देवेंद्र फडणवीस अभी राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं! …संजय राऊत ने बोला जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा नेता व सीएम देवेंद्र फडणवीस की हो सकता है कि राष्ट्रीय राजनीति में काम करने की इच्छा हो, लेकिन जब तक अमित शाह हैं, तब तक उन्हें यह मौका मिलेगा या नहीं, इस पर संदेह है। साथ ही फडणवीस अभी राष्ट्रीय स्तर के नेता नहीं हैं, उन्हें महाराष्ट्र पर ध्यान देना चाहिए। ऐसी सलाह देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राऊत ने फडणवीस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि फडणवीस दिल्ली में स्टार प्रचारक बनकर गए, लेकिन अगर उन्होंने प्रचार नहीं भी किया होता, तब भी नतीजे यही आते, क्योंकि चुनाव परिणाम पहले से तय थे। संजय राऊत ने कहा कि हमने पहले ही राहुल गांधी के साथ प्रेस काॅन्फ्रेंस में स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली में भी `महाराष्ट्र पैटर्न’ लागू किया गया है। लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक सिर्फ ५ महीनों में ३९ लाख नए वोट बढ़ गए। वयस्क मतदाताओं की संख्या से ज्यादा मतदान हुआ। यह वोट कहां से आए?

मंत्रियों के ओएसडी और निजी सहायकों को दो महीने से वेतन नहीं! …संघ ने की थी अधिकारियों, कर्मचारियों की नियुक्ति

 

सुनील ओसवाल / मुंबई
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन हुए करीब २ माह हो चुके हैं। अभी तक कई मंत्रियों और दोनों उप मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। मिली जानकारी के मुताबिक, ओएसडी और निजी सहायकों की नियुक्ति की जिम्मेदारी संघ ने संभाली थी।
राज्य में महायुति सरकार में एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री हैं। तीन पार्टी की सरकार होने के बावजूद किसको ओएसडी और निजी सहायकों को नियुक्त करना है, इसकी जिम्मेदारी भी संघ ने संभाली थी, ऐसा बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के यहां के निजी सचिव और ओएसडी की नियुक्ति पर इसलिए निगरानी रखी थी, क्योंकि मुख्यमंत्री करीब एक दर्जन से ज्यादा `दागी’ अधिकारियों को मंत्रालय में नहीं रखना चाहते थे। एक अधिकारी ने कहा कि हमें दागी बोलकर हमें बदनाम किया जा रहा है, ऐसी जानकारी नाम न छापने की शर्त पर दी गई। फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में कुछ मंत्रियों की सिफारिश पर ओएसडी और निजी सहायकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया।
२ महीने से कई मंत्रियों और दोनों उप मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ये गैरसरकारी अधिकारी हैं, जो मंत्रियों के साथ बतौर विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) व निजी सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनकी नियुक्ति में मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी नहीं मिलने के चलते देरी हुई। इसकी वजह से २ महीने से काम कर रहे इन अधिकारियों को वेतन नहीं मिला है। अधिकारी ने उम्मीद जताई कि अगले महीने से इन्हें समय पर वेतन मिलना शुरू हो जाएगा।

वायु प्रदूषण ऑउट ऑफ कंट्रोल …हर सांस में है जहर! …एयर क्वालिटी इंडेक्स २०० पार, सांस लेना हुआ दूभर

