अय्यर की कमजोरी उजागर

दुबई में कल भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी २०२५ की १२वीं टक्कर हुई। इस मैच में टॉस हारकर भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी, लेकिन उसकी शुरुआत बेहद खराब रही और पावरप्ले में ही शुभमन गिल, कप्तान रोहित शर्मा और विराट जैसे धाकड़ बल्लेबाज आउट हो गए। ऐसे में नंबर ४ पर आए श्रेयस अय्यर ने मोर्चा संभाला और अपने वनडे करियर की २२वीं फिफ्टी जड़ी। अर्धशतक के बाद श्रेयस ने तेजी से रन बनाने का प्रयास किया और इसी में अपना विकेट गवां बैठे। इस बार फिर उनकी कमजोरी उजागर हुई। वे एक बार फिर शॉर्ट गेंद का शिकार बने और बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में ७९ के निजी स्कोर पर अपना विकेट गवां दिया।

लोक विमर्श : शेयर बाजार में हाहाकार कुछ तो करो सरकार!

लोकमित्र गौतम

साल की शुरुआत में झटका
जब किसी हफ्ते में शेयर बाजार की शुरुआत ब्लैक मंडे और अंत ब्लैक प्रâाइडे से हो तो बाजार के हाहाकार का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे चमकते हुए पिछले तीन दशकों में शेयर बाजार के लिए यह सबसे डरावना समय है। पिछले २९ सालों में शेयर बाजार में पूंजी के नजरिये से इतनी बड़ी गिरावट पहले कभी नहीं देखी गई। इस साल की शुरुआत से यानी १ जनवरी २०२५ से २८ फरवरी २०२५ तक अकेले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी-५० इंडेक्स करीब १५ फीसदी तक नीचे गिर गया है। सितंबर २०२४ से २८ फरवरी २०२५ तक निवेशकों की लगभग १ ट्रिलियन डॉलर संपत्ति या रुपए में समझें तो ८५ लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं। अकेले फरवरी २०२५ में ही सेंसेक्स ४,००० अंकों से भी नीचे गिर चुका है, फरवरी के २८ दिनों में ही बाजार ५ फीसदी से ज्यादा गिरा है। इस अवधि में बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण ४० लाख करोड़ रुपए से ज्यादा घट गया है। अकेले २८ फरवरी २०२५ को ही सेंसेक्स १,४१४ अंकों की डुबकी लगाकर ७३,१९८ में और निफ्टी ४२० अंक गिरकर २२,१२५ अंकों में बंद हुआ। इस एक अकेले दिन की गिरावट से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ९.६१ लाख करोड़ रुपए घटकर ३८३.४९ लाख करोड़ रुपए रह गया। ३० सितंबर २०२४ को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का मार्वेâट वैâप ४७४ लाख करोड़ रुपए था, जबकि २८ फरवरी को यह घटकर ३८३.४९ लाख करोड़ रुपए रह गया यानी ५ महीनों में निवेशकों की पूंजी ९० लाख करोड़ रुपए तक घट गई।
इस गिरावट का बाजार में इतना व्यापक असर पड़ा है कि हर तरफ निराशा का गहन कुहासा छा गया है। ऐसा होना स्वाभाविक भी है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले ३ दशकों से लगातार जिस मजबूती से आगे बढ़ रही थी, उसे पहली बार इतना जबर्दस्त धक्का लगा है कि निवेशकों का मनोविज्ञान बहुत गहरे तक हिल गया है। हालांकि, बाजार में निवेशकों की उम्र का कोई सटीक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन हम सब जानते हैं कि पिछले तीन दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था जिस युवा आवेग से आगे बढ़ी थी, उसमें सबसे ज्यादा भागीदारी युवाओं की ही रही है। सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि मौजूदा भारतीय समाज भी एक युवा समाज के तौरपर ही जाना जाता है। