संडे स्तंभ : जनहित की ‘रेडीमनी’ …सर कावसजी जहांगीर

विमल मिश्र
अकूत दौलत होने की वजह से सर कावसजी जहांगीर को उपनाम मिला ‘रेडीमनी’। यह रेडीमनी उन्होंने सिर्फ दौलत कमाने के लिए ही नहीं, पुण्य कमाने के लिए भी खर्च की। उनके परोपकारी कामों की छाप उनके स्मारकों के रूप में मुंबई में आज भी दिखाई देती है।
बीएमसी के सभा कक्षों ने ब्रिटिश शासकों को कंपा देने उनकी गर्जनाएं सुनी हैं। पर, वक्तृता के साथ इतिहास में उनकी उदारता का भी जिक्र होता है। उनके परोपकारी कामों की छाप उनके स्मारकों के रूप में मुंबई में आज भी दिखाई देती है। सर कावसजी जहांगीर ‘रेडीमनी’ (२४ मई १८१२ – १९ जुलाई १८७८) को मुंबई आज तक भूला नहीं।
सर कावसजी जहांगीर ‘रेडीमनी’ को दान-धर्म के उनके कामों के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने मुंबई में कॉलेज, अस्पताल और वॉटर फाउंटेन (इंग्लैंड में भी) ही नहीं बनवाए, पागलखानों और खुद को बेसहारा या मित्रहीन महसूस करने वाले ‘सम्माननीय’ लोगों के लिए भी एक शरणगाह की स्थापना की। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय, ग्रांट मेडिकल कॉलेज, एलफिंस्टन कॉलेज और इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की स्थापना में भी आर्थिक मदद की। एशियाटिक सोसायटी ऑफ मुंबई को सर जहांगीर ने कई अलभ्य पुस्तकें व अन्य कलाकृतियां भेंट कीं। सेंट थॉमस कैथेड्रल और क्रॉफर्ड मार्केट के सुंदर फाउंटेन, प्रिंसेस स्ट्रीट के पास का कुआं और भाऊ दाजी लॉड म्यूजियम में रखा माइल स्टोन उन्हीं की देन हैं। उन्होंने देश के कैथोलिक और प्रेस्बिटेरियन मिशनों को भी मुक्त हस्त से दान दिया।
एलफिंस्टन कॉलेज और मुंबई विश्वविद्यालय के फोर्ट कॉम्लेक्स में सर जहांगीर की प्रतिमाएं उनकी याद दिलाते आज भी खड़ी हैं। मुंबई के फोर्ट इलाके की नेशनल गैलरी ऑफ माडर्न आर्ट जिस हॉल में स्थित है उसे भी उन्हीं का नाम दिया गया है। पास ही देश की सबसे प्रसिद्ध आर्ट गैलरी ‘जहांगीर’ भी क्षेत्र की दूसरी अन्य इमारतों की तरह सर जहांगीर और उनके उत्तराधिकारियों के ही योगदान की ऋणी है।
सर जहांगीर की यादों को धोबी तालाब के पास रेडीमनी स्कूल, जहांगीर इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री, भायखला’ की रेडीमनी बिल्डिंग,-वुडबी रोड का रेडीमनी मेंशन, जहांगीर अस्पताल और रेडीमनी नर्सिंग होम (दोनों पुणे में) ने भी सहेजकर रखा है।
सर जहांगीर की यादगारें
रेडीमनी मेंशन: फोर्ट इलाके के वुडबी रोड की वह इमारत, जहां सर जहांगीर के कार्यालय थे।
नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट: इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के ठीक बीचों-बीच विराजी देश की मशहूर कला संस्था। १,२०० दर्शकों की क्षमता वाली यह अर्धवृत्ताकार गैलरी एडवर्डियन नियो क्लासिकल शैली में बने जिस कावसजी जहांगीर हॉल में स्थित है वह सर जहांगीर की ही स्मृति में बनी है। यह हॉल ग्रेड-१ का हेरिटेज निर्माण है।
विश्वविद्यालय का सीनेट हॉल: फोर्ट इलाके में मुंबई विश्वविद्यालय का १०४ फुट लंबा, ४४ फुट चौड़ा और ६३ फुट ऊंचा कन्वोकेशन हॉल या सीनेट हॉल सर जहांगीर के चंदे से ही बना। देश के सर्वश्रेष्ठ दीक्षांत सभागृहों में इसकी गणना होती है। ग्रेड-१ की इस विरासत इमारत का रिस्टोरेशन २००६ में हुआ। विश्वविद्यालय परिसर में एक सुंदर प्रतिमा उनकी याद दिलाते आज भी खड़ी है।
जहांगीर आर्ट गैलरी: प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम के कंपाउंड में माइल स्टोन से बनी २१ जनवरी, १९५२ को शुरू देश की सबसे प्रसिद्ध आर्ट गैलरी ‘जहांगीर’ क्षेत्र की कई अन्य इमारतों की तरह सर जहांगीर के योगदान की ऋणी है। इसका नामकरण इस घराने के ही एक सदस्य की स्मृति में किया गया है।
एलफिंस्टन कॉलेज: फोर्ट इलाके में विक्टोरियन नियो-गोथिक शैली में बने दो मंजिला एलफिंस्टन
कॉलेज पर लागत आई थी सात लाख ४० हजार रुपए। इसके लिए सर जहांगीर ने आर्थिक सहायता प्रदान की थी। इस योगदान के आभार स्वरूप यहां उनकी प्रतिमा स्थापित है।
सेंट थॉमस कैथेड्रल फाउंटेन: सेंट थॉमस कैथेड्रल के प्रवेशद्वार के पास मौजूद गोथिक शैली का सुंदर फाउंटेन इस्पात के बने ऐसे ३९ फाउंटेन की तरह सर जहांगीर की भेंट है। अब ऐसे महज छह फाउंटेन बच पाए हैं। पारसी इस फाउंटेन को व्यंग्य से ‘कावसजी क्रास’ कहकर बुलाते थे।
क्रॉफर्ड मार्वेâट फाउंटेन: क्रॉफर्ड मार्वेâट में प्रवेश करते ही पत्थर का बना एक सुंदर फव्वारा दिखता है। स्विस, फिनिश और मूरिश-तीन शैलियों के सम्मिश्रण से बना १८६५ के जमाने का यह फाउंटेन भी सर जहांगीर की देन है।

