गड़े मुर्दे : जब राजनेता बनने से चूक गया अश्विन नाईक

जितेंद्र दीक्षित

कहानी मुंबई के सबसे पढ़े- लिखे डॉन की
कभी-कभी किसी के जीवन में घटित हुई कोई एक घटना उसकी जिंदगी की दिशा बदलकर रख देती है। उस शख्स ने अपनी जिंदगी के लिए कोई और योजना बना रखी होती है, लेकिन नियति उसे कही और ले जाकर पटक देती है। ऐसा ही कुछ हुआ अश्विन नाईक के साथ। नाईक ने लंदन से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और भारत आकर किसी कंपनी में अच्छी तनख्वाह पर नौकरी करके अपना जीवन आगे बढ़ाने का इरादा था, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही सोच रखा था। अश्विन का बड़ा भाई अमर उर्फ रावण मुंबई अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम था, जिसने कई दुश्मन बना रखे थे। पुलिस तो उसकी दुश्मन थी ही, वह अरुण गवली के गिरोह के भी निशाने पर था। बड़े भाई की इस अदावत ने अश्विन को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। जान बचाने के लिए जान लेना जरूरी बन गया। अश्विन नाईक मजबूरी में अंडरवर्ल्ड का सदस्य बन गए, लेकिन इस दुनिया को वे जल्द ही छोड़ देना चाहते थे। १९९२ में नाईक ने पैâसला किया कि अंडरवर्ल्ड को छोड़कर राजनीति में चले जाएंगे, लेकिन उसी साल उसके साथ ऐसी घटना हुई जिसने उनकी जिंदगी तहस-नहस करके रख दी। उनकी जान तो बच गई, लेकिन अंडरवर्ल्ड से बाहर निकलने का उनका रास्ता भी बंद हो गया।
९० के दशक में मुंबई में पांच गिरोहों की दहशत हुआ करती थी– दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन, अरुण गवली, अमर नाईक और अबू सलेम इन गिरोहों के मुखिया थे। १९९६ में दिवंगत इंस्पेक्टर विजय सालस्कर ने अमर नाईक को नागपाड़ा इलाके में हुए एक एनकाउंटर में खत्म कर दिया। गिरोह की कमान अश्विन नाईक के हाथों में आ गई। शारीरिक तौर पर लाचार होने के बावजूद नाईक ने गिरोह पर मजबूत नियंत्रण रखा और अपने दुश्मनों को भी नाकों चने चबवाए। १९९२ में एक कोर्ट में पेशी के दौरान अरुण गवली के शूटरों ने अश्विन नाईक के सिर में गोली मार दी थी। वक्त पर इलाज मिल जाने से अश्विन की जान तो बच गई, लेकिन कमर के नीचे से उसे लकवा मार गया और वह जिंदगीभर व्हीलचेयर पर रहने के लिए मजबूर हो गया।
हाल ही में नाईक के घर पर मेरी मुलाकात हुई। बातचीत के दौरान नाईक ने कई बातें बतार्इं, जो अब तक सार्वजनिक नहीं हुर्इं थीं। नाईक शिवसेना की विचारधारा और बालासाहेब के व्यक्तित्व से बड़ा प्रभावित थे। उनके मुताबिक बालासाहेब भी उन्हें पसंद करते थे और कुछेक बार सभाओं में उनके नाम का जिक्र भी किया था। नाईक की पत्नी नीता शिवसेना की नगरसेविका थी। खुद अश्विन नाईक ने भी १९९२ में अंडरवर्ल्ड छोड़कर राजनीति में आने की तैयारी कर ली थी, लेकिन सेशन कोर्ट में हुई गोलीबारी के बाद उनकी जिंदगी की दिशा बदल गई।
जेल में रहने के दौरान अश्विन नाईक ने खूब पढ़ाई की। पढ़ाई किताबों की नहीं बल्कि अपने खिलाफ दर्ज मामलों में पुलिस की ओर से दायर मोटी-मोटी चार्जशीट के पन्नों की। नाईक कानून में इतना निपुण हो गए कि वे अपने वकीलों को निर्देश देते थे कि अदालत में किन बिंदुओं के आधार पर वे जिरह करें। अबसे चंद साल पहले, इक्का-दुक्का छिटपुट मामलों को छोड़कर, नाईक अदालत से सभी गंभीर मामलों से बरी हो गए।
कानून के शिकंजे से बाहर निकलने के बाद अब नाईक एक सामान्य नागरिक की तरह जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं। अब उनका सारा ध्यान रियल इस्टेट के कारोबार पर है। चूंकि नाईक हनुमानजी के भक्त हैं इसलिए अपनी कंपनी का नाम भी उन्हीं पर यानी कि मारुति कंस्ट्रक्शंस रखा है। नाईक के पिता का नाम भी मारुति था। नाईक संतोषी माता के भी भक्त हैं और रोजाना कुछ वक्त घर के पास स्थित माता के मंदिर में पूजा- पाठ के लिए भी निकालते हैं।
जब मैंने उनसे पूछा कि क्या उनके पास नई पीढ़ीr की खातिर कोई संदेश है तो उनकी नसीहत थी– ‘कभी भी अपराध की राह मत पकड़ना, क्योंकि ये वन वे ट्रैफिक है। मैं खुशनसीब हूं कि वापस लौट कर आ सका, लेकिन हर कोई लौट नहीं पाता। इस दुनिया से दूर रहो।’
(लेखक एनडीटीवी के सलाहकार संपादक हैं।)