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि पिछले पांच महीनों में यानी सितंबर २०२४ से २८ फरवरी २०२५ तक लगातार शेयर बाजार में जो रह-रहकर गिरावट के भूचाल आए हैं, उनसे सबसे ज्यादा प्रभावित भारत के युवा निवेशक ही हुए हैं। दुनिया के आर्थिक मामलों में सबसे सटीक रिपोर्टिंग करने वाली न्यूज एजेंसी ‘रायटर’ ने लिखा है कि भारत के शेयर बाजार में ऐसी भारी गिरावट पिछले २९ सालों में कभी नहीं देखी गई। जब महज कुछ महीनों के भीतर निवेशकों के ८५ से ९० लाख करोड़ रुपए स्वाहा हो गए हों। हैरानी की बात यह है कि जितनी भारी गिरावट भारत के शेयर बाजार में देखी गई है, वैसी गिरावट ठीक इसी समय दुनिया में कहीं और नहीं देखी गई।
ट्रंप टेरर का असर
पिछले पांच महीनों में अगर दुनिया के शेयर बाजार को देखें तो अमेरिकी का डाओ जोंस इंडेक्स ३० सितंबर २०२४ को ४२,३३० के स्तर पर था और २७ फरवरी २०२५ को ४३,२४० के स्तर पर बंद हुआ यानी इन करीब ५ महीनों में यह गिरा नहीं, बल्कि ९१० अंक (२.१४ प्रतिशत) चढ़ा है। इसी तरह चीन का बाजार शंघाई कंपोजिट ३० सितंबर २०२४ को ३,३३६ के स्तर पर था और २७ फरवरी २०२५ को यह ३,३८८ के स्तर पर बंद हुआ। मतलब यह कि पिछले ५ महीनों में ये ५२ अंक (१.५५ प्रतिशत) चढ़ा है। हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स ३० सितंबर २०२४ को २१,१३३ अंकों पर था और २७ फरवरी २०२५ को यह २३,७१८ के स्तर पर बंद हुआ। मतलब यह कि यह २५८५ पॉइंट (१२.२३ प्रतिशत) चढ़ा है। जर्मनी का स्टॉक मार्वेâट डीएएक्स ३० सितंबर २०२४ को १९,३२४ के स्तर पर था और २७ फरवरी २०२५ को यह २२,३७८ के स्तर पर बंद हुआ। कहने का मतलब पिछले ५ महीनों में यह ३०२४ अंक (१५.८ प्रतिशत) चढ़ा है। वहीं लंदन स्टॉक एक्सचेंज का एफटीएसई दा फाइनेंशियल टाइम्स स्टॉक एक्सचेंज-१०० इंडेक्स जहां ३० सितंबर २०२४ को ८,२३६ के स्तर पर था, वह २७ फरवरी २०२५ को बढ़कर ८,७५६ के स्तर पर बंद हुआ यानी पिछले पांच महीनों में यह ५२० पॉइंट (६.३१ प्रतिशत) चढ़ा है, जबकि ठीक इसी समय भारतीय शेयर बाजार ने इतिहास का सबसे बुरा परफॉर्म किया है। अब के पहले इतना बुरा परफॉर्म भारतीय बाजार ने १९९५ में ही किया था, जब निफ्टी ने सितंबर १९९५ से अप्रैल १९९६ तक लगातार आठ महीने तक करीब ३१ फीसदी गिरा था।
अगर भारत के शेयर बाजार की तात्कालिक गिरावट की कोई सबसे बड़ी वजह है तो वह डोनाल्ड ट्रंप की अनिश्चित और अचंभे से भरी टैरिफ धमकियां हैं। राष्ट्रपति ट्रंप पिछले एक महीने के अपने कार्यकाल में तीन बार करीब-करीब धमकी देने के स्तर पर यह दोहरा चुके हैं कि टैरिफ के मामले में अमेरिका जैसे को तैसा रवैया अपनाएगा। मतलब भारत जितना टैरिफ अमेरिकी आयात पर लगाएगा, उतना ही टैक्स अमेरिका भारतीय आयात पर लगाएगा। इस धमकी के कारण भारत के शेयर बाजार रह रहकर धड़ाम-धड़ाम गिर रहे हैं। लेकिन दुनिया के शेयर