कहां से आए ७१ लाख वोटर्स? … चुनाव आयोग से राहुल गांधी का तल्ख सवाल

लोकसभा से पहले ३२ लाख और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले ३९ लाख मतदाता बढ़े

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
‘संसद में भाषण के दौरान हमने कहा था कि महाराष्ट्र में विधानसभा २०१९ और लोकसभा २०२४ के बीच पांच साल में ३२ लाख नए वोटर जोड़े गए। लोकसभा २०२४ और विधानसभा २०२४ के बीच पांच महीने में ३९ लाख नए वोटर जोड़े गए, वहीं लोकसभा से पहले ३२ लाख नए वोटर जुड़े थे। ये नए वोटर कौन हैं और कहां के हैं? इसकी जानकारी हमें चाहिए। यह हिमाचल प्रदेश के कुल मतदाताओं के बराबर है। दूसरा मुद्दा यह है कि महाराष्ट्र में राज्य की पूरी मतदाता आबादी से ज्यादा मतदाता क्यों हैं? किस तरह से अचानक महाराष्ट्र में मतदाता बनाए गए हैं।’ कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इन शब्दों में हमला करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं और मतदान सूची में धांधली पाई गई है। हमारी टीमों ने इस पर काम किया है। इस पर हमें कई अनियमितताएं मिली हैं। ऐसे में इलेक्शन कमीशन इसे लेकर लिखित जवाब दे।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राऊत और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ कल नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में संयुक्त प्रेस कॉन्प्रâेंस हुई। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाया।

चुनाव परिणामों में हेराफेरी
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए। साथ ही दावा किया कि चुनाव परिणामों में हेराफेरी की गई है। राहुल ने कहा कि हम चुनाव आयोग से कह रहे हैं कि हमें गड़बड़ी मिल रही है।

हमें मतदाता सूची चाहिए
हमें महाराष्ट्र के मतदाताओं के नाम और पते वाली मतदाता सूची चाहिए। हमें लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हमें विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची चाहिए। हम यह समझना चाहते हैं कि ये नए नाम कौन-कौन से हैं?

दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के नामों के साथ
वोटर लिस्ट में हेराफेरी!
-राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना

हमने अटकलों पर कोई बात नहीं की है। हमने पैâक्ट पर बात की है। हिमाचल जितने वोटर जोड़े गए हैं। फैक्चुअल गड़बड़ियां सामने आई हैं। एमवीए के वोट वहीं हैं, बीजेपी ९० फीसदी स्ट्राइक रेट से जीत रही है। चुनाव आयोग सर्वोच्च संस्था है। हम उनसे जवाब मांग रहे हैं।

कांग्रेस सांसद व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कल चुनाव आयोग से मतदान में हुई गड़बड़ियों पर जवाब मांगा है। पहले लोकसभा और फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में काफी गड़बड़ियां पाई गई हैं। इस बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे मतदाता हैं, जिनके नाम हटा दिए गए हैं। एक बूथ के मतदाता दूसरे बूथ पर स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इनमें से ज्यादातर मतदाता दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं। हमने चुनाव आयोग से बार-बार अनुरोध किया है। उन्होंने हमें कोई जवाब नहीं दिया है। अब उनके जवाब न देने का एकमात्र कारण यह है कि उन्होंने जो किया है, उसमें कुछ गड़बड़ है। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं यहां स्पष्ट रूप से डेटा प्रस्तुत कर रहा हूं।

मतदाता सूची का किया अध्ययन
राहुल गांधी ने कहा कि हम इस टेबल पर महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ने वाले पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम चुनाव के बारे में कुछ जानकारी लाने जा रहे हैं। हमने मतदाताओं और मतदान सूची के विवरण का अध्ययन किया है। हमारी टीमें काम कर रही हैं। हमें कई अनियमितताएं मिली हैं।

नहीं मिल रही वोटर लिस्ट
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र में वयस्कों की आबादी ९.५४ करोड़ हैं। महाराष्ट्र में ९.७ करोड़ वोटर हैं। इलेक्शन कमीशन कह रहा है कि महाराष्ट्र की आबादी से वोटर ज्यादा हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि राज्य की जनसंख्या से अधिक वोटर वैâसे हो गए?