ईरान सरकार के विरोध में महिला ने फिर उतारे कपड़े! … न्यूड होकर पुलिस वैन के बोनट पर चढ़ी

ईरान में कट्टरपंथी शासन की सख्त नीतियों और कड़े कानूनों के बावजूद महिलाओं का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं ईरान में हुई एक घटना ने दुनियाभर को हैरान कर दिया है। दरअसल, ईरान में एक महिला पूरी तरह नग्न अवस्था में पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गई और पुलिस के विरोध में प्रदर्शन करने लगी। महिला के इस कदम ने सशस्त्र पुलिस अधिकारियों को चौंकाकर रख दिया। महिला सशस्त्र पुलिस अधिकारियों से डरे बिना कार पर नग्न अवस्था में चढ़ गई और कार के विंडशील्ड पर बैठ गई। ब्रिटिश न्यूज आउटलेट द सन की रिपोर्ट के अनुसार, यह हैरान कर देने वाली घटना ईरान के उत्तर-पूर्व भाग में स्थित देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहद में देर रात को घटी।
ईरान के मशहद में घटी इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में बिना कपड़ों के महिला पुलिस की कार पर चढ़कर पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करती हुई दिखाई दे रही है। जब महिला कार के बोनट पर खड़ी होती है, तो लोगों को तेज रफ्तार से आगे बढ़ते हुए गाड़ियों के हॉर्न बजाते हुए सुना जा सकता है। वहीं इस दौरान कई अधिकारी भी महिला को घेरे हुए थे।

इस्लाम की बात : ज्ञान है तो जहान है …इस्लाम की बुनियाद ‘इकरा’

