अनिल मिश्र / पटना
बिहार प्रदेश के सासाराम (रोहतास) में दोहरे हत्याकांड के एक मामले में 27 साल बाद न्यायालय का फैसला आया है। यह मामला शिवसागर थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव का है। जिला जज चतुर्थ अनिल कुमार की अदालत ने 19 अभिुयक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ साथ प्रत्येक अभियुक्त पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माना जमा नहीं भरने पर अभियुक्तों को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतना पड़ेगा। इस हत्याकांड के पांच अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। अदालत ने मामले में शिवसागर थाना क्षेत्र के आलमपुर गांव के उमाशंकर महतो, बलि महतो, संतन महतो, रमेंद्र महतो, अर्जुन महतो, हरेराम महतो, दशरथ महतो, रामचंद्र महतो, अशोक महतो, गुपुत महतो, रामनाथ महतो, अरुण महतो, रामाशीष महतो, उमेश महतो, सुनील महतो, राजेश्वर महतो, प्रेमचंद महतो, परमानंद शर्मा, विश्वनाथ महतो को सजा सुनाई है।
कोर्ट का कहना था कि निश्चित रूप से यह अपराध असाधारण रूप से क्रूर व जघन्य अपराध है। यह अपराध असहाय व निहत्थे पीड़ितों पर किया गया था। मामले की प्राथमिकी शिवसागर थाना क्षेत्र के आलमपुर निवासी संजय माली ने स्थानीय थाने में दर्ज करायी थी। दरअसल, यह घटना 12 अक्टूबर 1997 की बताई जाती है। फर्दबयान में सूचक संजय का कहना था कि घटना तिथि की सुबह छह बजे हथियारों से लैस होकर अभियुक्तगण उसके दरवाजे पर आए व उसके चाचा जंगबहादुर माली की हत्या कर दी। बचाव करने आए मुनीर माली की भी बुरी तरह से पिटाई की। वे जान बचाकर घर में भागे। इसी बीच अभियुक्तों ने विनोद माली को पकड़ लिया। उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उनके सिर को उसके धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद सिर व धड़ को घसीटते हुए गांव से दक्षिण दिशा में लेकर गए। विनोद के शरीर के धड़ को जगजीवन नहर में फेंक दिया। उसके बाद सिर को लेकर जंगल की ओर चले गए।