गोलमेज सम्मेलन में
सर कावसजी जहांगीर रेडीमनी के पुरखे १८वीं सदी की शुरुआत में सूरत के पास नवसारी से मुंबई चले आए थे। चीन के साथ अफीम के व्यापार में उन्होंने इफरात कमाई की। इससे उनके पास इतना धन जमा हो गया कि वे ब्रिटिश ग्राहकों तक के लिए बैंकर का काम करने लगे। इसने उन्हें उपनाम दिया ‘रेडीमनी’। १८६६ में उन्हें आयकर आयुक्त नियुक्त किया गया। उन्हें मुंबई के ‘जस्टिस ऑफ पीस’, बोर्ड ऑफ कंजरवेंसी का सदस्य नियुक्त होने के साथ ‘द मोस्ट एक्साल्टेड ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ इंडिया’ (सी.एस.आई.) के रूप में सम्मानित किया गया। उनके वंश को ‘बैरोनेट’ की उपाधि प्रदान की गई, जिसे उनके बाद के वंशजों से स्वेच्छा त्याग दिया।
१८७८ में सर जहांगीर का देहांत हो गया। उनके भतीजे व दत्तक पुत्र और वारिस जहांगीर कावसजी जहांगीर रेडीमनी (१८५३-१९३४) और पौत्र सर कावासजी जहांगीर, द्वितीय बैरोनेट (१६ फरवरी १८७९ – १७ अक्टूबर १९६२) थे। १९३०-१९३२ के दौरान भारत के राजनीतिक और संवैधानिक भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए लंदन में जब दूसरा गोलमेज सम्मेलन हुआ तो उसमें पारसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने का गौरव उन्हें ही प्राप्त हुआ था। सर जहांगीर विश्वविद्यालय की सीनेट और सिविल इंजीनियरिंग संकाय के सदस्य भी रहे।
(लेखक ‘नवभारत टाइम्स’ के पूर्व नगर
संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