सैयद सलमान मुंबई

पिछले दिनों खारघर में हुए इज्तेमा की खूब चर्चा हुई। दीन और दुनिया को लेकर कई आलिमों ने अपने विचार रखे। खासकर, मुस्लिम समाज में शिक्षा को लेकर बहुत से मुसलमानों की रहनुमाई की गई। इस्लाम की बुनियाद में ‘इकरा’ यानी पढ़ने का बड़ा महत्व है। यह बात हर मजहब और संप्रदाय मानता है कि शिक्षा मानव जीवन का आधार है और यह समाज के विकास और प्रगति की कुंजी है। मुस्लिम समाज में भी शिक्षा का महत्व इस्लामी शिक्षाओं और ऐतिहासिक परंपराओं में गहराई से निहित है। इस्लाम धर्म ने ज्ञान और शिक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया है। कुरआन और हदीस में स्पष्ट रूप से इस बात को स्पष्ट किया गया है।
इस्लाम में ज्ञान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। कुरआन की पहली आयत में ही पढ़ने और ज्ञान प्राप्त करने का आदेश दिया गया है। ‘पढ़ो, अपने रब के नाम से, जिसने सृष्टि की रचना की।’ (सूरह अल-अलक, ९६:१)। यह आयत इस्लाम में शिक्षा के महत्व को बड़ी ही खूबसूरती से स्पष्ट करती है और मुसलमानों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इस्लाम में ज्ञान को ईश्वर की निशानी माना जाता है और इसे प्राप्त करना एक पवित्र कर्तव्य कहा गया है। एक हदीस में उल्लेख है कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने इल्म लेने के लिए चीन तक जाने की नसीहत की है। आज से साढ़े चौदह सौ साल पहले सऊदी अरब के रेगिस्तान में रहने वाले अशिक्षित लोगों को चीन तक शिक्षा लेने जाने की बात कहना ही शिक्षा के महत्व का प्रमाण है। यही नहीं, बल्कि पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा, ‘ज्ञान प्राप्त करना हर मुसलमान पर फर्ज है।’ (हदीस इब्न माजा)। यह हदीस शिक्षा के महत्व को और भी स्पष्ट रूप से बयान करती है। पैगंबर ने यह भी कहा कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए दूर-दूर तक यात्रा करनी चाहिए।
आधुनिक शिक्षा जरूरी
इस्लामी इतिहास में भी शिक्षा का विशेष स्थान रहा है। मध्यकालीन इस्लामी सभ्यता ने विज्ञान, गणित, चिकित्सा, दर्शन और साहित्य के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। बगदाद, कॉर्डोबा और काहिरा जैसे शहर शिक्षा और ज्ञान के महत्वपूर्ण केंद्र थे। मुस्लिम विद्वानों ने ग्रीक, रोमन और भारतीय ज्ञान को संरक्षित किया और उसे आगे बढ़ाया। इब्न सीना, अल-ख्वारिज्मी, अल-फाराबी और अल-बिरूनी जैसे विद्वानों ने विश्व को नए ज्ञान से समृद्ध किया।
जहां तक बात शिक्षा के सामाजिक महत्व की है तो शिक्षा सामाजिक विकास और प्रगति का मुख्य साधन है। मुस्लिम समाज में शिक्षा के महत्व को मानने के बावजूद अशिक्षा हावी है, यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। मुस्लिम समाज में शिक्षा के माध्यम से लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाया जा सकता है। शिक्षा के द्वारा गरीबी, अज्ञानता और पिछड़ेपन को दूर किया जा सकता है। शिक्षित समाज ही समस्याओं का समाधान कर सकता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
मुस्लिम समाज में धार्मिक और नैतिक शिक्षा का भी विशेष महत्व है। इस्लामी शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति को नैतिक मूल्यों, ईमानदारी, न्याय और दया जैसे गुणों का ज्ञान प्राप्त होता है। यह शिक्षा व्यक्ति को एक अच्छा इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनाती है। धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का समन्वय भी आवश्यक है, ताकि मुस्लिम समाज आधुनिक दुनिया में अपनी पहचान बनाए रख सके। रटी-रटाई और पुरानी पद्धति की शिक्षा से मुसलमानों का भला नहीं हो सकता। हां, नुकसान बहुत हो रहा है। शायद यह बात मुसलमान अब धीरे-धीरे समझने लगा है कि ज्ञान है तो जहान है।
प्रगति और विकास के
लिए शिक्षा
मुस्लिम समाज में महिला शिक्षा का भी विशेष महत्व है। इस्लाम ने महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया है। पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा, ‘ज्ञान प्राप्त करना हर मुसलमान पुरुष और महिला पर फर्ज है।’ महिला शिक्षा के माध्यम से समाज में जागरूकता और सशक्तीकरण आता है। शिक्षित महिलाएं परिवार और समाज को बेहतर ढंग से संवार सकती हैं। इस्लाम की मान्यता है कि मां की गोद पहली दर्सगाह यानी शिक्षा का केंद्र है। वह पहली पाठशाला है जहां से आधुनिक न सही, लेकिन नैतिक और चारित्रिक शिक्षा मिलती है।
जहां तक बात वर्तमान दौर की है तो आज के समय में मुस्लिम समाज को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि शिक्षा का अभाव, गरीबी और सामाजिक पिछड़ापन। इन चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है। मुस्लिम समाज को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा को भी महत्व देना चाहिए। यह न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि सामाजिक प्रगति और धार्मिक पहचान को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा के माध्यम से ही मुस्लिम समाज आधुनिक दुनिया में अपनी गरिमा और पहचान को बनाए रख सकता है। इस्लामी शिक्षाओं और ऐतिहासिक परंपराओं के आधार पर शिक्षा को प्रोत्साहित करना मुस्लिम समाज की प्रगति और विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस से उसकी खोई हुई प्रतिष्ठा भी वापस प्राप्त की जा सकती है।
(लेखक मुंबई विश्वविद्यालय, गरवारे संस्थान के हिंदी पत्रकारिता विभाग में समन्वयक हैं। देश के प्रमुख प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)

