नहीं है कि जयकुमार गोरे इस उत्पीड़न मामले में बरी हो गए हैं। जबकि अदालत के आदेश में यह नहीं कहा गया कि गोरे निर्दोष है, गोरे ने विधानसभा को झूठ कहकर संप्रभु सदन को गुमराह किया कि वह इस मामले में बरी हो गया है इसलिए गोरे पर विशेषाधिकार के हनन का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। फिर इस पीड़िता का तुषार खरात ने इंटरव्यू किया और गोरे के झूठ का पर्दाफाश किया। ये महिला १७ मार्च को राजभवन के सामने भूख हड़ताल पर बैठेगी। क्योंकि गोरे ने उस महिला का उत्पीड़न जारी रखा। यह ऐसा मामला है कि गोरे को धक्के मारकर वैâबिनेट से बाहर किया जाना चाहिए, लेकिन महाराष्ट्र में इसके विपरीत हुआ। गोरे ने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग किया और खरात पर जबरन वसूली, छेड़छाड़, एट्रोसिटी जैसे अपराधों का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार करवाया। क्या गोरे के सरकार प्रायोजित गुंडागर्दी को मुख्यमंत्री फडणवीस की मंजूरी है? पुलिस का इस तरह
खुलेआम दुरुपयोग
महाराष्ट्र में जगह-जगह पर किया जा रहा है और वह आंच अब स्वतंत्रता संग्राम में अग्रसर रहनेवाले छत्रपति के सातारा तक पहुंच गई है। गोरे की हरकतें बीड़ के वाल्मीक कराड की तरह ही हैं और यह कराड सीधे-सीधे सत्ता में है। तुषार खरात एक युवा पत्रकार हैं जो खुद का ‘लय भारी’ नामक यूट्यूब चैनल चलाते हैं। सातारा के कई मामलों में उन्होंने बढ़िया रिपोर्टिंग की है। अगर खरात ने कुछ गलत किया है तो संबंधित व्यक्ति उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। मानहानि का मुकदमा दायर कर सकता है। गोरे ने खरात पर सीधे विशेषाधिकार हनन का मामला बना दिया। चलो यह भी मान लिया, लेकिन गोरे की बदले की आग इस हद तक भड़क गई कि उन्होंने खरात के खिलाफ कई मुकदमे दायर कर दिए और ऐसी धाराएं लगा दीं कि खरात कभी रिहा नहीं हो पाए। यह एक युवा पत्रकार की जिंदगी को खत्म करने का घृणित प्रयास है। इसके पहले गोरे ने सातारा के एक शिक्षण संस्था और उसके कॉलेज को हड़पने के लिए देशमुख और उनके परिवार पर आपराधिक मामले दायर कर उन्हें जेल में सड़ा दिया था। गोरे ने देशमुख के घर की महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा। गोरे की हरकतें महाराष्ट्र और मानवता के चेहरे पर कालिख पोतने वाली हैं और फिर उनका दबाव यह है कि उनके इन कुकृत्यों को प्रचारित न करें। ये हमारा महाराष्ट्र है जो तिलक, आगरकर, जांभेकर, आचार्य अत्रे की पत्रकारिता की विरासत को बताता है। अगर उस महाराष्ट्र में सच बोलने पर एक युवा पत्रकार को बदले की आग में जल रहे मंत्री द्वारा जेल में डाला जा रहा है तो यह मान लेना चाहिए कि यह राज शिवराय का नहीं, बल्कि मोदी का हो गया है। देश में मोदी की आलोचना करनेवालों के खिलाफ इसी तरह की बदले की कार्रवाई चल रही है। इससे कार्टूनिस्ट, पत्रकार, लेखक दहशत में हैं। महाराष्ट्र में भी इसी तरह की घटिया हरकतें शुरू हो गई हैं। युवा पत्रकार तुषार खरात की गिरफ्तारी ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इनमें सबसे पहला और महत्वपूर्ण है कि क्या महाराष्ट्र में अघोषित आपातकाल और
पत्रकारिता पर सेंसरशिप
लागू हो गया है? अगर कोई सामने आकर सबूतों के साथ सत्ताधारी दल के नेताओं और मंत्रियों पर भ्रष्टाचार, बलात्कार और गुंडागर्दी के आरोप लगाता है तो क्या पत्रकारों को उस पर आंखें मूंद लेने का फरमान है? क्या मुख्यमंत्री फडणवीस ने महाराष्ट्र में मंत्रियों को किसी भी तरह की हरकतें करने, सच बोलने वालों को धमकाने का लाइसेंस दे दिया है? इन सवालों का जवाब मुख्यमंत्री को विधानसभा में देना चाहिए। यदि विपक्षी दलों में लोकतंत्र की भावना और अन्याय के खिलाफ लड़ने की ऊर्जा बची है, तो तुषार खरात की गिरफ्तारी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और विधानसभा में मंत्री जयकुमार गोरे की गुंडागर्दी पर सरकार को आड़े हाथों लेना चाहिए। सातारा में शिवराय के दो वंशज फडणवीस सरकार के समर्थक हैं। क्या सातारा के दोनों श्रीमंत छत्रपति इन सभी मामलों में चुप रहनेवाले हैं? भले कोई भी चुप रहे, महाराष्ट्र के सभी पत्रकारों, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले लोगों को जयकुमार गोरे के दमनतंत्र के खिलाफ डटकर खड़ा होना होगा। अगर महाराष्ट्र में सच बोलना और लिखना अपराध हो गया तो यह राज्य गूंगों-बहरों का गुजरात बन जाएगा। राज्य मंत्री जयकुमार गोरे को झूठे मामले दर्ज कर पत्रकार तुषार खरात को गिरफ्तार करने की बजाय ‘आरोप’ लगाने वाली उस पीड़ित महिला के खिलाफ मानहानि और विशेषाधिकार उल्लंघन का मामला दर्ज करने का साहस दिखाना चाहिए। गोरे ने वैसा नहीं किया। क्योंकि संबंधित महिला को भेजी गई ३०० निजी और अश्लील तस्वीरें अभी भी कोर्ट की कस्टडी में हैं। गोरे द्वारा की गई ये सभी तस्वीरें और अश्लील चैट्स को जनहित में कोर्ट द्वारा ही सामने लाया जाना चाहिए। शैतान को नंगा करना ही होगा। मंत्री जयकुमार गोरे ने अपने साथ-साथ मुख्यमंत्री फडणवीस की भी पोल खोल दी। मुंडे, गोरे, रावल, राठौड़ जैसे फालतू लोगों की मंडली फडणवीस के मंत्रिमंडल में है। उनमें से मुंडे गए। औरों को भी जाना है। पत्रकार तुषार खरात की गिरफ्तारी स्वतंत्रता और लोकतंत्र में विश्वास रखनेवाले लोगों के लिए एक आघात है। तुषार खरात के साथ खड़ा होना चाहिए। तुषार खरात के साथ रोहित पवार खड़े हो गए हैं। उनका अभिनंदन! लेकिन दूसरों के बारे में क्या?

