कुर्ला में कभी सुकून देने वाला गार्डन बना खतरनाक! …असामाजिक तत्वों ने बनाया अपना अड्डा!

सुधार का वादा, अमल कब?
सामना संवाददाता / मुंबई
कुर्ला-पश्चिम के मैच पैâक्ट्री लेन स्थित रामगणेश गडकरी गार्डन कभी स्थानीय लोगों को सुकून देता था, लेकिन अब इसकी हालत दयनीय हो चुकी है। खराब रख-रखाव, टूटी हुर्इं सुविधाएं और असामाजिक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों ने इस गार्डन को बर्बादी के कगार पर ला दिया है।
२००९ के बाद नहीं हुई मरम्मत
मुंबई मनपा के रिकॉर्ड के मुताबिक, गार्डन के खेल उपकरणों की आखिरी बार २००९ में मरम्मत हुई थी। अक्टूबर २०२४ में गार्डन के रख-रखाव का ठेका समाप्त होने के बाद नए ठेकेदार को नियुक्त किया गया है।
गंदगी का है साम्राज्य
स्थानीय निवासियों के अनुसार, कभी यह गार्डन आकर्षक हुआ करता था, लेकिन अब यहां कचरे का ढेर और गंदगी नजर आती है। झूले, ओपन जिम के उपकरण और रेलिंग टूटी हुई है। इसके बावजूद लोग यहां आते हैं, क्योंकि तीन किलोमीटर के दायरे में दूसरा कोई गार्डन नहीं है।

मनपा का दावा, सुधार कार्य जारी
मनपा अधिकारियों के मुताबिक, गार्डन में मरम्मत कार्य शुरू हो चुका है। असामाजिक तत्वों की शिकायत पुलिस को दी गई है। खेल उपकरणों की जांच की जा रही है। कुछ की मरम्मत की जाएगी, जबकि कुछ नए लगाए जाएंगे। मनपा ने गार्डन को फिर से विकसित करने की योजना बनाई है।

इंदिरा गांधी ने दिया था निक्सन को जवाब …अब मोदी ५६ इंच का सीना क्यों नहीं दिखाते …टैरिफ को लेकर जयराम रमेश का पीएम पर तंज

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ अपनी तारीफ सुनना चाहते हैं और उन्हें टैरिफ से कोई चिंता नहीं है।
रमेश ने कहा कि अमेरिका की धमकी पर अब पीएम मोदी ५६ इंच का सीना क्यों नहीं दिखा रहे हैं? कांग्रेस नेता का कहना था कि ट्रंप द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा और अमेरिका की धमकी का जवाब देने के लिए भारत को दलगत भावना से ऊपर उठकर सामूहिक संकल्प दिखाने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर जवाब नहीं देते और जब विदेश मंत्री एस जयशंकर बोलते हैं तो अमेरिका के प्रवक्ता और राजदूत की तरह बात करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को फिर दोहराया कि अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाने वाले देशों पर जवाबी शुल्क दो अप्रैल से लागू होंगे। ट्रंप की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता रमेश ने दावा किया कि हमारे प्रधानमंत्री सिर्फ तारीफ सुनना चाहते हैं, टैरिफ की उनको कोई चिंता नहीं है। हमारे नागरिकों को अमेरिका से अपमानजनक तरीके से भेजा गया। इस पर प्रधानमंत्री बिल्कुल चुप रहे।
रमेश ने कहा कि इंदिरा गांधी ने उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को क्या कहा था? याद करिए! चार नवंबर १९७१ को जब निक्सन और हेनरी किसिंजर (निक्सन के समय अमेरिका के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) ने भारत को बदनाम करने का प्रयास किया तो इंदिरा खड़ी होकर बोलीं कि भारतीय हित में मुझे जो कुछ करना है, वो करूंगी, लेकिन आज हमारे प्रधानमंत्री तो नमस्ते ट्रंप और गले लगाने में लगे हुए हैं।

 

माटुंगा के फूल बाजार में मनपा की कार्रवाई से आक्रोश …लाइसेंस होने के बावजूद दुकानों पर चलाया गया बुलडोजर