जंगली सूअर समझकर दोस्तों को मारी गोली! … दो की मौत, छह गिरफ्तार

सामना संवाददाता / पालघर
पालघर में सूअर समझकर एक दोस्त ने दूसरे दोस्तों को गोली मार दी, जिसमें दो दोस्तों की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घटना २८ जनवरी की बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पालघर में ८ दोस्त शिकार के लिए जंगल में गए थे। जंगल में पहुंचने पर दो दोस्त अलग हो गए। इसके बाद एक शिकारी ने अपने ही साथियों को जंगली सूअर समझकर गोलियां चला दीं। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई, फिर शिकारियों ने मृतक के शव को जंगल की झाड़ियों में ही छुपा दिया। पालघर में एक गांव से ८ दोस्तों का एक ग्रुप मनोर में बोरशेती वन क्षेत्र में शिकार करने गया था, जहां दो शिकारियों की मौत हो गई। शिकार करने गए साथियों ने ही अपने दो साथियों पर जंगली सूअर समझकर गोली चला दी थी, जिसके बाद एक की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं एक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

शिक्षा के मंदिर में `नंगा नाच’ … ३ शिक्षकों ने १३ साल की बच्ची से वॉशरूम में ले जाकर किया रेप!

एक महीने के बाद हुआ खुलासा
तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में १३ साल की स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। स्कूल के ही शिक्षकों ने छात्रा के साथ रेप किया। एक महीने के बाद इस वारदात का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में ३ आरोपी शिक्षकों को बुधवार को पॉक्सो कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों को १५ दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। कृष्णागिरी के कलेक्टर सी दिनेश कुमार ने कहा, `कृष्णागिरी जिले के एक सरकारी मिडिल स्कूल में तीन शिक्षकों ने १३ वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया। जिला शिक्षा अधिकारी ने तीनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी शिक्षकों को १५ दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, २ जनवरी को स्कूल के शौचालय में छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि यह घटना २ फरवरी को प्रकाश में आई। जब छात्रा के माता-पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल को इस घटना की जानकारी दी, तब जाकर एक महीने बाद वारदात का खुलासा हुआ। पुलिस ने जानकारी मिलते ही एक्शन लेना शुरू कर दिया। चाइल्ड हेल्पलाइन के अफसरों के मुताबिक, पीड़ित के माता-पिता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर तीन आरोपी शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। इन तीनों शिक्षकों को पॉक्सो अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।