५०० रुपए में बिक गया ‘लोकतंत्र’ … ठेके पर सरपंची! …महिला सरपंच की करतूत से एमपी प्रशासन हैरान

मध्य प्रदेश के नीमच जिले की एक पंचायत में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन से लेकर ग्रामीणों तक को हैरान कर दिया। मनासा तहसील की ग्राम पंचायत दांता की महिला सरपंच वैâलाशी बाई ने अपने पद की ‘ठेकेदारी’ करते हुए अपना सरपंची पद ५०० रुपए के स्टांप पेपर पर एक समझौते के तहत गांव के ठेकेदार सुरेश गरासिया नामक व्यक्ति को सौंप दिया। वैâलाशी बाई ने अनुबंध में लिखा, ‘मैं ग्राम पंचायत दांता की सरपंच हूं। मैं अपना कार्य करने में असमर्थ हूं। इस कारण अपने सारे दायित्व और कर्तव्य गांव के ही सुरेश गरासिया को सौंपते हुए अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनती हूं। अब पंचायत के सारे काम वे ही करेंगे। इसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। ये जहां पर भी कहेंगे, वहां पर मैं अपने साइन करूंगी।’ जब यह मामला सोशल मीडिया के जरिए सामने आया तो हड़कंप मच गया। इस मामले पर जब नीमच जिला पंचायत के सीईओ अमन वैष्णव से बात की गई तो उन्होंने सरपंच को धारा-४१ के तहत पद से पृथक करने का नोटिस देने की बात कही। सीईओ ने बताया कि सरपंच और सचिव से जवाब मांगा गया है। इसके बाद ही आगे की कुछ कार्रवाई की जाएगी।

शासन की लापरवाही … जिलाधिकारी को सजा, न्याय मिलने तक वेतन नहीं! …३५ साल से भटक रहे शख्स के पक्ष में कोर्ट ने सुनाया फैसला

बिहार के बेगूसराय में ३५ वर्षों से न्याय की लड़ाई लड़ रहे शख्स को जब प्रशासन की लापरवाही के चलते इंसाफ नहीं मिला तो कोर्ट ने एक ऐसा पैâसला सुनाया, जिसे सुनते ही न्याय की आस में भटकते पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद बंध गई। पिछले ३५ वर्ष से बेगूसराय में न्याय की लड़ाई लड़ रहे श्यामदेव प्रसाद सिंह को जब ३५ वर्षों बाद भी इंसाफ नहीं मिला तो उसने पुन: अदालत का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद इस मामले में तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट ने ऐतिहासिक पैâसला सुनाते हुए बेगूसराय के डीएम का वेतन रोकने का आदेश दे दिया। कोर्ट ने जिला कोषागार अधिकारी को निर्देश दिया कि जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलता, तब तक डीएम का वेतन न रिलीज किया जाए। साथ ही आदेश मिलने के सात दिनों के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया है। अदालत ने साफ किया कि अगर इस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, तो अवमानना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी। तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट के इस सख्त पैâसले के बाद अधिवक्ताओं और न्याय की उम्मीद लगाए बैठे लोगों में खुशी देखी जा रही है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह पैâसला न्यायपालिका में जनता के विश्वास को और मजबूत करेगा। वर्षों से न्याय की आस में भटकते पीड़ितों के लिए यह आदेश एक मिसाल बनेगा।

जीवन दर्पण : करियर में स्थिरता पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें

– डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, क्या मेरी कुंडली मांगलिक है? विवाह में विलंब क्यों हो रहा है?
-आशुतोष दुबे
(जन्म-२१ अक्टूबर १९९९, दिन ११:२२ बजे, भदोही, उत्तर प्रदेश)
आशुतोष जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन शतभिषा नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है। राशि आपकी कुंभ है। लग्न के आधार पर धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और धनु लग्न में ही मंगल बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया है। मांगलिक कुंडली होने के कारण जीवनसाथी के चयन करने में अड़चन आ रही है। शनि की महादशा में शनि का अंतर इस समय चल रहा है। आपकी शादी २०२५ और २०२६ तक निश्चित हो जाएगी, लेकिन आपको नौ गुरुवार किसी मंदिर में जाकर १ किलो चना की दाल एक दर्जन केला और दक्षिणा पुजारी जी को देना चाहिए।

गुरुजी, मेरा करियर कैसा है और स्वास्थ्य कैसा रहेगा?
-अखिलेश यादव
(जन्म २८ अप्रैल २००२, दोपहर १:५५ बजे, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
अखिलेश जी, आपका जन्म रविवार के दिन विशाखा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। आपकी वृश्चिक राशि है। इस समय शनि की ढैया का भी प्रभाव चल रहा है। सिंह लग्न में आपका जन्म होने से सूर्य आपकी कुंडली में उच्च राशि का होक र भाग्य भाव पर बैठा है। सूर्य उच्च राशि का है इसलिए किसी गवर्नमेंट सेक्टर में प्रयास करिए, निश्चित आपकी कहीं नौकरी लग जाएगी। आप पुलिस नौकरी की तलाश करें। दशम भाव पर आपकी कुंडली में मंगल बैठ कर कुलदीपक नाम का योग भी बनाया है। शनि की ढैया २९ मार्च २०२५ में समाप्त हो जाएगी। शनि आपकी कुंडली में छठे भाव और सातवें भाव के स्वामी भी है इसलिए शनि का उपाय आपको करना चाहिए। प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। आपका करियर जल्दी स्थिर हो जाएगा। विशेष जानकारी के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।

गुरुजी, क्या मेरी कुंडली मांगलिक है? मेरी शादी कब तक होगी?
-शिखा यादव
(जन्म- ७ नवंबर २००४, दिन ०३:३९, विलेपार्ले, मुंबई
शिखा जी, आपका जन्म रविवार के दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है। मीन लग्न में आपका जन्म हुआ है, जिसका स्वामी आपकी कुंडली में सप्तम भाव पर बैठा है। मंगल ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम भाव पर बैठकर आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया हुआ है। मांगलिक के कारण पार्टनर की कुंडली के साथ मिलान करके ही आपको आगे बढ़ना चाहिए। आपकी कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही है, जो २३ नवंबर २०२६ तक चलेगा। सूर्य की महादशा में विवाह का संबंध अच्छा नहीं होता है। साथ ही इस समय सूर्य की महादशा में बुध का अंतर चल रहा है। शादी की बात तो हो सकती है, लेकिन शादी आपकी २०२५ और २०२६ में हो सकती है। शादी होने से पहले मंगल ग्रह की पूजा कर लेना जरूरी होगा, जिसे कुंभ विवाह कहते हैं। मंगलचंडिका स्त्रोत का पाठ भी होना आवश्यक है।

‘जीवन दर्पण’ कॉलम के तहत यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल व्हाट्सऐप नंबर ९२२२०४१००१ पर लिख भेजें।

साइना ने मचाई सनसनी

भारतीय शटलर साइना नेहवाल उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय महिला बैडमिंटन को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उन्हें भारतीय महिला बैडमिंटन की पहली ‘पोस्टर गर्ल’ भी कहा जाता है। साइना सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं। साइना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की, जिसने सनसनी मचा दी और फैंस उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं। तस्वीरों में साइना अलग-अलग पोज देती हुई नजर आ रही हैं। साइना पिंक कलर की सिंपल-सोबर ड्रेस में गजब की खूबसूरत लग रही हैं। फैंस भी उनकी इन तस्वीरों पर खूब प्यार लुटा रहे हैं। कोई साइना की खूबसूरती की तारीफ कर रहा है, तो कोई उनकी ड्रेस की। एक फैन ने साइना नेहवाल की तारीफ करते हुए लिखा, `साइना नेहवाल मैम, आप बैडमिंटन क्वीन हैं और दिन पर दिन और यंग होती जा रही हो। आप दुनिया की रानी हैं।’ एक अन्य फैन ने साइना नेहवाल के खेल की तारीफ करते हुए कमेंट किया, `अब तक की सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी।’