प्रशासन की मनमानी पर उठे सवाल
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के माटुंगा फूल बाजार में मनपा की कार्रवाई को लेकर स्थानीय विक्रेताओं में जबरदस्त नाराजगी है। दुकानदारों का आरोप है कि लाइसेंस होने के बावजूद उनकी दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया। बिना किसी पूर्व सूचना के की गई इस कार्रवाई में लाखों का नुकसान हुआ है।
फूल विक्रेताओं के मुताबिक, उनकी दुकानें ५०-६० साल पुरानी हैं और उन्हें मनपा से कवर लगाने की अनुमति भी मिली हुई थी। इसके बावजूद गुरुवार और शुक्रवार को मनपा ने बिना नोटिस दिए उनकी दुकानों को तोड़ दिया। कई दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें अपना सामान तक निकालने का भी मौका नहीं दिया गया, जिससे उनके हजारों रुपए के फूल बर्बाद हो गए।
मनपा ने दी सफाई,
लेकिन सवाल बरकरार
मनपा अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध विस्तार और अतिक्रमण हटाने के लिए की गई। उनके मुताबिक, गुरुवार को ५२ और शुक्रवार को ३० दुकानें तोड़ी गर्इं, जिनमें से १४ पूरी तरह सार्वजनिक स्थान पर बनी थीं। सवाल यह उठता है कि यदि दुकानदारों के पास वैध लाइसेंस था तो उन्हें सुनवाई का मौका क्यों नहीं दिया गया।

मनपा के खिलाफ बढ़ा विरोध
इस कार्रवाई के विरोध में स्थानीय विधायक के साथ फूल विक्रेताओं ने मनपा कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। उन्होंने मनमानी कार्रवाई करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो वे कानूनी रास्ता अपनाएंगे।

आरटीआई में हुआ खुलासा …सीमा लांघ गई रेलवे! …`अमृत भारत स्टेशन’ योजना के तहत मात्र, ४० प्रतिशत पूरा हुआ कुर्ला स्टेशन का काम

 

सामना संवाददाता / मुंबई
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कुर्ला स्टेशन के विकास कार्य में देरी हो रही है। अब तक कुर्ला स्टेशन का काम मात्र ४० प्रतिशत ही पूरा हुआ है। यह खुलासा आरटीआई में हुआ है। मध्य रेलवे प्रशासन ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली को जानकारी दी है कि ३० नवंबर २०२४ की तय समय सीमा पार हो चुकी है और वर्तमान में केवल ४० प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। ऐसे में यह परियोजना और कितने महीनों तक लंबित रहेगी, यह सवाल यात्रियों के मन में उठ रहा है।
गलगली द्वारा सूचना के अधिकार के तहत पूछताछ करने पर मध्य रेलवे ने बताया कि ७ दिसंबर २०२३ को कंपनी को कार्यादेश दिया गया था। इस परियोजना को पूरा करने की अंतिम समय सीमा ३० नवंबर २०२४ तय की गई थी। हालांकि, तय समय पर काम पूरा नहीं होने के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है।
रेलवे प्रशासन के अनुसार, वर्तमान में केवल ४० प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है और इस परियोजना पर कुल १०.९४ करोड़ रुपए का खर्च किया जा रहा है। गलगली ने इस देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता और ठेकेदारों पर प्रभावी नियंत्रण न होने के कारण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होते। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में जिम्मेदार ठेकेदारों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए और लापरवाह ठेकेदारों को काली सूची में डाला जाए।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कुर्ला स्टेशन को यात्रियों के लिए अधिक सुविधाजनक और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से गति शक्ति यूनिट के माध्यम से बुनियादी ढांचे के उन्नयन और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई गई है। इस परियोजना के अंतर्गत यातायात प्रबंधन और स्टेशन क्षेत्र का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वारों का विकास और सौंदर्यीकरण, उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म और संपूर्ण प्लेटफॉर्म को शेड से कवर करना, स्टेशन की ऊंचाई और संरचना में सुधार स्टेशन के भीतर सजावट, प्रतीक्षा कक्षों और अन्य सुविधाओं का नवीनीकरण, शौचालयों का आधुनिकीकरण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान, उच्च गुणवत्ता वाले और टिकाऊ फर्नीचर की उपलब्धता तथा १२ मीटर चौड़े केंद्रीय फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का निर्माण, जिसमें रैंप की सुविधा भी शामिल होगी।