‘गुजारा’ एक नैतिक जिम्मेदारी है … पहले पति से अलग हुई पत्नी दूसरे पति से भी मांग सकती है गुजारा भत्ता! -सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम पैâसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई महिला अपने पहले पति से कानूनी रूप से तलाक लिए बिना दूसरे पति से शादी करती है और बाद में दोनों अलग हो जाते हैं, तो वह अपने दूसरे पति से गुजारा भत्ता का दावा कर सकती है। यह निर्णय जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने सुनाया है। महिला को आपराधिक दंड संहिता की धारा १२५ के तहत अपने दूसरे पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने का अधिकार होगा। भले ही महिला की पहली शादी कानूनी रूप से खत्म न हुई हो, लेकिन अगर पति-पत्नी ने आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया है, तो यह उसे दूसरे पति से भरण-पोषण का हकदार बनाता है।
बता दें कि यह पैâसला तेलंगाना हाई कोर्ट के उस निर्णय को पलटते हुए आया है, जिसमें महिला को भरण-पोषण का अधिकार देने से इनकार कर दिया गया था। इस मामले में अपीलकर्ता नंबर १ (पत्नी) ने उत्तरदायी (दूसरे पति) से शादी की थी, जबकि उसने अपने पहले पति से कानूनी रूप से तलाक नहीं लिया था। हालांकि, इसमें यह बात सबसे जरूरी है कि दूसरे पति को पहली शादी की जानकारी थी। शादी के बाद दोनों कुछ समय तक साथ रहे और उनका एक बच्चा भी हुआ, लेकिन बाद में झगड़ों के कारण दोनों अलग हो गए। इसके बाद महिला ने गुजारा भत्ता मांगा। तेलंगाना हाई कोर्ट ने महिला की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि चूंकि उसका पहला विवाह कानूनी रूप से समाप्त नहीं हुआ था इसलिए दूसरा विवाह अमान्य है और इस कारण महिला को दूसरे पति से भरण-पोषण का अधिकार नहीं मिल सकता।

सतर्क रहें, सावधान रहें : लोन फ्राॅड से कैसे बचें…

 

राज ईश्वरी

अगर आपके क्रेडिट रिपोर्ट में ऐसे लोन का जिक्र हो, जिसके लिए कभी अपने अप्लाई ही नहीं किया है तो आपके तो होश उड़ जाएंगे।
धोखाधड़ी के ऐसे मामलों को आइडेंटिटी थेफ्ट कहा जाता है। यानी किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत और फाइनेंशियल जानकारी चुराकर उनके नाम से प्रâॉड लोन अकाउंट बनाना।
लोन फ्राॅड से कैसे बचें…
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को समय-समय पर चेक करें
अगर आप जानना चाहते हैं कि आपकी पहचान का उपयोग करके कहीं नए लोन अकाउंट तो नहीं खोले गए हैं तो समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को चेक करें।
आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट के अकाउंट सेक्शन को देखें और चेक करें कि क्या सभी क्रेडिट अकाउंट आपके अपने हैं।
यदि आपको अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में किसी ऐसे कोई क्रेडिट अकाउंट का पता चलता है, जिसके लिए आपने अप्लाई नहीं किया है तो संबंधित क्रेडिट ब्यूरो के साथ तुरंत डिस्प्यूट दर्ज करें।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को न बताएं
आपकी व्यक्तिगत जानकारी गोपनीय होती है और इसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो, कॉल पर या व्यक्तिगत रूप से।
आपके पैन और आधार दस्तावेज भी बेहद गोपनीय होते हैं और उनकी फोटोकॉपी स्टेटमेंट ऑफ पर्पज के बिना शेयर नहीं की जानी चाहिए।
यह हमेशा ध्यान रखें कि कोई बैंक / एनबीएफसी / फिनटेक अधिकारी आपसे कभी भी पासवर्ड, नई बैंकिंग जानकारी, एटीएम पिन जैसी गोपनीय जानकारी नहीं मांगता है।
केवल सुरक्षित और विश्वसनीय प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप का उपयोग करें।
किसी भी प्लेटफॉर्म / ऐप का उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह बड़ा और भरोसेमंद हो।
आपकी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित है, यह पता करने के लिए आपको आईएसओ सर्टिफिकेशन जैसे सेफ्टी चेक का उपयोग करें।
फिशिंग अटैक से खुद को सुरक्षित रखें
ऐसे स्रोतों से प्राप्त ईमेल को न खोलें जिनके बारे में आपको पता न हो। ऐसी लिंक पर क्लिक करने से या अटैचमेंट डाउनलोड करने से आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन में वायरस आ सकता है या आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है। कुछ वायरस आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि अन्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी और पहचान को चुरा सकते हैं।