राहुल गांधी ने कहा कि ज्यादातर वोटर कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना की चुनावी क्षेत्रों में बढ़े हैं, जिन्होंने सीधे भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम किया है। हमारा वोट महाराष्ट्र में कम नहीं हुआ है। भाजपा को वोट ज्यादा हुआ है। वोटर लिस्ट में खामी पाई गई। हम चुनाव आयोग से लोकसभा और विधानसभा चुनाव के अलग-अलग फोटो वोटर लिस्ट चाहते हैं। चुनाव आयोग हमारी शिकायतों पर रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के तीन विपक्षी दल आयोग से पारदर्शिता की अपेक्षा करते हैं।

संपादकीय : मोदी की मनोरंजक कथा

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण एक जैसे होते जा रहे हैं न कोई आग न कोई पीछा। उन्हें मुद्दे से भटकने और विषय से हटकर बात करने के मामले में उनका कोई हाथ नहीं पड़ सकता। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए मोदी ने इसी तरह का विषयांतर किया। बीते दिन मोदी गंगा में डुबकी लगाकर आए थे तो लगा था कि गंगा की पवित्रता उनके विचारों में आ जाएगी और वे शांति से अपनी बात रखेंगे, लेकिन संसद में उन्होंने जबर्दस्त तरीके से विषय ही बदल दिया। राष्ट्रपति भाषण में अपनी सरकार का लेखा-जोखा देते हैं। भविष्य की नीतियों का मसौदा पेश करते हैं। जिस पर चर्चा संसद में होती है। विपक्ष द्वारा सुझाव दिए जाते हैं। इस चर्चा के अंत में प्रधानमंत्री सभी मसलों पर जवाब देते हैं। यह एक परंपरा है। पिछले दस वर्षों में राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की चमचागीरी करनेवाला रहा है और उस पर सत्ता पक्ष के भाषण और प्रधानमंत्री के जवाब (बकवास) के अलावा कुछ नहीं रहे हैं। विपक्ष को खुलकर बोलने नहीं दिया जाता। प्रधानमंत्री ने इस बार भी निराश नहीं किया। कांग्रेस और विपक्ष की जमकर आलोचना की। कांग्रेस ने देश की महान विभूतियों को बंधक बनाया। उन्हें बेड़ियां पहनाई। देश को जेलखाना बना दिया इसलिए प्रधानमंत्री ने यह कहा कि ‘संविधान’ शब्द कांग्रेस को शोभा नहीं देता और सत्ताधारी दल ने बेंच बजाकर उन्हें प्रोत्साहित किया। इन बेंचों को बजानेवालों में से अधिकांश पूर्व कांग्रेसी थे। वे अपने स्वार्थ के लिए या जेल जाने से बचने के लिए अचानक मोदी भजन करने लगे। राष्ट्रपति अभिभाषण चर्चा का उत्तर देते हुए मोदी ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की लोकसभा में हार और आपातकाल के दौरान अत्याचार आदि उन्हीं विषयों को दोहराया। मोदी के भाषण में कम से कम ९९ फीसदी मुद्दे झूठे होते हैं और वह बार-बार वही झूठी बातें दोहराते हैं। उस वक्त कांग्रेस ने देश को जेलखाना बनाया तो अब देश में क्या अलग चल रहा है?
राजनीतिक विरोधियों को
उठाकर जेल में डाला जा रहा है। क्या आज कार्टूनिस्टों, लेखकों, कवियों, कलाकार और मिमीक्री आर्टिस्ट की अभिव्यक्ति की आजादी बची है? मोदी का कार्टून बनाने पर कलाकारों को जेल में डाल दिया गया और भीतर सड़ने छोड़ दिया गया। ‘मीडिया’ को मोदी ने अपने चरणों पर बिठा रखा है और सच दिखाने पर रोक लगा दी है। प्रेस की आजादी अब कोई दवा लायक नहीं रही। इसे जेलखाना नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? मोदी ने इस बात पर दुख जताया कि आजादी के बाद कांग्रेस ने संविधान निर्माताओं की भावनाओं को कुचला, लेकिन सच तो यह है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी ४०० सांसदों की संख्या के आधार पर देश के मूल संविधान को बदलना चाहती थी और आज भी मोदी ने अदालतों, राजभवन, चुनाव आयोग आदि संवैधानिक पदों पर लाचार और गुलाम मानसिकता वाले लोगों को थोपकर संविधान की ऐसी की तैसी कर दी है। चुने हुए मुख्यमंत्री को उठाकर जेल में डाल देना। एमएलए-एम पी को खरीदना। मतदाता सूची में हेरा-फेरी करके, ईवीएम मैनेज करके और चुनाव जीतना और जीत का ढोल पीटना श्री मोदी ने कौन-सा नया संविधान लागू किया? मोदी द्वारा अपने भाषण में बलराज साहनी और पंडित हृदयनाथ मंगेशकर का उदाहरण देना निरर्थक है। कांग्रेस के बलराज साहनी को जेल में डालने और मंगेशकर को वीर सावरकर के गीत को संगीत देने की वजह से आकाशवाणी द्वारा नौकरी से निकाले जाने की लफ्फाजी प्रधानमंत्री महोदय संसद में करें इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या हो सकता है। मोदी को उचित जानकारी के साथ बात करनी चाहिए थी, क्योंकि वह प्रधानमंत्री हैं। बलराज साहनी एक दमदार अभिनेता थे, लेकिन उनका जुड़ाव कम्युनिस्ट यानी वामपंथी आंदोलन से था। वह आंदोलन में सक्रिय थे। वे प्रोगेसिव रायटर्स संघ के आधारस्तंभ थे। उन्हें के. आसिफ की फिल्म ‘हलचल’ में ‘जेलर’ का किरदार निभाना था और इसके लिए वे
असल में जेल जाकर
अनुभव करना चाहते थे, लेकिन योग ऐसा बना कि उसी समय मुंबई में वामपंथ का जोरदार आंदोलन हुआ था। दंगे भड़क उठे और आगजनी हुई। इसके कारण सामूहिक गिरफ्तारियां हुर्इं। इसमें बलराज साहनी थे। साहनी को तब अभिनेता के तौर पर ज्यादा प्रसिद्ध नहीं थे। उन्हें आर्थर रोड जेल ले जाया गया। कुछ दिनों बाद निर्माता के. आसिफ उनसे जेल में मिलने आया और पुलिस व जेलर को हकीकत बताई। हालांकि, यह सच है कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक कोई रिहाई नहीं होती, लेकिन बलराज साहनी जेल में थे और सरकार ने उन्हें ‘हलचल’ की शूटिंग के लिए हर दिन जेल से बाहर निकलने की अनुमति दी थी। चालीस दिन की शूटिंग साहनी ने जेल में रहते हुए पूरी की थी। क्या ये बात हमारे प्रधानमंत्री को किसी ने नहीं बताई? मंगेशकर के मामले में भी आधा सच है। हृदयनाथ ने वीर सावरकर के गीत ‘ने मजसी ने परत मातृभूमीला, सागरा प्राण तळमळला’ को संगीतबद्ध किया, लेकिन क्या इस गाने की वजह से उनकी नौकरी चली गई, इसका पैâसला कौन करेगा? लेकिन वीर सावरकर का गीत ‘सागरा प्राण तळमळला’ आकाशवाणी द्वारा हजारों बार बजाया गया और आकाशवाणी के कारण ही इस गीत को लोकप्रिय पहचान मिली। लेकिन पीएम मोदी इस विषय पर ‘मन की बात’ कह रहे हैं। झूठी कहानियां पेश कर लोगों को गुमराह करने का इनका धंधा खतरनाक है। अमेरिका ने ६०० भारतीयों को बेड़ियों में जकड़कर वापस भेज दिया, मोदी उस अपमान पर बात नहीं कर रहे हैं। कुंभ मेले में मौतों की वास्तविक संख्या पर भी वे चुप हैं, लेकिन वे फिजूल विषय पर बात कर रहे हैं। गंगा में पवित्र स्नान करने से वास्तव में क्या लाभ हुआ? मोदी बोलते हैं और भक्त ताली बजाते हैं। उसके लिए संसद को परेशान क्यों कर रहे हो?