बाजारों का इतिहास गवाह है कि कोई भी बाजार कितनी बार ही पाताल यात्रा न कर लें, लेकिन अंत में उसे ऊपर उठना ही होता है, यही शेयर बाजार का स्थाई चरित्र है इसलिए युवा निवेशकों को धैर्य नहीं खोना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले दो दशकों से भारत के युवा निवेशक ही शेयर बाजार के कर्ता-धर्ता रहे हैं, वही इसकी अगुआई करते रहे हैं इसलिए कहर भी उन्हीं के कंधों पर सबसे ज्यादा टूटा है। लेकिन ये भयानक, डरावने और काले दिन भी गुजर जाएंगे, जैसे अतीत में कई बार ऐसे स्याह दिन आते जाते रहे हैं। इसलिए भारत के युवा निवेशकों को अपनी भावनाएं नियंत्रण में रखना होगा। वो इस गिरावट से घबराकर इतने ज्यादा निराश न हों कि उन्हें लगने लगे कि सब कुछ खत्म हो गया। बाजार का अपना एक चक्र होता है और इस चक्र का गणितीय नियम यह भी है कि जो बाजार जितने नीचे धंसेगा, उतने ही ऊपर उछलेगा। इसलिए हिम्मत रखें।
ट्रेंड देखकर निवेश खतरनाक
वैसे भी शेयर बाजार में निवेश करने के पहले का सबसे जरूरी पाठ यही होता है कि यहां घबराकर और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। क्योंकि हर गिरावट के बाद अनिवार्य रूप से उछाल आता ही है। भले अनुमान के कुछ पहले आ जाए या कुछ ज्यादा ही डराए। युवा निवेशकों के लिए यह ऐतिहासिक गिरावट एक बड़ा सबक और भविष्य के लिए ट्रेनिंग भी हो सकती है कि वे बाजार में निवेश करने के पहले निवेश के डायवर्सिफिकेशन मॉडल की ताकत को समझें। मसलन शेयर बाजार में एक ही वैâटेगिरी के शेयर में कभी भी पूरा दांव लगाना अक्लमंदी नहीं होती। निवेश के लिए कई तरह के वैâप चुनें। म्युचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ, बॉण्ड्स और रियल एस्टेट जैसे विकल्पों की भी अनदेखी न करें। एसआईपी यानी सिस्मेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में भरोसा जताएं। निवेश के एक बड़े हिस्से का रिस्क लेने के बावजूद कुछ पैसे एसआईपी पर भी लगाएं, इसका जोखिम हमेशा कम होता है। एकमुश्त का जोखिम हमेशा आर-पार का होता है, जबकि एसआईपी का गणित ही नहीं विज्ञान भी इसके उलट है। यह भी याद रखें कि इमरजेंसी फंड कभी भी शेयर बाजार में न लगाएं। अगर बाजार के मौजूदा भूचाल में कुछ युवा ऐसा करके नुकसान खा चुके हैं तो उन्हें इस नुकसान को भविष्य के सबक के रूप में याद रखना चाहिए और इमरजेंसी फंड को शेयर बाजार में कभी नहीं लगाना चाहिए। शेयर बाजार के लिए वही पैसा निवेश के खातिर सबसे उपयुक्त होता है, जो कम से कम तीन से पांच साल तक आपके पास एक अतिरिक्त पूंजी के रूप में मौजूद हो, उसके बिना कोई काम न रुक रहा हो। हालांकि, यह बात बार-बार दोहराई जाती है, फिर भी इसे याद रखना चाहिए कि शेयर बाजार में निवेश करने के पहले फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च कर लेनी चाहिए। सिर्फ ट्रेंड देखकर निवेश करना अपने साथ धोखा है। गंभीर निवेशक बनने के लिए कंपनियों की बैलेंस शीट, उनके फ्यूचरिस्टिक प्लान और उस क्षेत्र विशेष की विकास दर को मौजूदा और अनुमानित भविष्य के साथ तालमेल बिठाकर ही निवेश की दिशा में आगे बढ़ें।