पांड्या में आया बदलाव

भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या लंबे समय से टीम इंडिया में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। टीम इंडिया १९ फरवरी को चैंपियंस ट्रॉफी में अपना पहला मुकाबला खेलेगी। इस महा-टूर्नामेंट के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को स्क्वाड में चुना गया है। हार्दिक पांड्या से हर किसी को चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीदें हैं। इससे पहले हार्दिक भारत-इंग्लैंड की वनडे सीरीज में खेल रहे हैं, जिसका पहला मैच ६ फरवरी को नागपुर में खेला गया। इस मैच का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें हार्दिक पांड्या नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को देख फैंस हार्दिक पांड्या की दरियादिली की तारीफ कर रहे हैं। वहीं एक फैन ने तलाक के बाद हार्दिक के अंदर बदलाव का दावा किया है। वायरल वीडियो में एक छोटी बच्ची हार्दिक पांड्या का ऑटोग्राफ लेने के लिए परेशान नजर आती है। जैसे ही हार्दिक को उस बच्ची की आवाज सुनाई पड़ी, उन्होंने तुरंत उस बच्ची को कार्ड पर अपना ऑटोग्राफ दिया। साथ ही, उन्होंने उस बच्ची को खूब मेहनत करके आगे बढ़ने की नसीहत भी दी।

सरकारी इलाज शक के दायरे में!…दवा असली या नकली, होगी जांच!..स्वास्थ्य मंत्री ने जारी किया फरमान…जिला स्तर पर तत्काल शुरू होगा अभियान

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य में भारी पैमाने पर डुप्लीकेट दवाएं आने की शिकायत के बाद सरकार को दवाओं की गुणवत्ता पर विश्वास नहीं रह गया है। यही कारण है कि राज्य की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को दवाओं के स्टॉक और उसकी गुणवत्ता की जांच नई नियमावली के अनुसार करने के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री ने दिए हैं। मंत्री ने वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह निर्देश जारी किए, जिसमें जिला और राज्य स्तर पर तुरंत इस अभियान को शुरू करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों को आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए हैं, साथ ही यह भी सुनिश्चित भी करने को कहा गया है कि गुणवत्ता जांच अभियान नई नियमावली के अनुसार चलाया जाए।
महाराष्ट्र में दवा गुणवत्ता परीक्षण की वर्तमान स्थिति
महाराष्ट्र मेडिकल गुड्स प्रोक्योरमेंट अथॉरिटी ने जिला स्तर की दवा भंडारण इकाइयों से ८६ दवा नमूने प्रयोगशालाओं को भेजे। इनमें से ३२ नमूने उपयोग के लिए उपयुक्त पाए गए।
५४ नमूनों की रिपोर्ट अभी भी है लंबित
मेडिकल एजुकेशन ड्रग स्टोर से लिए गए ६९ दवा नमूनों में से १४ योग्य पाए गए और ५५ की रिपोर्ट अभी लंबित है। २०२३-२४ में १२,७६७ प्रकार की दवाएं खरीदी गई, जिनमें से १,८८४ नमूने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे गए। १,७७२ नमूने उपयोग के लिए स्वीकृत हुए, जबकि ३ नमूने अस्वीकृत पाए गए।
१०९ नमूनों की रिपोर्ट अभी भी लंबित है। वर्ष २०२४-२५ में ९,६०० प्रकार की दवाएं खरीदी गर्इं, जिनमें से ४,६९१ नमूने जांच के लिए भेजे गए और ३,१७९ नमूने उपयुक्त पाए गए, जबकि ५ अस्वीकृत हो गए। १,५०७ नमूनों की रिपोर्ट अभी भी लंबित है।
मुख्य निर्देश
-सभी स्वास्थ्य संस्थानों को ई-औषधि प्रणाली में खरीदी गई दवाओं का रिकॉर्ड २४ से ४८ घंटे के भीतर दर्ज करना होगा।
-दवाओं के स्टॉक का रिकॉर्ड बैच नंबर के अनुसार सही तरीके से दर्ज किया जाए।
-खरीदी गई सभी दवाओं के बैच के नमूने प्रमाणित प्रयोगशालाओं में जांच के लिए भेजे जाएं।
-किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी रोकने के लिए आपूर्तिकर्ता कंपनी और प्रयोगशाला के बीच सीधा संपर्क नहीं होगा (डबल ब्लाइंडिंग सिस्टम)।
-हर बैच की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र प्रयोगशालाओं या अधिकृत मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से परीक्षण कराया जाए।
-जांच रिपोर्ट प्राप्त होने तक दवा के स्टॉक को अलग रखा जाए और केवल स्वीकृत दवाओं का उपयोग किया जाए।
-यदि कोई दवा गुणवत्ता परीक्षण में अस्वीकृत पाई जाती है, तो उसका उपयोग तुरंत बंद कर दिया जाए।