अपमान भी और अमली पदार्थ भी! …ट्रंप चचा हिंदुस्थान से निकाल रहे हैं दुश्मनी

सामना संवाददाता / मुंबई
हथकड़ी व बेड़ियों में जकड़कर जिस तरह अमेरिकी राष्ट्रपति ने १०४ अप्रवासियों को वापस भेजा है, उससे साफ है कि ट्रंप चचा हिंदुस्थान से दुश्मनी निकाल रहे हैं। हिंदुस्थान के अपमान करने के साथ ही अब एक और खबर आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। अमेरिका से २०० किलो अमली पदार्थ भेजा गया है। इसे एनसीबी ने जप्त किया है। इसमें कोकीन, हाइड्रोपोनिक वीड और वैâनबिस जैसे अमली पदार्थ शामिल हैं। इस सिलसिले में चार ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।

नई मुंबई में पकड़ी गई खेप
एनसीबी ने नई मुंबई में इस बड़े ड्रग्स सिंडिकेट की खेप पकड़ी है। जप्त ड्रग्स की कीमत करोड़ों रुपए में है। यह ड्रग्स अमेरिका से मुंबई कुरियर, छोटे कार्गो और ह्यूमन कैरियर्स के जरिए तस्करी की जा रही थी।

ड्रग्स तस्करी में शामिल
है अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट!
-पकड़ी गई ड्रग्स की बड़ी खेप

मुंबई में ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है। एनसीबी सूत्रों के मुताबिक, यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संचालित सिंडिकेट है। पुलिस को शक है कि इस ड्रग्स तस्करी में कुछ बड़े चेहरे शामिल हो सकते हैं। इसी के मद्देनजर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। अमेरिकी संसदीय समिति की एक बै’क में चिंता जताई गई थी कि डी. कंपनी ने ड्रग्स तस्करी के लिए दुनिया के कई देशों में अपना जाल फैला रखा है।
बता दें कि डी. कंपनी के लिए विक्की गोस्वामी अमेरिका और दक्षिण अप्रâीका से तस्करी का काम करता आया है। खासकर मुंबई में बड़े पैमाने में नशीले पदार्थों की तस्करी करवाई जाती है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मुंबई की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया भेजे जानेवाले एक पार्सल में २०० ग्राम कोकीन बरामद की गई थी। इस सुराग के आधार पर जांच शुरू की गई। पता चला कि नई मुंबई से ड्रग्स सिंडिकेट चल रहा है। सूचना के आधार पर छापेमारी कर नई मुंबई से ११.५४ किलोग्राम हाई क्वालिटी की कोकीन, हाइड्रोपोनिक वीड के २०० पैकेट और ५.५ किलोग्राम वैâनबिस बरामद किया गया है। जप्त की गई ड्रग्स की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कुल कीमत करीब २०० करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जाती है। पुलिस के मुताबिक, ड्रग्स सिंडिकेट विदेशों में स्थित तस्कर गैंग द्वारा संचालित किया जा रहा है। पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