पासवर्ड, पिन, ओटीपी, क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारी और यहां तक कि आपकी जन्मतिथि जैसे पर्सनल डेटा को शेयर करने से पहचान की चोरी के मामले बन सकते हैं, जिनके तहत आपको पता भी नहीं चलेगा और आपकी पहचान का उपयोग करके ट्रांजेक्शन किया जा सकता है।

– बहुत से लोग, जिन्हें पैसों की तुरंत जरूरत होती है, ऐसे प्लेटफार्म और मोबाइल ऐप के जरिए लोन ले लेते हैं जो वेरिफाई नहीं होते हैं। डिजिटल लेंडिंग पर आरबीआई की वर्किंग ग्रुप रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ६०० से अधिक गैर- कानूनी लेंडिंग ऐप काम कर रहे हैं।

किसी वेबसाइट का यूआरएल दर्ज करते समय, टाइपिंग की साधारण-सी गलती से भी आपका पता स्वैâमर्स को लग सकता है, क्योंकि हर जानी-मानी वेबसाइट के लिए समान डोमेन नेम वाली दर्जनों नकली वेबसाइटें होती हैं। कुछ वेबसाइटें ऑरिजिनल वेबसाइट की तरह दिखती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप सही वेबसाइट पर जा रहे हैं, अपने वेब ब्राउजर पर लिंक को बुकमार्क करें, सर्च इंजन रिजल्ट के ज़रिए वेबसाइट की लिंक खोलें या आपके द्वारा टाइप किए गए यूआरएल को दोबारा चेक करें।

संजय सिंह का सनसनीखेज खुलासा … ‘आप’ विधायकों को भाजपा ने दिया है १५-१५ करोड़ का ऑफर!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
चुनाव नतीजों से पहले आप सांसद संजय सिंह ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में भाजपा ने ‘ऑपरेशन लोटस’ का काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे विधायकों को १५-१५ करोड़ देकर खरीदने की कोशिश की। वे पैसे और जांच एजेंसी का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली में हमारे दो मंत्रियों को तोड़ा। संजय सिंह ने कहा, ‘बहुत सारे विधायकों ने हमें सूचना दी कि हमारे सात विधायकों के पास १५-१५ करोड़ रुपए लेकर पार्टी छोड़ने का, पार्टी तोड़ने का और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर आ चुका है। एक दो से मुलाकात करके भी ऑफर दिया गया। आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाने की बात कर रहे हैं।’

 

 