(लेखक विशिष्ट मीडिया एवं शोध संस्थान इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर में वरिष्ठ संपादक हैं।)

बंगाल में फर्जी वोटर जोड़ने का ‘खेला’ शुरू!..भाजपा पर वोटर लिस्ट में दिल्ली, हरियाणा के लोगों के नाम जोड़ने का आरोप

रमेश ठाकुर / नई दिल्ली

भाजपा ने बंगाल को भी दिल्ली-हरियाणा स्टाइल में जीतने की रणनीति बनाई है। आरोप है कि वहां के वोटर लिस्ट में भाजपा हेराफेरी कर रही है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर मतदाता सूची में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा कि वे बंगाल में हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली का जैसा खेला नहीं होने देंगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल में गुजरात, पंजाब, हरियाणा और बिहार के लोगों के नाम जोड़कर बंगाली वोटर के नाम कटवा रही है। ममता ने धांधली से संबंधित तमाम कागजात भी मीडिया को दिखाए हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भाजपा ने ये सब नहीं रोका तो वो चुनाव आयोग के बाहर धरना देंगी।
ऑनलाइन धांधली जारी
टीएमसी ने कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और दिल्ली में ‘आप’ भाजपा की चाल को समझ नहीं पाई। भाजपा-आरएसएस ने बंगाल में भी वही खेला शुरू किया है लेकिन हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे। आरोप है कि भाजपा दो एजेंसियों के जरिए बंगाल में ऑनलाइन धांधली करवा रही है, जिसमें इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर भी शामिल हैं। ये पूरा खेल चुनाव आयोग की शह पर हो रहा है। ममता ने टीएमसी कार्यकर्ताओं को अलर्ट रहने को कहा है।

तहकीकात : वीरान पहाड़ी पर बलात्कार!..१८ लड़कों ने ३ लड़कियों को किडनैप कर मिटाई हवस

फिरोज खान

झारखंड के खूंटी जिले में शादी समारोह था। पास के गांव की लड़कियां झुंड बनाकर शादी में पहुंची थीं। शादी में शामिल होने के बाद पांचों लड़कियां जिनकी उम्र १२ से १६ वर्ष के बीच थी, आपस में शोरगुल और मस्ती करते हुए घर लौट रही थीं। सभी शादी के खाने की तारीफ में मशगूल थीं। इस बीच अलग-अलग मोटरसाइकिल पर सवार १८ बच्चे जिनकी उम्र १२ से १७ वर्ष के बीच थी, पहुंच गए। लड़कों ने सभी लड़कियों को पहले तो खूब धमकाया और मार डालने की बात कही। घबराई हुई लड़कियां जब सिसकने लगीं तो लड़के उन्हें जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाकर दूर वीरान पहाड़ी पर ले गए। वहां सभी १८ बच्चों ने घेरा बनाकर लड़कियों को वैâद कर लिया। इसके बाद उनका घिनौना खेल शुरू हो गया। लड़के जबरदस्ती करने लगे तो लड़कियों ने शोर मचाना शुरू किया, लेकिन गांव से दूर वीरान पहाड़ी पर उनकी आवाज सुननेवाला कोई नहीं था। लड़के लड़कियों के कपड़े फाड़ ही रहे थे कि तभी दो लड़कियों ने आरोपी लड़कों के हाथ पर अपने दांतों से जोर से काटा और वहां से किसी तरह भाग निकलीं, लेकिन बाकी तीन लड़कियां वहां से भागने में कामयाब नहीं हुर्इं। इसके बाद उन १८ आरोपी लड़कों ने बारी-बारी से उनके साथ मुंह काला किया। पीड़ित लड़कियां आरोपी लड़कों को पहचान रही थीं, क्योंकि सभी पास के ही गांव के रहनेवाले थे। लड़कियां रो-रोकर गिड़गिड़ा रही थीं कि वे उन्हें छोड़ दें, लेकिन छोटी सी उम्र में ही वहशी बने लड़कों ने उनकी एक न सुनी। तीनों बच्चियों के जिस्म के साथ वे खेलते रहे और उनकी जिंदगी बर्बाद करते रहे। दूसरी ओर बच निकली लड़कियां किसी तरह हांफते हुए गांव पहुंची और गांव वालों को सारा किस्सा कह सुनाया। लड़कियों की बात सुन पूरे गांव में हड़कंप मच गया। गुस्साए गांव वाले हाथों में लाठी और डंडा लेकर पहाड़ी की ओर दौड़ पड़े। गांव वाले जब तक पहुंचते लड़कियों की आबरू लुट चुकी थी। खैर, भाग रहे उन लड़कों को गांव वालों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। नाबालिग होने के नाते उन बच्चों को बालसुधार गृह भेज दिया गया। गांव हो या शहर छोटी लड़कियों को अकेले कहीं भेजना खतरे से खाली नहीं होता। माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार दें, ताकि वे गुमराह न हों।