अमेरिकी कंपनी ने किया था खुलासा
बता दें कि अमेरिका की ड्रग्स प्रवर्तन एजेंसी (डीईए) ने साल २०१९ में सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट का खुलासा किया था, जिसमें डी. कंपनी का साथी विक्की गोस्वामी के नाम का जिक्र था। डीईए की रिपोर्ट के मुताबिक, विक्की गोस्वामी दक्षिण अफ्रीका और केन्या से मैंड्रेक्स, कोकीन, हशीश, हीरोइन बड़ी मात्रा में स्मगलिंग करवाता है।

 

लाडली बहनों को अपात्र करनेवाले ‘लाडले भाऊ’ वोट लौटाएंगे क्या? … उद्धव ठाकरे का महायुति सरकार से सीधा सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
चुनाव जीतने के बाद ५ लाख बहनों को अपात्र कर दिया। अगर बहनों ने जिताया तो उनके साथ इस सरकार ने धोखा किया है। जैकेट भाऊ, दाढ़ी भाऊ, देवा भाऊ, पता नहीं कौन-कौन भाऊ! बहनों को जाकर उनसे पूछना चाहिए कि ऐसा क्यों किया? अब ये ‘लाडले भाऊ’ उनके वोट लौटाएंगे क्या? इस तरह का सीधा सवाल शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार से पूछा है। वे कल शिवसेना नेता व विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे के किए कार्यों की पुस्तिका ‘शिवबंधन’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
बुलेटप्रूफ जैकेट में पीएम ने गंगा नहाया
ये लोग कहते हैं कि मनमोहन सिंह रेनकोट पहनकर नहाते थे, लेकिन आज हमारे देश के प्रधानमंत्री बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर गंगा में नहाते हैं, लेकिन इन्हें बता दें कि यह गंगा में नहा रहे हैं और यहां रुपया रसातल में जा रहा है।

मुंबई को गिरवी नहीं होने देंगे!
-अडानी की जेब में मुंबई को डालने की साजिश
-महायुति सरकार पर बरसे उद्धव ठाकरे

जिस मुंबई पर हम अभिमान करते हैं, आज ये लोग उसी मुंबई को बर्बाद करने पर तुले हैं। कभी ९२ हजार करोड़ रुपए की एफडी वाली मनपा को आज इन लोगों ने डेढ़ लाख करोड़ से अधिक का घाटा विकास के नाम पर थोप दिया है। केंद्र और राज्य की मौजूदा सरकार ने पूरे देश को तबाह कर दिया है। ये मुंबई को अडानी की झोली में डालने में जुटी हैं, लेकिन कट्टर और निष्ठावंत शिवसैनिक मुंबई को गिरवी नहीं होने देंगे। ऐसे जोरदार शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे महायुति सरकार पर जमकर बरसे।
उन्होंने कहा कि जैसे इन गद्दारों ने शिवसेना को तोड़ा, वैसे ही अब देश को भी बर्बाद कर रहे हैं। देश के लोगों के साथ धोखा करने का काम भाजपा नेतृत्व वाली सरकार कर रही है। महाराष्ट्र में किसान, जनता परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इन गद्दारों ने लाडली बहनों तक को नहीं छोड़ा, जिन्होंने इन्हें वोट दिया। ऐसी गद्दार सरकार को शिवसैनिक ही जवाब देंगे। कल यशवंत राव चव्हाण सभागृह में आयोजित शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे द्वारा आयोजित ‘शिवबंधन’ कार्यक्रम में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि जो मुंबई केंद्र सरकार को हर साल ३५ से ३७ प्रतिशत तक कर देती है, उस मुंबई को बजट में केंद्र ने कुछ नहीं दिया। हमने मनपा को नुकसान से निकालकर ९२ हजार करोड़ के फायदे में लाया, ये लोग कहते हैं कि बैंक में पैसा रखकर विकास नहीं होता, तो क्या ठेकेदारों की जेब में रखकर विकास होता है, अडानी की जेब में मुंबई रखकर विकास होता है? ऐसा तीखा सवाल उद्धव ठाकरे ने किया।