आउट ऑफ पवेलियन : ब्यूटी की जंग

अमिताभ श्रीवास्तव

भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में ब्यूटी को लेकर बाजार सातवें आसमान में है। बेशुमार दौलत की वर्षा होती है और हर बड़ा उद्योगपति ब्यूटी बाजार की तरफ ललचाई आंखों से देखता रहता है। इसी का उदाहरण है कि मुकेश अंबानी की पुत्री ईशा ब्यूटी बाजार की एक सशक्त सौदागर हैं और अब उनको टक्कर देने इस जंग में उतर आई हैं आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्या बिड़ला। जी हां, अब ब्यूटी और पर्सनल केयर बिजनेस में वो कदम रख रही हैं। वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और माइक्रोफाइनेंस का बिजनेस शुरू कर चुकी हैं। देश में ब्यूटी और पर्सनल केयर का मार्वेâट अरबों डॉलर का है और लगातार बढ़ रहा है। अनन्या के नए मेकअप, प्रâेगरेंस और दूसरे प्रोडक्ट्स के ब्रांड नेम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस सेक्टर में उनका मुकाबला रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा, एचयूएल और लॉरेल जैसी बड़ी कंपनियों से होगा। अब तक रिलायंस में ब्यूटी और लाइफस्टाइल सेगमेंट ईशा अंबानी देखती आई हैं, किंतु अब उनका मुकाबला अनन्या की कंपनी बिड़ला कॉस्मेटिक्स से होगा, जो इसी साल अपने ब्यूटी और पर्सनल केयर ब्रांड्स लॉन्च करेगी। दिलचस्प यह है कि ३० साल की अनन्या लॉरेल के ब्रांड मेंबलाइन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। माना जा रहा है कि २०२८ तक ब्यूटी एंड पर्सनल केयर का बिजनेस ३४ अरब डॉलर का हो जाएगा। यह सालाना १०-११ फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है।
प्यार की खाद माइक्रोमांसिंग
प्यार की खाद बनकर उभरने वाला यह एक नया ट्रेंड है, जो युवाओं में जबरदस्त लोकप्रिय होता जा रहा है। वैसे भी ग्रांड रोमांटिक जेस्चर को हमेशा से सराहा गया है, लेकिन अब एक नया डेटिंग ट्रेंड उभर रहा है। इसे ‘माइक्रोमांसिंग’ कहा जाता है। यह ट्रेंड प्यार और अफेक्शन को व्यक्त करने के तरीके को बदल रहा है। जी हां, आज की तेज रफ्तार डिजिटल दुनिया में माइक्रोमांसिंग एक ऐसा तरीका बन गया है, जो रिश्तों को संतुलित और सार्थक बनाए रखता है। माइक्रोमांसिंग का मतलब है प्यार और देखभाल को छोटे इशारों से व्यक्त करना। पारंपरिक रोमांस में जहां महंगे गिफ्ट्स और भव्य सरप्राइज शामिल होते हैं, वहीं माइक्रोमांसिंग में छोटी-छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण बातों पर जोर दिया जाता है जैसे- सुबह या रात में गुड मॉर्निंग, गुड नाइट का मैसेज भेजना। किसी छोटी, लेकिन खास चीज की तारीफ करना। पार्टनर की पसंदीदा कॉफी या स्नैक सरप्राइज के रूप में लाना। पुरानी यादों या मजेदार जोक्स को साझा करना। उनके लिए एक खास प्लेलिस्ट बनाना जिसमें उनके पसंदीदा गाने हों। हाथ से लिखा कोई प्यारा नोट या सरप्राइज मैसेज भेजना। इसे रिश्ते में अपनाने के लिए छोटी चीजों पर ध्यान दिया जाता है।
नियमित रूप से प्यार दिखाया जाता है। रिश्ते को पर्सनल बनाकर रखा जाता है तो तकनीक का सही उपयोग कर हमेशा मौजूद रहा जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अपने पार्टनर को यह बताया जाता है कि वो आपके लिए कितने खास हैं।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

`चुनाव आयोग मर गया है!’ …चुनाव आयोग पर फूटा अखिलेश यादव का गुस्सा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने भाजपा और प्रशासन पर धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, `भाजपा का यही तरीका है चुनाव जीतने का। चुनाव आयोग निष्क्रिय हो गया है। लोकतंत्र की रक्षा करने वाला तंत्र ही ध्वस्त हो गया है।’ अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्कीपुर में मतदान के दौरान पुलिस-प्रशासन ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को धमकाया गया, तो कई स्थानों पर उन्हें बैठने भी नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थित लोगों ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए फर्जी वोटिंग करवाई और अराजकता पैâलाई। उन्होंने बताया कि बूथ संख्या १५८ पर खुद एसडीएम ने चुनाव आयोग से बूथ वैâप्चरिंग की शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अखिलेश के मुताबिक, `फर्जी वोटिंग का आलम यह था कि एक व्यक्ति ने छह बार वोट डाल दिया, जिसे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने खुद रंगे हाथों पकड़ा।’
सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा, `यह उपचुनाव बस एक औपचारिकता बनकर रह गया। प्रशासन खुलेआम भाजपा का साथ दे रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा को हार का इतना डर था कि उन्होंने निष्पक्ष चुनाव की संभावनाओं को ही खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, `यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा।’

निष्पक्ष चुनाव की मांग
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया बेहद जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग इस मामले में ठोस कदम उठाएगा।