शिवसेना ने आईजीपी को सौंपा ज्ञापन…बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर जताई चिंता!

सामना संवाददाता / जम्मू

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) जम्मू-कश्मीर प्रदेश इकाई प्रमुख मनीष साहनी ने कल जम्मू कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भीम सेन टूटी (आईपीएस) से भेंटकर जम्मू में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों, गो व नशा तस्करी पर गंभीर चिंता जताई तथा ज्ञापन सौंपा। इकाई प्रमुख मनीष साहनी ने बताया कि जम्मू में बढ़ती आपराधिक घटनाओं से दहशत का माहौल है। जनता का विश्वास बहाल करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और मजबूत उपायों की आवश्यकता है। पिछले कुछ दिनों में अनेक जघन्य अपराध हुए हैं, जो न केवल अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस को उजागर करते हैं, बल्कि इन खतरों को रोकने में तत्काल कार्रवाई की कमी को भी रेखांकित करते हैं।
साहनी ने जम्मू व आसपास के इलाकों में निगरानी नेटवर्क को मजबूत करने, पुलिस गश्त में वृद्धि, सतर्कता, त्वरित और पारदर्शी जांच के साथ पुलिस रिकॉर्ड में बाहरी लोगों का ब्योरा व‌ वैरीफिकेशन के साथ सामुदायिक पुलिसिंग पहल के सुझाव दिए। इसके साथ‌ ही शिवसैनिकों ने स्वयंसेवकों की तर पुलिस की मदद करने की पेशकश की।

निगमों की घोषणा, कहीं लॉलीपॉप तो नहीं!..विस चुनाव से पहले विभिन्न जातियों को खुश करने को सरकार ने की थी घोषणा…नए घोषित निगमों में अभी तक नहीं हुई कोई नियुक्ति…अब राज्य में हो गए हैं ३५ महामंडल