पहले मर्डर फिर मुंडन!… गर्लफ्रेंड की हत्या कर बॉयफ्रेंड ने किया गंगा स्नान

जौनपुर में लाल सूटकेस में एक युवती का शव मिलने के बाद उसकी हत्या करने को लेकर उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार किया गया है। बकौल पुलिस, अपने पति से अलग रह रही युवती अनन्या से २५ फरवरी को विवाद होने पर बॉयफ्रेंड विशाल ने उसकी हत्या की थी। शख्स ने वाराणसी जाकर सिर मुंडवाया और गंगा स्नान किया था।
मिली जानकारी के अनुसार, २५ फरवरी को युवती जौनपुर के मछलीशहर पड़ाव पर स्थित एक किराये के कमरे में युवक के साथ थी। इसी दौरान लड़की और लड़के में किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवाद बढ़ा तो लड़की ने लोहे के पलटे से लड़के पर वार कर दिया। इसके बाद लोहे के फल्टे को लड़की से छीन कर लड़के ने उसके सिर पर वार कर दिया। सिर पर चोट लगने से लड़की बेहोश हो गई। इसके बाद लड़के ने रस्सी से लड़की का पैर सिर से बांध दिया। उसके बाद मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। घर में रखे लाल कलर के सूटकेस में लड़की का शव रखकर वहां से निकल आया। एसपी सिटी ने बताया कि इसके बाद कुछ दूर पैदल ट्रॉली सूटकेस को लेकर चलने के बाद लड़के ने ई-रिक्शा किया। फिर उसके बाद सूटकेस को झील के पास गड्ढे में फेंक दिया। एसपी सिटी ने बताया कि लड़के और लड़की का कई साल से संबंध था। इसके बाद सीसीटीवी और सर्विलांस के सहारे लड़के की धर पकड़ शुरू हो गई।

लोगों को पड़ गई है सरकार से मांगने की आदत!…चुनावी लाभ के लिए रेवड़ियां बांटनेवालों के सुर बदले…भाजपा मध्य प्रदेश के मंत्री ने किया देश की जनता का अपमान

बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने देश की जनता को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने जनता के मांग पत्रों को भीख करार दे दिया। पटेल ने कहा कि अब तो लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं तो एक टोकरी कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। मैं दावे से कहता हूं आप सुखी होंगे और एक संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे। उनके इस बयान ने देश की जनता का अपमान किया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चुनावी लाभ के लिए रेवड़ियां बांटनेवालों के सुर अब बदल गए हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री प्रह्लाद पटेल शनिवार को राजगढ़ जिले में सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां मुख्य अतिथि के रूप में वक्तव्य देते हुए उन्होंने जनता के मांग पत्रों को भीख करार दिया। मंत्री प्रह्लाद पटेल यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि यह भिखारी की फौज इकट्ठी करना, समाज को मजबूत करना नहीं है। समाज को कमजोर करना है। मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है।
`ये बीजेपी का अहंकार है’
एमपी कांग्रेस पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस मामले पर बीजेपी पर अटैक किया। पटवारी ने `एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, `भाजपा का अहंकार अब जनता को भिखारी भी कह रहा है। यह दुख में डूबे लोगों की उम्मीद और आंसुओं का भी अपमान है। ये चुनाव में झूठे वादे करते हैं और फिर मुकर जाते हैं।

बाबा जी का मन पलटा

‘बरसात’ से अपना करियर शुरू करनेवाले बॉबी देओल ने जब दूसरी पारी शुरू की तो गालियां खाने वाले रोल मिलने लगे। वेबसीरीज के बाबाजी का रोल भले ही लीड है, पर है तो निगेटिव ही। मगर इस सीरीज ने बॉबी के करियर को बूस्ट कर दिया। इसके बाद एनिमल में तो बॉबी छा गए। अब आश्रम की नई सीरीज आ रही है। ऐसे में बॉबी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह ‘आश्रम’ और ‘एनिमल’ में विलेन की भूमिका निभाने के बाद इस छवि से बाहर निकलना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसने मेरी जिंदगी बदल दी, लोगों ने मुझे अलग नजरिए से देखा। लेकिन मैं एक खांचे में बंधते जा रहा हूं और इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहा हूं।’ अब बाबाजी को कौन समझाए कि इतना सेंटी होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बाहर निकलकर वे करेंगे क्या?

बालन की आई एआई वीडियो

डीपफेक वीडियो का सबसे बड़ा टारगेट ग्लैमर इंडस्ट्री ही है। खासकर, अभिनेत्रियों के सिर यहां-वहां लगाकर खूब सुर्खियां बटोरी जा रही हैं। पिछले कुछ महीनों में कई हीरोइनों के डीफपेक वीडियो सामने आए हैं। इससे उन्हें कष्ट तो होता ही है। अब अभिनेत्री विद्या बालन की भी कई डीपफेक वीडियो नजर आई हैं। खुद बालन ने इस बात का जिक्र किया है। बालन ने इंस्टाग्राम पर अपना फर्जी एआई वीडियो शेयर कर लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है। उन्होंने लिखा, ‘सोशल मीडिया और व्हॉट्सऐप पर मेरे ऐसे कई वीडियो सर्वुâलेट हो रहे हैं। इन्हें बनाने या इनके प्रसार में मेरी कोई भागीदारी नहीं है।’ उन्होंने लोगों से ऐसे वीडियो शेयर करने से पहले उन्हें वैरिफाई करने की अपील की है। बालन की बात पर उनके पैंâस खासकर ध्यान दें।

बदलापुर में नपा व डॉ. श्री नाना साहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान की तरफ से सफाई अभियान…6 टन कचरा व धूल को किया गया एकत्रित