 

अवैध निर्माणों पर सख्त हुई भिवंडी मनपा …शहर में दो दिन अवैध निर्माणों को लेकर दर्ज हुआ केस


– अन्य पर भी जल्द होगी कार्रवाई

सामना संवाददाता / भिवंडी
भिवंडी मनपा में आयुक्त के पद पर आईएएस आयुक्त के पदभार ग्रहण करते ही संरक्षण करने वाले अधिकारी अब अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में जुट गए हैं। पिछले दो दिन में शहर के तीन अवैध निर्माणों पर प्रशासन द्वारा एमआरटीपी का केस दर्ज कराया जा चुका है। जबकि अन्य अवैध निर्माणों पर जल्द ही कार्रवाई किए जाने की संभावना बढ़ गई है। इसे लेकर अवैध निर्माण में लिप्त बिल्डरों में खलबली मच गई है।
नवनियुक्त आयुक्त अनमोल सागर ने शहर में किसी भी प्रकाश का अवैध निर्माण बर्दाश्त न किए जाने की चेतावनी अधिकारियों को दी है। इसके बाद ही निर्माण विभाग व प्रभाग समिति अधिकारी चौकन्ना हो गए हैं। जिन अधिकारियों को अभी तक अवैध निर्माण नहीं दिखाई दे रहे थे, वही अब कार्रवाई करने निकल गए हैं। मनपा प्रभाग समिति दो अंतर्गत क्षेत्र के राजीव नगर में जम-जम स्कूल के पास पुराना मकान ८९६, ८९६/१ तोड़कर मनपा से बिना कोई परमिशन लिए ही नवाब अली मेहंदी हसन खान अवैध रूप से आरसीसी इमारत बना रहा था, जिस पर सहायक आयुक्त माणिक अंकुश जाधव ने शांतिनगर पुलिस स्टेशन में एमआरटीपी का केस दर्ज करवाया है। यह अवैध निर्माण ५ सितंबर २०२४ से शुरू किया गया था और इस पर छह माह के बाद ३ मार्च २०२५ को केस दर्ज कराया गया है। इसी तरह इसी इलाके में स्कूल के बगल में शाहिद सिद्दीकी रावजीनगर में घर नंबर २९८/१/अ पर आर.सी.सी. भूतल और दो मंजिलों का १,२०० वर्गफुट का दो अवैध निर्माण करा रहे थे। उन पर शांतिनगर पुलिस स्टेशन में महाराष्ट्र प्रादेशिक व नगर रचना अधिनियम १९६६ की धारा ५२ के तहत केस दर्ज कराया गया है। इधर मनपा सूत्रों के अनुसार, मनपा आयुक्त द्वारा अवैध निर्माणों पर की सख्ती के बाद अब पांचों प्रभाग समिति के अधिकारी धड़ाधड़ केस दर्ज करने की तैयारी में हैं। इतना ही नहीं, खबर तो यह भी है कि अवैध निर्माणों पर तोड़क कार्रवाई शुरू की जाएगी। शहर में इन दिनों मनपा प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण कई सौ अवैध निर्माण दिन रात शुरू है। ऐसे में कितने पर कार्रवाई होती है, यह तो समय ही बताएगा।

चारकोप में हरियाली बचाने की छिड़ी मुहिम …पेड़ों की कटाई का निवासियों ने किया विरोध

 

