– क्या मनपा सुनेगी इनकी पुकार?
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के बेकरी मालिकों पर संकट मंडरा रहा है। मनपा ने आदेश दिया है कि ८ जुलाई २०२५ तक सभी बेकरियों को लकड़ी या डीजल की जगह स्वच्छ र्इंधन (बिजली, पीएनजी, एलपीजी) अपनाना होगा। मुंबई बेकर्स एसोसिएशन ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने समय सीमा बढ़ाने और स्वच्छ र्इंधन पर सब्सिडी देने की मांग की है।
बेकरी मालिकों का कहना है कि छोटी दुकानें और पारंपरिक भट्ठियां अचानक से बिजली या गैस पर नहीं चल सकतीं। ये भट्ठियां गुंबद के आकार की होती हैं और लकड़ी के र्इंधन के लिए ही बनी होती हैं। इस वजह से बिजली से इन्हें चलाना संभव नहीं है। मुंबई बेकर्स एसोसिएशन ने डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर (स्वास्थ्य) को पत्र लिखकर कहा कि हम नियमों का पालन करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हमें और समय चाहिए। जहां पीएनजी की पाइप लाइन नहीं है, वहां मनपा को खुद गैस सप्लाई की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
पीएनजी कनेक्शन के लिए ९५ लाख?
मुंबई बेकर्स एसोसिएशन के अनुसार पीएनजी कंपनियों के पास पर्याप्त नेटवर्क नहीं है। बेकरी मालिकों को एक कनेक्शन के लिए ९५ लाख रुपए तक जमा करने को कहा जा रहा है, जो कि संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा बड़े उद्योगों को सब्सिडी दी जा सकती है, तो हमारी बेकरी के लिए भी मिलनी चाहिए।
मनपा ने क्या कहा?
मनपा अधिकारियों ने कहा कि यह पैâसला मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। इसे लागू करने में राज्य सरकार और पीएनजी-एलपीजी कंपनियों की भी भूमिका होगी। फिलहाल इस पर उच्च स्तर पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या मनपा छोटे व्यापारियों की परेशानी समझेगी या सिर्फ आदेश जारी कर अपना पल्ला झाड़ लेगी?