धारावी विकास के नाम पर और जमीन चाहिए
धारावी विकास के नाम पर अडानी अभी और जमीन मांग रहा है। मनपा के हॉस्पिटल नहीं चल रहे हैं इसलिए उसके निजीकरण करने की खबर है। तब तो कल मुंबई मनपा नहीं चल रही है, बोलकर उसे भी अडानी को दे दोगे। उन्होंने कहा कि ये लोग सत्ता के लिए देश का खून कर रहे हैं और यह हम शिवसैनिकों को मंजूर नहीं है। ये अफजल खान की औलादें हमें हिंदुत्व न सिखाएं तो बेहतर है। देश को बचाने का काम शिवसैनिक कर रहा है। महाराष्ट्र की एकीकरण समिति में ठाकरे परिवार के लोग थे। मुंबई को १९९३ के दंगे में किसने बचाया? ये हमें कहते हैं कि हमने हिंदुत्व छोड़ा है। मैं चुनौती देता हूं कि एक भी उदाहरण देकर बताएं कि हमने हिंदुत्व छोड़ा है। ये सीधे-सीधे साफ झूठ बोलते हैं।

दिल्ली के आगे नहीं झुकेंगे
इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि निष्ठावंत शिवसैनिक की जितनी सराहना की जाए उतना कम है। आज तक कभी महाराष्ट्र दिल्ली के आगे नहीं झुका है। हमारे शिवसैनिक भी दिल्ली के तख्त के आगे नहीं झुकेंगे। चाहे कितना भी प्रयास करें, लेकिन असली निष्ठावान शिवसैनिक को नहीं तोड़ पाएंगे। बहुत से लोग दल बदल रहे हैं, इधर-उधर उड़ी मार रहे हैं, लेकिन ऐसा करनेवाले बचेंगे नहीं।
दिल्ली में राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में हुई गड़बड़ी को लेकर किए गए खुलासे पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि राहुल गांधी ने भाजपा के ढोंग को उजागर कर दिया है। जैसे हम हार नहीं मान रहे हैं, वैसे ही ये लोग जीत भी नहीं पचा पा रहे हैं। इन्हें अपनी जीत पर भरोसा नहीं है। उन्होंने एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य करते हुए कहा कि यह लाचार सेना है। इनके पास दिमाग नहीं है। ये कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन शिवसैनिक फूटेगा नहीं। तुम्हारा ही सिर फूटेगा, हिम्मत है तो ईडी-सीबीआई सब बगल कर दो। आमने-सामने आ जाओ और हमारा एक भी शिवसैनिक फोड़ कर दिखाओ। ये लोग नकली बाप की औलाद हैं, इनमें हिम्मत ही नहीं है।

बांग्लादेशियों को मतदान का अधिकार कैसे?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब टीएन शेषन चुनाव आयुक्त थे, उस समय हमने उनसे मुलाकात की थी और तभी यह सवाल उठाया था कि भारत में बांग्लादेशी लोगों को मतदान का अधिकार कैसे? उस वक्त उन्होंने कहा था कि सरकार को बांग्लादेशियों को राशन कार्ड देना बंद कर देना चाहिए, लेकिन आज मैं कहता हूं कि आम जनता की जवाबदारी है कि उनकी मतदाता सूची में बांग्लादेशियों का नाम कैसे शामिल हो गया?

बिहार भी जाएंगे महाराष्ट्र के बढ़ाए गए ३९ लाख वोट! …जवाब दे चुनाव आयोग …संजय राऊत ने जमकर ली खबर

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान करीब ३९ लाख वोटर बढ़े हैं। अब ये वोटर दिल्ली के रास्ते बिहार जाएंगे। इस तरह के कठोर शब्दों में चुनाव आयोग की जमकर खबर लेते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा पूछे गए गंभीर सवालों का जवाब आयोग दे। साथ ही उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से सवाल पूछे गए और यह देश के सामने उठाया गया बहुत गंभीर मुद्दा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़ी हेराफेरी होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत और राष्ट्रवादी कांग्रेस की नेता व सांसद सुप्रिया सुले ने कल देश की राजधानी दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्प्रâेंस की। इस दौरान संजय राऊत ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव आयोग से सवाल पूछे गए और यह अत्यंत गंभीर मुद्दा देश के सामने रखा गया। इस देश में लोकतंत्र, संसद और विधानसभा को जीवित रखना है तो इन सवालों के जवाब हम नहीं, बल्कि मीडिया को मांगने चाहिए। इसके साथ ही लोगों में भी जागरूकता आनी चाहिए। संजय राऊत ने आगे कहा कि हम तो लड़ने वाले लोग हैं, हम लड़ेंगे ही। लेकिन महाराष्ट्र में उन्होंने कैसे जीता और हमें कैसे हराया गया, यह मुद्दा राहुल गांधी ने देश के सामने रखा है।
चुनाव आयोग को जागना चाहिए
संजय राऊत ने कहा कि अब चुनाव आयोग को जागना चाहिए। उन्होंने जो पर्दा खींचा है, उसे हटाना चाहिए। सरकार ने उन पर जो कफन डाला है, उसे हटाकर इन सवालों का जवाब देना चाहिए। संजय राऊत ने कहा कि अगर इस देश का चुनाव आयोग जीवित है और उनका विवेक मरा नहीं है तो उन्हें राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब देने चाहिए। लेकिन चुनाव आयोग इन सवालों के जवाब नहीं देगा, क्योंकि चुनाव आयोग सत्ता में बैठी सरकार का गुलाम बन गया है। हमने बार-बार चुनाव आयोग को आवश्यक जानकारी दी है, लेकिन वे मरे हुए हैं।
बन गया है नया पैटर्न
संजय राऊत ने कहा कि जो ३९ लाख वोटर बढ़े हैं, वे कहां से आए हैं और अब कहां जा रहे हैं? ये वोट अब बिहार जा रहे हैं। ये फ्लोटिंग वोट हैं। इनके नाम, आधार कार्ड सब कुछ वैसा ही है। कुछ दिल्ली आए हैं, अब ये ३९ लाख वोट बिहार जाएंगे। उसके बाद उत्तर प्रदेश जाएंगे। यह एक नया पैटर्न बन गया है। इसी पैटर्न से ये लोग चुनाव लड़ रहे हैं और जीत रहे हैं।