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के कांदिवली स्थित चारकोप सेक्टर-८ में हरियाली बचाने की मुहिम छिड़ गई है। स्थानीय निवासियों ने ३३६ पेड़ों की कटाई के पैâसले पर कड़ा विरोध जताया है। मनपा की ट्री अथॉरिटी ने हाल ही में नोटिस जारी कर १३७ पेड़ों को काटने और १९९ पेड़ों को दूसरी जगह लगाने की योजना बनाई है। यह कार्रवाई मुंबई कोस्टल रोड प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए प्रस्तावित एक कनेक्टर रोड के निर्माण के तहत की जा रही है।
करीब दो दशक पहले, स्थानीय नागरिकों ने अपने इलाके को हरा-भरा बनाने के लिए खुद पहल की थी। उन्होंने सड़क किनारे और बीच में सैकड़ों पेड़ लगाए थे, जो अब क्षेत्र को छायादार और प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अचानक पेड़ों की कटाई का नोटिस मिलने से लोग नाराज हो गए और प्रशासन से जवाब मांगने लगे। पर्यावरण प्रेमियों और निवासियों के विरोध को देखते हुए स्थानीय नेता सक्रिय हो गए हैं। भाजपा सांसद पीयूष गोयल ने इस मामले में मनपा अधिकारियों और परियोजना से जुड़े ठेकेदारों से बातचीत करने का आश्वासन दिया है।

प्रशासन ने दिया आश्वासन
विरोध बढ़ता देख मनपा के कोस्टल रोड विभाग ने सफाई दी कि केवल सड़क के बीच और दूसरी ओर के पेड़ प्रभावित होंगे, जबकि रिहायशी इमारतों के पास लगे पेड़ों को नहीं हटाया जाएगा। साथ ही, मनपा ने करीब ७०-८० पेड़ों को बचाने का पैâसला लिया है और गलत नोटिस हटाने की बात कही है।

धारावी पुनर्विकास पर घिरी सरकार! …मदर डेयरी प्लॉट आवंटन पर स्थानीय लोगों का विरोध

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के कुर्ला में धारावी पुनर्विकास के नाम पर राज्य सरकार की मनमानी के खिलाफ स्थानीय लोग मुखर हो गए हैं। सरकार ने धारावी के अयोग्य निवासियों को बसाने के लिए मदर डेयरी प्लॉट आवंटित कर दिया, जबकि इस जमीन पर व्यावसायिक और आवासीय विकास प्रतिबंधित है। इससे नाराज स्थानीय निवासियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले को रद्द करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार नहीं मानी तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे।
सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के तहत यह प्लॉट ५० एकड़ जमीन के सौदे में शामिल कर दिया, लेकिन अभी तक यह तय ही नहीं हुआ कि कौन पात्र है और कौन नहीं। जिन लोगों को पुनर्वास मिलना था, उनकी सूची बने बिना ही सरकार ने जमीन बांट दी। यह सरकारी लापरवाही का बड़ा उदाहरण है।
स्थानीय निवासियों ने इस आवंटन को लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उनका कहना है कि जनता से कोई राय नहीं ली गई, न ही कोई सार्वजनिक परामर्श हुआ। सवाल उठता है कि क्या सरकार की जिम्मेदारी सिर्फ बिल्डरों के फायदे तक सीमित रह गई है?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन
नागरिकों ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के एमसी मेहता बनाम कमल नाथ (१९९७) केस का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि राज्य प्राकृतिक संसाधनों का ट्रस्टी है और इन्हें जनता के हित में ही उपयोग करना चाहिए। सरकार द्वारा इस जमीन को निजी कंपनी को देना जनता के अधिकारों का हनन है।

 

जनता के पैसे का हो रहा दुरुपयोग! …सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए खोदी जा रही नई बनी सड़क