महायुति सरकार का नया फरमान …मटन दुकानों का नए सिरे से होगा रजिस्ट्रेशन …मल्हार सर्टिफिकेट किए जाएंगे जारी हिंदुओं के लिए बेचा जाएगा झटका मटन!

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार खान-पान पर भी अपना विचार लादने की नीति पर काम कर रही है। महायुति सरकार के मंत्री ने एलान किया है कि महाराष्ट्र में अब हिंदुओं के लिए खास तरह का झटका मटन बेचा जाएगा। राज्य के मत्स्य पालन मंत्री ने कहा कि सभी झटका मटन की दुकानों का नए सिरे से रजिस्ट्रेशन होगा। इसके तहत उन्हें ‘मल्हार सर्टिफिकेट’ दिए जाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये दुकानें विशेष रूप से हिंदुओं की ओर से चलाई जाएंगी। मल्हार सर्टिफिकेट देश के मौजूदा हलाल सर्टिफिकेट के ही समान है, जहां मांस को शरिया या इस्लामिक कानून के तहत तैयार किया जाता है। हलाल तरीके के विपरीत झटका मांस जानवर को एक ही वार में दर्द रहित तरीके से मारकर तैयार किया जाता है।
मंत्री ने इस मौके पर मल्हार सर्टिफिकेट नाम से वेबसाइट का भी एलान किया। यह एक तरह से झटका मांस वाले आपूर्तिकर्ताओं के लिए प्लेटफॉर्म होगा। उन्होंने कहा कि इसे विशेष रूप से खटीक समुदाय के हिंदुओं की ओर से चलाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि हिंदू समुदाय को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। इसके जरिए हिंदू लोग हिंदुओं के लिए झटका मटन बेचने वाली मटन की दुकानों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