झूठों, गद्दारों को माफ नहीं करेगा महाराष्ट्र
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे के शिवबंधन कार्य रिपोर्ट का प्रकाशन शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथों किया गया। इस दौरान शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत भाजपा और घातियों पर जमकर बरसे। इस बीच उन्होंने प्रयागराज में लगे महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर किए गए स्नान का भी मखौल उड़ाया। उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा था कि `सागर का प्राण छटपटाता’ गीत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा था कि इस गाने के कारण पंडित हृदयनाथ को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। हालांकि, मोदी यह भूल जाते हैं कि इन गीतों को लोकप्रिय बनाने वाला ऑल इंडिया रेडियो ही था। संजय राऊत ने कहा कि जो दिल्ली में हो रहा है, वही महाराष्ट्र में भी हो रहा है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि महाराष्ट्र झूठे, गद्दारों और दिल्ली के सामने झुकने वालों को माफ नहीं करेगा।

बैलेट पेपर पर हो दोबारा चुनाव -सुप्रिया सुले
राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हम चाहते हैं कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में भी बैलेट पेपर पर दोबारा चुनाव हों, जहां हमारे उम्मीदवार जीते हैं। ११ सीटें ऐसी हैं, जहां हम पार्टी के चुनाव चिह्नों के बीच भ्रम के कारण चुनाव हार गए। यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी ने भी इसे स्वीकार कर लिया है। हमने `तुतारी’ चुनाव चिह्न बदलने के लिए कई बार अनुरोध किया, लेकिन अनुरोध पर विचार नहीं किया गया। हम केवल चुनाव आयोग से निष्पक्षता की मांग करते हैं। उत्तम जानकर सोलापुर में जीते हैं, लेकिन उनको जो वोट मिले हैं, उससे वे संतुष्ट नहीं हैं। वे फिर से चुनाव चाहते हैं। सांसद धैर्यशील मोहिले की मांग है कि बैलेट पेपर पर चुनाव हो। राज ठाकरे ने भी इसका उल्लेख किया है। हम वहां खूब लड़े हैं। पार्टी तोड़ी गई। हमारे नए सिंबल से मिलता-जुलता सिंबल दूसरे को दिया गया। हमारी आपत्ति के बाद भी उस चुनाव चिह्न को नहीं हटाया इसलिए राकांपा सातारा की सीट हारी।

मंत्रियों-सांसदों और विधायकों का दबाव …म्हाडा दे रही सेवानिवृत्त अधिकारियों को विस्तार! …आरटीआई में हुआ खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने सेवानिवृत्त लोगों की भर्ती की है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि उनमें से कुछ को नियुक्त करते समय सरकारी नियमों को दरकिनार कर विस्तार दिया गया है। लगभग २३ म्हाडा अधिकारियों को दोबारा नियुक्त किया गया है। हालांकि, सरकार ने सेवानिवृत्त लोगों के अनुभव का लाभ उठाने के लिए एक निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति की अनुमति दी है, लेकिन यह देखा गया है कि म्हाडा में सेवानिवृत्त लोग प्रशासनिक मामलों में रुचि रखते हैं।
वर्तमान में म्हाडा में २३ सेवानिवृत्त अधिकारियों को विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। आरटीआई कार्यकर्ता जीतेंद्र घाडगे को आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक, ये नियुक्तियां राजनीतिक दबाव में की गई लगती हैं। यह भी स्पष्ट है कि कुछ अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विस्तार मिला है। २०१६ में सरकार ने एक परिपत्र के माध्यम से विशिष्ट कौशल के लिए अनुबंध के आधार पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति की अनुमति दी। लेकिन इस पैâसले का दुरुपयोग कर सेवानिवृत्त अधिकारियों को वापस सेवा में लिया जा रहा है। नियुक्त किए गए २३ अधिकारियों में से दस अधिकारियों को म्हाडा के बिल्डिंग रिपेयर बोर्ड में नियुक्त किया गया है। इस बोर्ड के माध्यम से पुरानी और जर्जर इमारतों का रखरखाव किया जाता है। वैसे इस महत्वपूर्ण बोर्ड में कई पद खाली हैं, लेकिन उन्हें भरने की बजाय रिटायर लोगों को नियुक्त किया जा रहा है। दरअसल, आरोप है कि सिर्फ रिटायर लोगों की सुविधा के लिए नियमित भर्ती नहीं की जा रही है। ये नियुक्तियां मंत्रियों, सांसदों या विधायकों की सिफारिशों पर की जाती हैं और उनके पत्रों का उपयोग विस्तार के लिए भी किया जा रहा है।