द्रुप्ति झा / भिवंडी
भिवंडी शहर के विभिन्न इलाकों में १,२०० सीसीटीवी वैâमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए ठेकेदार ने नई बनी सीमेंट की सड़क खोद दी है। सूत्रों के अनुसार, उक्त सड़क के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए थे। नागरिकों ने मनपा प्रशासन से सवाल किया है कि क्या करो़ड़ों रुपए खर्च करके शहर में बनाई गई सीमेंटेड सड़कें बिना किसी नियोजन के बनाई गई हैं।
राज्य भर की तरह ही भिवंडी पुलिस उपायुक्तालय क्षेत्र में भी सीसीटीवी वैâमरे लगाए जाएंगे, इसके लिए मनपा प्रशासन की अनुमति से ठेकेदार ने शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कों की खुदाई करके केबल डालने का काम शुरू किया है।
बता दें कि मनपा क्षेत्र में राज्य सरकार ने एमएमआरडीए के माध्यम से करोड़ों रुपए देकर शहर की सड़कों के कंक्रीटीकरण का कार्य शुरू किया है। अब तक शहर में लगभग ५० किलोमीटर तक सड़कें कंक्रीट की हो चुकी हैं, लेकिन शहर में सरकार के नए आदेश के अनुसार, सीसीटीवी का केबल डालने के लिए कंक्रीट की सड़कों को मशीनों से खोदा जा रहा है, जिससे नागरिकों का गड्ढामुक्त सड़कों का सपना टूट गया है।

 

शिक्षा का मंदिर बना जंग का मैदान …महिला टीचर्स में हुई दे दनादन! …लाठी-डंडे से एक-दूसरे को जमकर पीटा

आगरा के नौबरी प्राथमिक विद्यालय से हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। इस तस्वीर को देखकर ये मत समझना कि ये किसी पहलवानी अखाड़े की है, दरअसल, यह तो आगरा का एक स्कूल है, जो उस समय जंग का मैदान बन गया जब दो महिला टीचर्स ने एक-दूसरे की दे दनादन पिटाई कर डाली। वह भी लाठी-डंडों से। इस घटना का वीडियो एक युवक ने रिकॉर्ड किया और अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में कुछ महिला टीचर्स के बीच जबरदस्त झगड़ा हो रहा है। वे एक-दूसरे पर लाठी डंडे चला रही हैं और आपस में शारीरिक हिंसा कर रही हैं। वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि एक युवक इस पूरे घटना क्रम को वैâमरे में रिकॉर्ड कर रहा है, जबकि अन्य लोग महिला टीचर्स को अलग करने की कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं शिक्षा के माहौल को ध्वस्त करती हैं और समाज में गलत संदेश भेजती हैं।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महिला टीचर्स के बीच यह झगड़ा किस कारण हुआ था। अधिकारियों के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस घटना के दौरान विद्यालय के अंदर क्या परिस्थितियां थीं। जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि किस बात को लेकर महिला टीचर्स में विवाद हुआ और क्या इस विवाद के कारण शिक्षा का वातावरण प्रभावित हुआ। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से पैâल रही है।

एमपी के सरकारी अस्पताल में चूहों की फौज! …चाइल्ड वॉर्ड में स्टाफ से ज्यादा दौड़ रहे हैं चूहे

-अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश के मंडला जिला अस्पताल के शिशु वॉर्ड में चूहों की बढ़ती संख्या से मरीजों और परिजनों में दहशत का माहौल है। हाल ही में वॉर्ड में चूहों के हलचल करने और यहां-वहां घूमने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
परिजनों का कहना है कि चूहे न केवल वॉर्ड में उछल-कूद कर रहे हैं, बल्कि नवजात बच्चों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकते हैं। उनमें संक्रमण पैâलने का डर बना हुआ है। ये वीडियो दूसरे बेड में सो रहे मरीज के किसी परीजन ने बनाया, फिर इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। अस्पताल प्रबंधन से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग की जा रही है।
वहां मौजूद परिजनों का कहना है कि अस्पताल में चूहे होने से यहां अब डर लग रहा है। चूहे नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार के इस अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने शुक्रवार को अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन, सिविल सर्जन और सीएमएचओ को साफ-सफाई में लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए। मामले में हॉस्पिटल मैनेजमेंट और सिविल सर्जन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सफाई व्यवस्था में लापरवाही पर जवाब मांगा गया है। अब प्रशासन ने अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर निगरानी रखने का निर्णय लिया है।