ब्रिजेश पाठक / मुंबई
वायु प्रदूषण के मामले में मुंबई दिल्ली को जबरदस्त टक्कर दे रही है। शहर में शनिवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स २०० के पार चला गया। मनपा भले ही दावे कर रही है कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। जाहिर सी बात है कि बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते मुंबईकरों का सांस लेना दूभर हो गया है।
केंद्रीय वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शनिवार को शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स ( वायु गुणवत्ता दर) १६२ दर्ज किया गया, जो खराब स्थिति को दर्शाता है। इसके अलावा कांदिवली व मालाड में यह इंडेक्स २७० के पार चला गया। वहीं देवनार, शिवाजी नगर और मझगांव इलाके का इंडेक्स २०० पार रहा। यह दर्शाता है कि शहर में वायु की गुणवत्ता खराब हालत में है। शहर के कोलाबा और बोरीवली इलाके में केवल यह इंडेक्स १०० से कम रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, वायु प्रदूषण बढ़ने के कई कारण हैं, जिसमें से प्राकृतिक व अधिकतर मानव निर्मित कारण शामिल हैं। इस प्रदूषण में २.५ एमएम के कणिका तत्व पाए जाते हैं, जो आसानी से इंसान के खून में घुल-मिल सकते है। इस कारण अस्थमा सहित कई बीमारियां होने की संभावना है।
मनपा का बेतुका दावा
मनपा ने हाल ही में बजट पेश कर वायु प्रदूषण कम करने के लिए ११३ करोड़ रुपए आवंटित किया है। बजट में मनपा द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई स्तरों पर काम करने की बात कही गई, लेकिन असल हकीकत कुछ और दर्शा रही है। शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मनपा का यह दावा बेतुका साबित हो रहा है।
मनपा का बजट ७४ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है, मुंबई में कई करोड़ लोग रहते हैं। इसके बावजूद इस बजट में पर्यावरण को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई, सिर्फ ११३ करोड़ रुपए पर्यावरण के लिए आवंटित किए गए हैं। वैसे दिल्ली के बाद मुंबई सबसे वायु प्रदूषण के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। गोवंदी और मानखुर्द जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा प्रदूषण है। इस प्रदूषण के लिए बजट ज्यादा होना चाहिए। साथ ही बजट का पूरी ईमानदारी के साथ उपयोग किया जाना चाहिए, तभी मुंबई को रहने लायक बनाया जा सकता है।
-शकील अहमद शेख (आरटीआई एक्टिविस्ट)

अर्थव्यवस्था के आगे झुकी रिजर्व बैंक! …आरबीआई की मजबूरी या अर्थव्यवस्था को मजबूती? … ५ साल बाद ब्याज दर कटौती का बड़ा फैसला

– कमजोर रुपया और सुस्त
सामना संवाददाता / मुंबई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ५ साल बाद रेपो रेट में २५ बेसिस पॉइंट की कटौती कर इसे ६.२५ कर दिया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया, जब रुपया ८७ के पार पहुंच चुका है। जीडीपी ग्रोथ धीमी हो रही है और निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह अर्थव्यवस्था को गति देने की रणनीति है या आरबीआई की मजबूरी?
कमजोरी की बड़ी वजहें
– रुपए की गिरावट: विदेश निवेशक पैसा निकाल रहे हैं, जिससे रुपया कमजोर हो रहा है।
– जीडीपी ग्रोथ में गिरावट- २०२५-२६ के लिए विकास दर का अनुमान ६.७ फीसदी है, जो पिछले साल के मुकाबले कम है।
– कर्ज महंगा होने से सुस्ती: ऊंची ब्याज दरों ने कारोबार और बाजार को धीमा कर दिया था।
– महंगाई का खतरा: दिसंबर में खुदरा महंगाई ५.२२ फीसदी रही, लेकिन आगे जोखिम बना हुआ है।
क्या आरबीआई के पास
कोई और विकल्प था?
ब्याज दर में कटौती से लोन सस्ते होंगे, जिससे होम, ऑटो और बिजनेस लोन की ईएमआई मे ंराहत मिलेगी। इससे बैंकिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि बैंकों को अधिक कर्ज देने का अवसर मिलेगा, जिससे बाजार में तरलता बढ़ेगी।
हालांकि, इस फैसले से कुछ जोखिम भी हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ब्याज दर में कमी से रुपए पर दबाव बना रह सकता है, क्योंकि इससे विदेशी निवेशक अपना पैसा बाहर निकाल सकते हैं।
इसके अलावा, बाजार में अधिक नकदी आने से महंगाई के भी बढ़ने का खतरा रहेगा।
आरबीआई कमजोर अर्थव्यवस्था और सुस्त निवेश के कारण ब्याज दर घटाने को मजबूर हुआ। अब देखना होगा कि यह राहत टिकाऊ साबित होती है या सिर्फ अस्थायी मरहम ही बनकर रह जाएगी।

 

धोखेबाज प्रेमी ने बर्बाद कर दिया! … लड़की ने वीडियो बनाकर बयां की लव और सेक्स की दास्तां