चौथी बार मिला एक्टेंशन
म्हाडा में बिल्डिंग पुनर्निर्माण और मरम्मत बोर्ड में एक सेवानिवृत्त उप अभियंता को फिर से बढ़ाया गया है। ये अधिकारी सक्रिय हैं और इन्हें लगातार चौथे साल एक्सटेंशन मिला है। सरकार के निर्णय के अनुसार, ऐसे सेवानिवृत्त लोगों को तीन साल तक के लिए नियुक्त किया जा सकता है। यह साफ है कि सब इंजीनियर को राजनीतिक दबाव बनाकर एक साल का एक्सटेंशन और मिल गया। इस अधिकारी को उनकी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद १५ नवंबर २०२१ को विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। इस अधिकारी का तीन साल का कार्यकाल १४ नवंबर २०२४ को पूरा हो गया था। बीजेपी के एक विधायक ने १० सितंबर २०२४ को अधिकारी को पत्र देकर दो साल का एक्सटेंशन देने की सिफारिश की थी। इस पत्र में गलत जानकारी दी गई कि इस अधिकारी की नियुक्ति ३० अगस्त २०२३ को हुई थी। इस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था।

ईडी २.० सरकार की मेहरबानी से अडानी हथियाना चाहते हैं धारावी का काला किला डिपो! … धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के सीईओ को दी गई बेस्ट की कमान

सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी में मौजूद काला किला डिपो पर क्या अडानी की नजर है? उनके ऊपर ईडी २.० की मेहरबानी है क्या? आखिर क्यों बेस्ट के अतिरिक्त महाप्रबंधक के रूप में आईएएस अधिकारी एसवीआर श्रीनिवासन को कमान दी गई है? श्रीनिवासन पहले से ही धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में तैनात हैं, यह जानते हुए भी श्रीनिवासन को बेस्ट पद की जिम्मेदारी दी गई है। सवाल उठ रहा है कि क्या यह कदम अडानी और ईडी सरकार २.० को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है! ऐसे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि धारावी और काला किला डिपो लगभग १२ एकड़ में पैâला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट के तहत अडानी ये दोनों बस डिपो भी हथियाना चाहते हैं। इसके बदले बेस्ट को ज्यादा पार्विंâग की जगह, बेस्ट कर्मचारियों के लिए बेहतर सुविधा का लॉलीपॉप दिया गया है। बेस्ट के पूर्व महाप्रबंधक रहे अनिल डिग्गीकर ने इस सौदे पर बातचीत शुरू की थी, लेकिन उनके तबादले के बाद अब तक इस मुद्दे पर बातचीत नहीं हुई।
ज्ञात हो कि पूर्व महाप्रबंधक रहे अनिल डिग्गीकर के तबादले के बाद पिछले एक महीने से बेस्ट के महाप्रबंधक का यह पद खाली पड़ा था। बेस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, महाप्रबंधक का यह पद खाली होने से बेस्ट की भविष्य की नीति तय करने में दिक्कतें आ रही थीं। अनिल के तबादले के बाद सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हर्षदीप कांबले की नियुक्ति के लिए ऑर्डर निकाले, लेकिन इसके पहले उनकी नियुक्ति हो पाती सरकार ने वह ऑर्डर रद्द कर दिया। ऑर्डर रद्द करने के पीछे क्या कारण था, यह अब तक सामने नहीं आ पाया है। ऐसे में अडानी पुनर्विकास योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को बेस्ट की कमान संभालना कई सवाल खड़े करता है।

किसानों को कर्ज से उबारना सरकार की जिम्मेदारी! …आदित्य ठाकरे ने गिनाई किसानों की समस्या