‘ईडी’ सरकार ने छीना गरीबों के मुंह से निवाला! … ‘शिव भोजन थाली’ और ‘आनंदाचा शिधा’ योजना बंद

– बजट में नहीं किया गया प्रावधान

सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक के बाद एक झटका देने के चक्कर में गरीबों के मुंह से निवाला भी छीन लिया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए शिव भोजन थाली योजना शुरू की थी। इस योजना को महायुति सरकार ने बंद कर दिया है। इस योजना के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसी प्रकार फडणवीस ने शिंदे द्वारा शुरू की गई ‘आनंदाचा शिधा’ योजना को बंद करके शिंदे को झटका दिया है। मुख्यमंत्री बनने के साथ ही फडणवीस ने क्रमश: शिंदे द्वारा शुरू की गई योजनाओं को निधि देना बंद कर दिया। जिसके परिणामस्वरूप सभी योजनाएं कागज पर सिमट कर रह गई हैं। गणेशोत्सव, शिव जयंती, गुढी पाडवा, दिवाली, दशहरा के दौरान सरकार आनंदाचा शिधा के तहत राशन मुहैया कराती है। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने ६०२ करोड़ रुपए भी खर्च किए थे। इस वर्ष के बजट में इस योजना के लिए कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसके अलावा एकनाथ शिंदे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थयात्रा योजना की घोषणा की थी। इस योजना के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों को धार्मिक स्थलों पर ले जाया गया। चर्चा है कि इस वर्ष के बजट में इस योजना के लिए धन की कमी के कारण यह योजना भी कूड़े के ढेर में डाल दी गई है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री रहते हुए गरीबों और जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए शिव भोजन थाली योजना शुरू की थी। मात्र १० रुपए में गरीबों और जरूरतमंदों को भरपेट भोजन मिल रहा था। बाद में कोरोना काल में इस थाली को नि:शुल्क कर दिया गया।

 

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक! …सेना के १०० अफसर हैं सवार

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी ने कल एक पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया। इस ट्रेन में सैकड़ों यात्रियों के साथ सेना के १०० अफसर भी सवार थे। इसके साथ ही बीएलए की तरफ से कथित रूप से जारी एक बयान भी सोशल मीडिया पर चल रहा है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अगर उनके खिलाफ मिलिट्री एक्शन लिया जाता है तो वे सभी की हत्या कर देंगे।
बलूचिस्तान प्रांत की सरकार के एक प्रवक्ता शाहिद रिंद ने बताया कि बोलान में मस्काफ के इलाके में जाफर एक्सप्रेस पर हमला किया गया है। ट्रेन के ड्राइवर जख्मी हैं। सिक्योरिटी फोर्सेज इलाके में भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि पूरा पहाड़ी इलाका है। बलूचिस्तान प्रांत में बताया जा रहा है कि बोलान इलाके में ट्रेन सुरंग के अंदर पहुंची, जब यह हमला हुआ। ट्रेन सुबह ९ बजे क्वेटा से रवाना हुई थी। सुरंग नंबर ८ में ट्रेन जैसे ही पहुंची तो ट्रैक पर धमाका हो गया। ट्रेन रुक गई और हमलावरों ने ट्रेन के इंजन पर फायरिंग की और इसमें ड्राइवर जख्मी हो गया। जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर के बीच हर रोज चलती है। यह एक यात्री ट्रेन है।

१,६३२ किलोमीटर की दूरी तय
ये ट्रेन रोहरी-चमन रेलवे लाइन और कराची-पेशावर रेलवे लाइन के एक हिस्से के साथ यात्रा करते हुए, १,६३२ किलोमीटर की दूरी तय करती है। ये दूरी कवर करने में ट्रेन को ३४ घंटे १० मिनट लगते हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक बयान में कहा है कि उनके पास १०० से भी ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवान बंधक हैं।