सामना संवाददाता / मुंबई
शादी का झांसा देकर यौन शोषण करनेवाले प्रेमी से तंग आकर एक लड़की ने खुदकुशी कर ली। इस खुदकुशी करने से पहले उसने अपनी प्रताड़ना का एक वीडियो बनाया। इस वीडियो को अपने परिवार वालों के पास भेजकर लड़की ने आत्महत्या कर ली। इस वीडियो ने अपने लव और सेक्स की दास्तां बताते हुए बताया कि उसके धोखेबाज प्रेमी ने उसे बर्बाद कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद इस धोखेबाज प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला माहिम एरिया का है। प्रेम का यह मामला गत दो वर्षों से चल रहा था और परेशान लड़की ने मरने से पहले अपने मोबाइल फोन से वीडियो बनाया था। ऐसा कहा जा रहा है कि जिस लड़के से प्यार करती थी, उसने कई बार शादी के सब्जबाग दिखाए पर जब मामला गंभीर हो गया और लड़की ने शादी के लिए दबाव डालना शुरू किया तो उसने आनाकानी करना और लड़की को धोखा देना शुरू कर दिया। इससे लड़की मानसिक तौर पर काफी परेशान हो गई। पता चला है कि इस दौरान लड़की दो बार गर्भवती हो गई पर लड़के ने उसके साथ शादी नहीं की और दोनों बार जबरन उसे गर्भपात के लिए मजबूर किया।
मरने के पहले लड़की ने अपने मोबाइल फोन से एक वीडियो बनाया, जिसमें असने अपने दो बार गर्भवती होने का जिक्र किया। उसने लड़के के बारे में बताया कि वह उसे स्वीकार करने से इनकार कर रहा है इसीलिए वह अब इस दुनिया में नहीं रहना चाहती। यह वीडियो अपने परिवार को भेजने के बाद लड़की ने आत्महत्या कर ली। इस वीडियो के बारे में जानकर लड़की का परिवार सदमे में आ गया। बाद में इस वीडियो के आधार पर लड़की के प्रेमी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। अब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ कर रही है। यह घटना मुंबई के माहिम इलाके में घटी।

गिरते रुपए के सामने लाचार है आरबीआई! … बेबस हुए गवर्नर

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
डॉलर के मुकाबले रुपए में हो रही लगातार गिरावट के सामने आरबीआई लाचार है। इसके सामने बेबस आरबीआई गवर्नर का कहना है कि वे इसे किसी खास स्तर पर रोकने को लेकर अभी कोई सोच नहीं पाए हैं। इस बारे में अभी बाजार को ही फैसला करने दिया जाएगा। आरबीआई का यह बयान बताता है कि इस मामले में फिलहाल उसके पास कोई उपाय नहीं है। इस बात के संकेत आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को दिए।
आरबीआई गवर्नर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ केंद्रीय बोर्ड की बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रेस  काॅन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मल्होत्रा ने कहा कि रुपए को लेकर आरबीआई के एप्रोच में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हम किसी स्तर या प्राइस बैंड को नहीं देख रहे। हमारी कोशिश है कि बहुत ज्यादा अस्थिरता को रोका जाए, लेकिन रुपए में रोजाना होने वाले बदलावों को भी हम नहीं देख रहे। रुपए में हो रही गिरावट के महंगाई पर होने वाले असर के बारे में जब पूछा गया तो उनका जवाब था कि पांच फीसदी की गिरावट महंगाई की दर में ३०-३५ आधार अंकों (०.३५ फीसदी तक) का असर डालता है।

भाजपा के लिए रेवड़ियां बांटना आसान नहीं! …हजारों करोड़ रुपयों का करना होगा जुगाड़

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार जल्द ही गठित हो जाएगी। मगर अब समस्या रेवड़ियां बांटने में आनेवाली है। चुनाव के पहले भाजपा ने कई मुफ्त योजनाओं के साथ ‘लाडली बहन’ की तर्ज पर रुपए देने का भी वादा कर रखा है। बताया जा रहा है कि हजारों करोड़ रुपए के इस जुगाड़ को करना आसान नहीं होगा।
बता दें कि केजरीवाल के वादे को टक्कर देने के लिए भाजपा ने भी कई बड़े वायदे किए हैं, जिसमें महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए योजनाएं हैं। ‘लाडली बहन’ की तर्ज पर गरीब महिलाओं को २,५०० रुपए प्रति महीने देने हैं। महाराष्ट्र में चुनाव के पहले महायुति ने १,५०० रुपए की घोषणा की थी, जिसे बाद में २,१०० रुपए किया गया है। राज्य सरकार इस कारण फंड की समस्या से जूझ रही है। दिल्ली सरकार भी ऐसी समस्या से जूझ सकती है। गरीब महिलाओं को ५०० रुपए में सिलिंडर के अलावा होली-दिवाली पर मुफ्त सििंलडर मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को २१ हजार रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी।