सामना संवाददाता / मुंबई
आज किसानों की दशा खराब है। उनकी फसलें बर्बाद होने पर सरकार न तो बीमा की राशि दे रही है और न ही उन्हें मुआवजा मिल रहा है। आज जिस तरह से क्लाइमेट चेंज हो रहा है, उससे किसानों के लिए समस्या और बढ़ने वाली है। ऐसे में किसानों को कर्ज के बोझ सहित तमाम समस्याओं से उबारना सरकार का काम है। ऐसा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता व विधायक आदित्य ठाकरे माणदेशी मेला में बोल रहे थे। दादर स्थित रविंद्र नाट्य मंदिर में आयोजित माणदेशी का आयोजन किया गया है। इस मेले में किसानों और उनके परिवार के लिए वैकल्पिक व्यवसाय को बढ़ावा देने का विचार प्रसारित किया जा रहा है। किसानों के द्वारा ग्रामीण इलाकों में तैयार होने वाले हस्तकला की वस्तुओं को इस संस्था के माध्यम से बड़े पैमाने पर बेचा जा रहा है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज के समय में किसानों को वैकल्पिक व्यवसाय की तरफ बढ़ने की जरूरत है। उन्हें आर्थिक रूप से टिकने के लिए ऐसे विकल्प और विचार करना चाहिए। यह संस्था किसानों को प्रशिक्षित करके और उनके द्वारा हस्तकला वस्तुओं को बिक्री कर उन्हें आर्थिक सहयोग कर बढ़ावा दे रही है। इस बड़ी बात पर सरकार को भी विचार करना चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी है कि किसानों का किस तरीके से उत्थान किया जाए, इस पर एक विस्तृत योजना लानी चाहिए।

भाजपा ने दिया ‘आप’ के १६ प्रत्याशियों को ऑफर! …केजरीवाल का सनसनीखेज खुलासा

-आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
दिल्ली की ७० सीटों पर हुए मतदान के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर एक बड़ा आरोप लगाया है। एक सनसनीखेज खुलासे में उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली चुनाव में खड़े हुए उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को फोन करके करोड़ों रुपए का लालच दे रही है। भाजपा ने ‘आप’ के १६ प्रत्याशियों को ऑफर दे दिया है। चुनाव जीतने के बाद इन्हें भाजपा का सपोर्ट करने और सरकार बनाने में मदद कराने का ऑफर दिया गया है।
केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव के बाद आए सारे एग्जिट पोल्स को फर्जी बताते हुए कहा कि अगर उनकी (भाजपा) ५५ सीटें आ रही हैं तो हमारे प्रत्याशियों को फोन क्यों आ रहे हैं? केजरीवाल ने इस बारे में कहा, ‘कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली-गलौज पार्टी की ५५ से ज्यादा सीटें आ रही हैं। पिछले दो घंटे में हमारे १६ उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि ‘आप’ छोड़ कर उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हरेक को १५-१५ करोड़ देंगे।’

‘आप’ बनाएगी सरकार
आज दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आनेवले हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर भाजपा ने हेर-फेर नहीं की तो ‘आप’ एक बार फिर बहुमत से सरकार बनाएगी और अरविंद केजरीवाल ही मुख्यमंत्री बनेंगे।

सभी सर्वे फर्जी हैं
भाजपा की जीत के दावे पर केजरीवाल ने कहा कि जाहिर तौर पर ये फर्जी सर्वे करवाए ही इसलिए गए हैं, ताकि माहौल बनाकर कुछ उम्मीदवारों को तोड़ा जा सके। पर गाली-गलौज वालों, हमारा एक भी आदमी नहीं टूटेगा।’

यहां दाल नही गलेगी
केजरीवाल के ट्वीट को शेयर करते हुए पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लिखा, ‘गाली-गलौज पार्टी हताशा में खरीद-फरोख्त की राजनीति पर उतर आई है। ये दिल्ली है यहां दाल नही गलेगी।’ इससे पहले दिन में संजय सिंह ने भी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह बुधवार (५ फरवरी) को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले आप के सात उम्मीदवारों को पैसों का लालच देकर पार्टी बदलने के लिए उकसा रही है।

शिवसेना के नए संसदीय कार्यालय का भव्य उद्घाटन

शिवसेना के नए संसदीय कार्यालय का भव्य उद्घाटन हुआ। शिवसेना संसदीय दल के नेता संजय राऊत ने श्रीफल चढ़ाकर और फीता काटकर संसद के तीसरी मंजिल पर स्थित कक्ष संख्या १२८ में स्थित कार्यालय का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्रीगणेश पूजन और दीप प्रज्वलन किया गया। इस मौके पर लोकसभा में गट नेता अरविंद सावंत, शिवसेना सचिव व सांसद अनिल देसाई, सांसद राजाभाऊ वाजे, संजय देशमुख, भाऊसाहेब वाक्चौरे, संजय जाधव, नागेश पाटील आष्टीकर, संजय दीना पाटील, ओमरराज निंबालकर, प्रियंका चतुर्वेदी उपस्थित थे।