सुनील ओसवाल / मुंबई

विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न जातियों या समुदायों को खुश करने के लिए निगम बनाने का पैâसला करने वाली महायुति सरकार ने पिछले डेढ़ साल में १७ विभिन्न समुदायों के निगम स्थापित किए हैं। राज्य में कार्यरत मंडलों की संख्या बढ़कर ३० से ३५ हो गई है और चूंकि नए घोषित निगमों में अभी तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है, इसलिए निगमों की घोषणा कोई लॉलीपॉप तो नहीं है? यह प्रश्न पूछा जा रहा है।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने जुलाई २०२४ में महाराष्ट्र सरकार को सलाह दी थी कि राज्य में विकास निगम घाटे में हैं और उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए। फिर भी राज्य सरकार ने चुनाव से पहले वैâबिनेट की बैठक में राज्य में विभिन्न समुदायों के लिए निगम स्थापित करने की घोषणा की। सितंबर २०२४ के अंत तक ९ विभिन्न समुदायों के लिए निगम स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ऐसी दोनों सोसायटियों के निगमों के लिए भी १०० करोड़ रुपए का प्रावधान है। राज्य में विभिन्न समुदायों के लिए कुल १७ निगमों को जोड़ा गया।
शिंदे सरकार की वैâबिनेट की बैठक १० अक्टूबर २०२४ को हुई थी। इस बैठक में पांच समुदायों बारी, तेली, हिंदू खटीक, लोनारी और जैन के लिए आर्थिक विकास निगमों की स्थापना की गई। इससे पहले वैâबिनेट की बैठक में सरकार ने सोनार समुदाय के लिए संत नरहरि महाराज आर्थिक विकास निगम और आर्य वैश्य समुदाय के लिए वासावी कन्या आर्थिक विकास निगम की स्थापना की घोषणा की थी। इतना ही नहीं, ब्राह्मण समुदाय के लिए परशुराम आर्थिक विकास निगम और राजपूत समुदाय के लिए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप आर्थिक विकास निगम की स्थापना करने का निर्णय लिया गया था। ब्राह्मण और राजपूत दोनों समुदायों के निगमों के लिए भी १०० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था।
शिंदे ने जैन सहित होलार समुदाय के लिए बोर्ड की घोषणा की। इससे पहले शिंदे ने जैन समुदाय के लिए एक अलग निगम, होलार सामुदायिक आर्थिक विकास निगम की घोषणा की थी।

गांवठण व झुग्गियों में बायोमेट्रिक सर्वेक्षण नहीं!.. झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण ने किया स्पष्ट

सामना संवाददाता / मुंबई

झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण ने मुंबई मनपा क्षेत्र में झुग्गीवासियों का बायोमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू किया है। प्राधिकरण ने एक सार्वजनिक बयान में स्पष्ट किया है कि यह सर्वेक्षण निजी व्यक्तियों, डेवलपर्स या किसी अन्य संगठन द्वारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। प्राधिकरण ने इस सार्वजनिक बयान में यह भी स्पष्ट किया है कि मुंबई क्षेत्र के कोलीवाड़े और गांवठण में झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण द्वारा कोई बायोमेट्रिक सर्वेक्षण नहीं किया जाएगा। इस बीच, यह सर्वेक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि झुग्गीवासियों के अधिकार सुरक्षित रहें इसलिए स्लम प्राधिकरण ने झुग्गी मालिकों से इस सर्वेक्षण में सहयोग करने की अपील की है।
झुग्गी-झोपड़ी प्राधिकरण ने झुग्गी-झोपड़ी मुक्त मुंबई के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से झुग्गी-झोपड़ी योजनाओं में तेजी लाने का निर्णय लिया है। २०१६ से बायोमेट्रिक जनगणना शुरू की गई। यह सर्वेक्षण तीन संगठनों के माध्यम से शुरू किया गया था। वर्ष २०२१ में पुरानी संस्थाओं के स्थान पर तीन नई संस्थाओं की नियुक्ति कर बायोमेट्रिक सर्वेक्षण जारी रखा गया। हालांकि, इस सर्वेक्षण की अत्यंत धीमी गति के कारण, २०१६ से जनवरी २०२५ के बीच १,३८९,०८६ झुग्गीवासियों में से केवल ५,४४,६३५ ने ही बायोमेट्रिक सर्वेक्षण पूरा किया है। यह अनुपात बहुत कम है और ८ लाख ३४ हजार ५५१ झुग्गीवासियों का अभी तक सर्वेक्षण नहीं हुआ है इसलिए स्लम प्राधिकरण अब इस सर्वेक्षण में तेजी लाकर ३१ मार्च तक ८ लाख ३४ हजार ५५१ झुग्गीवासियों का सर्वेक्षण पूरा करने की योजना बना रहा है।