१० लाख तक का मुफ्त इलाज
दिल्ली के लोगों को १० लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज का लाभ भी मिलेगा। ऐसे में इसके लिए एक मोटी रकम की आवश्यकता होगी। भाजपा ने एलान किया था कि पांच लाख रुपए तक इलाज आयुष्मान योजना और बाकी पांच लाख रुपए दिल्ली में भाजपा की सरकार देगी। ओपीडी सर्विसेज और लैब टेस्ट भी मुफ्त करने का वादा किया है।
१०-१० लाख का जीवन बीमा
अब दिल्ली की १,७०० से अधिक अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मकानों का मालिकाना हक मिलेगा। गिग वर्कर्स और टेक्सटाइल वर्कर्स को १०-१० लाख का जीवन बीमा होगा। दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को १५ हजार रुपए आर्थिक मदद देगी। एससी और एसटी छात्रों को प्रतिमाह १,००० रुपए की मदद मिलेगी।

देश में फैला है हवाला कारोबार … २८ आरोपियों ने किया सनसनीखेज खुलासा

सामना संवाददाता / मुंब्रा
कल्याण क्राइम ब्रांच ने कई जगहों पर छापेमारी कर हवाला कारोबार का पर्दाफाश किया। यह गिरोह मुंबई सहित देश के कई राज्यों में हवाला कारोबार को अंजाम दे रहा था। छापेमारी में भारी मात्रा में दस्तावेज, नकदी और कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। पकड़े गए २८ आरोपियों ने हवाला कारोबार के बारे में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, कल्याण क्राइम ब्रांच को गुप्त सूचना मिली थी कि उल्हासनगर में बड़े पैमाने पर हवाला कारोबार चल रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस ने उल्हासनगर के कई इलाकों में छापेमारी की। छापेमारी में पुलिस ने १ करोड़ ७ लाख रुपए नकद जब्त किए हैं, जबकि हवाला कारोबार से जुड़े कई दस्तावेज पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस ने हवाला कारोबार से जुड़े २८ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि हवाला कारोबार मुंबई, ठाणे सहित कई राज्यों में फैला हुआ था। क्राइम ब्रांच पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में हवाला कारोबार से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगे हैं और जल्द ही हवाला गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दिल्ली में इंडिया आघाड़ी होती …तो भाजपा २० सीटें भी नहीं पाती! …दिल्ली के नतीजों पर रोहित पवार की प्रतिक्रिया

सामना संवाददाता / मुंबई
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान ५ फरवरी को हुआ था। उसके बाद कल (८ फरवरी) विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए वोटों की गिनती हुई। दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी हार गए। इसके अलावा दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। यद्यपि कांग्रेस और `आप’ के बीच इंडिया आघाड़ी थी, फिर भी दोनों पार्टियों ने दिल्ली चुनाव अलग-अलग लड़ा इसलिए अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस और `आप’ भी इससे प्रभावित हुई हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता और विधायक रोहित पवार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली चुनाव में इंडिया आघाड़ी हुई होती तो भाजपा २० सीटों से आगे नहीं जाती। १५ से अधिक सीटों पर विजयी भाजपा उम्मीदवारों का वोट शेयर तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार से काफी कम है। मेरी व्यक्तिगत भावना यह थी कि दिल्ली चुनाव में `आप’ के नेतृत्व में सरकार बननी चाहिए थी। भाजपा के खिलाफ लड़ते समय, समान विचारधारा वाले दलों को एक-दो कदम आगे-पीछे करने की जरूरत थी। दुर्भाग्यवश, इंडिया आघाड़ी में शामिल दलों ने अपना अहंकार नहीं छोड़ा। परिणामस्वरूप, भाजपा को असंभव जीत हासिल हुई। रोहित पवार ने कहा है कि पारंपरिक तरीके से लड़ने वाले सभी नेताओं को इस मामले पर ध्यान देना चाहिए।

बाहर आएगा एक-एक सच …४०३ विधानसभाओं में ये चार सौ बीसी नहीं चलेगी! …मिल्कीपुर के परिणाम पर बरसे अखिलेश

सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान ने जीत दर्ज की है। सपा के प्रत्याशी अजीत प्रसाद चुनाव हार गए। इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर बरसते हुए कहा है कि यहां तो धांधली करके चुनाव ज्ीता गया है। पर यूपी की ४०३ विधानसभाओं में ये चार सौ बीसी नहीं चलेगी।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनावी तंत्र का दुरुपयोग किया है। अखिलेश ने लिखा, ‘पीडीए की बढ़ती शक्ति का सामना भाजपा वोट के बल पर नहीं कर सकती है, इसलिए वो चुनावी तंत्र का दुरुपयोग करके जीतने की कोशिश करती है। ऐसी चुनावी धांधली करने के लिए जिस स्तर पर अधिकारियों की हेराफेरी करनी होती है।