अनिल मिश्रा / बदलापुर

बदलापुर मे आज सुबह आठ बजे से बारह बजे तक नपा प्रशासन व डॉ. श्री नाना साहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान के सदस्यों के सयुक्त सहयोग से शहर के मुख्य रास्तों की सफाई अभियान की शुरुआत किया गया। इस सफाई अभियान से शहर से 6 टन कचरा व धूल एकत्रित किया गया।
बताया गया कि बदलापुर-पूर्व व पश्चिम की सड़कों पर सुबह नपा के सफाई कर्मचारी तथा डॉ. श्री नाना साहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान के सैकड़ों सदस्यों के साथ शहर की सफाई के साथ पावडर का छिड़काव किया गया। इस संयुक्त अभियान से शहर के मुख्य रास्तों से 6 टन कचरा, धूल इकट्ठा किया गया।
नपा के जनसंपर्क अधिकारी सिद्धार्थ पवार ने बताया कि नपा की तरफ से अलग-अलग तरह से सफाई अभियान दो मार्च से सौ दिन तक किया जाएगा। इस अभियान की शुरुवात दो मार्च से किया गया। इस अभियान में प्रशासक मुख्याधिकारी मारुति गायकवाड, सफाई विभाग प्रमुख श्रेया शिर्वटकर के साथ नपा के अधिकारी, कर्मचारी बड़ी संख्या में भाग लिए। स्टेशन रोड, गांधी चौक, सिरगांव, घोरपडे चौक, कार्मेल स्कूल मार्ग, वेलवली, जुवेली, एमजीपी कार्यालय, उल्हास नदी तक सफाई किया गया।

काशी में जन्मे जैन धर्म के 11वें तीर्थंकर भगवान श्रेयांश नाथ जी की मनाई गई जन्म जयंती…निकाली गई शोभायात्रा

उमेश गुप्ता / वाराणसी

जैन धर्म के 11वें तीर्थंकर भगवान श्रेयांशनाथ का जन्म जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम से सारनाथ स्थित भगवान श्रेयांश नाथ की जन्मस्थली पर मनाया गया। इस अवसर पर जैन समाज द्वारा भगवान श्रेयांश नाथ को चांदी की नाल की पर सवार कर गाजे बाजे के साथ सारनाथ के क्षेत्र में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में श्री दिगंबर जैन समाज काशी द्वारा अत्यंत प्राचीन सोने चांदी के साज सामानों से शोभा यात्रा की शोभा को बढ़ाया गया। जैन समाज द्वारा भगवान की अष्टधातु की प्रतिमा को चांदी की नाल की पर विराजमान कर उपस्थित महिलाएं और पुरुष बड़े ही भक्ति भाव से भजन की प्रस्तुति कर रहे थे। इस अवसर पर प्रस्तुत भजन एक दिन जब मौत की शहजादी आएगी न सोना काम आएगा न चांदी काम आएगी। तुमसे लागी लगन ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा। मेटो मेटो जीसंकट हमारा। जग के दुख की तो परवाह नहीं है, सर्व सुख की भी चाह नहीं है। इत्यादि भजन उपस्थित लोगों के मन को मोहित कर रहे थे।
शोभा यात्रा में महिलाएं केसरिया साड़ी में तो पुरुष अधिकतर सफेद कुर्ता- पैजामा जैसे ड्रेस कोड में थे। शोभा यात्रा मंदिर के द्वार से प्रारंभ हो कर सारनाथ में ही परिक्रमा लगाते हुए पुनः मंदिर परिसर में आ कर समाप्त हुई। तत्पश्चात विश्व शांति हेतु भगवान श्रेयांश नाथ की अष्ट धातु की 12″ की प्रतिमा और 12 फिट ऊंची विशाल पदमांसन प्रतिमा का 108 स्वर्ण और रजत कलशों से पूजन और पंचांभिषेक किया गया। जुलुस का संचालन समाज के उपाध्यक्ष और संयोजक राकेश जैन द्वारा किया गया। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता जैन समाज के अध्यक्ष आर सी जैन और डॉ. केके जैन ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री प्रदीप चंद जैन, समाज मंत्री विनोद जैन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर संरक्षक दीपक जैन, विनय जैन, संजय जैन, आदिश जैन, विमल जैन, सुधीर कुमार पोद्दार, पवन जैन,दीपक जैन, अजय जैन इत्यादि प्रमुख लोग मौजूद थे।