आउट ऑफ पवेलियन : ब्यूटी की जंग

अमिताभ श्रीवास्तव

भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में ब्यूटी को लेकर बाजार सातवें आसमान में है। बेशुमार दौलत की वर्षा होती है और हर बड़ा उद्योगपति ब्यूटी बाजार की तरफ ललचाई आंखों से देखता रहता है। इसी का उदाहरण है कि मुकेश अंबानी की पुत्री ईशा ब्यूटी बाजार की एक सशक्त सौदागर हैं और अब उनको टक्कर देने इस जंग में उतर आई हैं आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की बेटी अनन्या बिड़ला। जी हां, अब ब्यूटी और पर्सनल केयर बिजनेस में वो कदम रख रही हैं। वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और माइक्रोफाइनेंस का बिजनेस शुरू कर चुकी हैं। देश में ब्यूटी और पर्सनल केयर का मार्वेâट अरबों डॉलर का है और लगातार बढ़ रहा है। अनन्या के नए मेकअप, प्रâेगरेंस और दूसरे प्रोडक्ट्स के ब्रांड नेम अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इस सेक्टर में उनका मुकाबला रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा, एचयूएल और लॉरेल जैसी बड़ी कंपनियों से होगा। अब तक रिलायंस में ब्यूटी और लाइफस्टाइल सेगमेंट ईशा अंबानी देखती आई हैं, किंतु अब उनका मुकाबला अनन्या की कंपनी बिड़ला कॉस्मेटिक्स से होगा, जो इसी साल अपने ब्यूटी और पर्सनल केयर ब्रांड्स लॉन्च करेगी। दिलचस्प यह है कि ३० साल की अनन्या लॉरेल के ब्रांड मेंबलाइन की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। माना जा रहा है कि २०२८ तक ब्यूटी एंड पर्सनल केयर का बिजनेस ३४ अरब डॉलर का हो जाएगा। यह सालाना १०-११ फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है।
प्यार की खाद माइक्रोमांसिंग
प्यार की खाद बनकर उभरने वाला यह एक नया ट्रेंड है, जो युवाओं में जबरदस्त लोकप्रिय होता जा रहा है। वैसे भी ग्रांड रोमांटिक जेस्चर को हमेशा से सराहा गया है, लेकिन अब एक नया डेटिंग ट्रेंड उभर रहा है। इसे ‘माइक्रोमांसिंग’ कहा जाता है। यह ट्रेंड प्यार और अफेक्शन को व्यक्त करने के तरीके को बदल रहा है। जी हां, आज की तेज रफ्तार डिजिटल दुनिया में माइक्रोमांसिंग एक ऐसा तरीका बन गया है, जो रिश्तों को संतुलित और सार्थक बनाए रखता है। माइक्रोमांसिंग का मतलब है प्यार और देखभाल को छोटे इशारों से व्यक्त करना। पारंपरिक रोमांस में जहां महंगे गिफ्ट्स और भव्य सरप्राइज शामिल होते हैं, वहीं माइक्रोमांसिंग में छोटी-छोटी, लेकिन महत्वपूर्ण बातों पर जोर दिया जाता है जैसे- सुबह या रात में गुड मॉर्निंग, गुड नाइट का मैसेज भेजना। किसी छोटी, लेकिन खास चीज की तारीफ करना। पार्टनर की पसंदीदा कॉफी या स्नैक सरप्राइज के रूप में लाना। पुरानी यादों या मजेदार जोक्स को साझा करना। उनके लिए एक खास प्लेलिस्ट बनाना जिसमें उनके पसंदीदा गाने हों। हाथ से लिखा कोई प्यारा नोट या सरप्राइज मैसेज भेजना। इसे रिश्ते में अपनाने के लिए छोटी चीजों पर ध्यान दिया जाता है।
नियमित रूप से प्यार दिखाया जाता है। रिश्ते को पर्सनल बनाकर रखा जाता है तो तकनीक का सही उपयोग कर हमेशा मौजूद रहा जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें अपने पार्टनर को यह बताया जाता है कि वो आपके लिए कितने खास हैं।
(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार व टिप्पणीकार हैं।)

`चुनाव आयोग मर गया है!’ …चुनाव आयोग पर फूटा अखिलेश यादव का गुस्सा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने भाजपा और प्रशासन पर धांधली के गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, `भाजपा का यही तरीका है चुनाव जीतने का। चुनाव आयोग निष्क्रिय हो गया है। लोकतंत्र की रक्षा करने वाला तंत्र ही ध्वस्त हो गया है।’ अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्कीपुर में मतदान के दौरान पुलिस-प्रशासन ने पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को धमकाया गया, तो कई स्थानों पर उन्हें बैठने भी नहीं दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थित लोगों ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए फर्जी वोटिंग करवाई और अराजकता पैâलाई। उन्होंने बताया कि बूथ संख्या १५८ पर खुद एसडीएम ने चुनाव आयोग से बूथ वैâप्चरिंग की शिकायत की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अखिलेश के मुताबिक, `फर्जी वोटिंग का आलम यह था कि एक व्यक्ति ने छह बार वोट डाल दिया, जिसे समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने खुद रंगे हाथों पकड़ा।’
सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा, `यह उपचुनाव बस एक औपचारिकता बनकर रह गया। प्रशासन खुलेआम भाजपा का साथ दे रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा को हार का इतना डर था कि उन्होंने निष्पक्ष चुनाव की संभावनाओं को ही खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, `यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना पड़ेगा।’

निष्पक्ष चुनाव की मांग
अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया बेहद जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आयोग इस मामले में ठोस कदम उठाएगा।

तहकीकात : विधवाओं का लुटेरा

फिरोज खान

५० वर्षीय महिला के पति की साल २००८ में मौत हो गई थी। पति के देहांत के बाद महिला ने अपनी २८ वर्षीय बेटी की शादी कर दी। बेटी को विदा करने के बाद महिला अकेलापन महसूस करने लगी थी। बेटी और रिश्तेदारों से राय लेने के बाद उसने शादी करने का पैâसला कर लिया। नई जिंदगी और नए जीवनसाथी की तलाश में विधवा महिला मैट्रिमोनियल साइट पर पहुंची, जहां ५१ वर्षीय व्यक्ति के साथ उसकी दोस्ती हुई। कुछ ही महीनों में दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने मंदिर में कुछ मेहमानों की मौजूदगी में शादी कर ली। दोनों मालाड (पूर्व) दिंडोशी इलाके में रहने लगे। एक दिन सुबह महिला जब नींद से जागी तो उसने देखा कि उसका नया जीवनसाथी गायब था। महिला ने पति को मोबाइल पर संपर्क किया तो पता चला मोबाइल स्विच ऑफ है। उसे कुछ शक हुआ और अलमारी चेक की तो पता चला अलमारी में रखे १६ लाख रुपए के जेवरात साफ हो चुके थे। ठगे जाने का एहसास होते ही महिला के पैरों तले जमीन खिसक गई और बदहवासी के आलम में वो बिस्तर पर गिर पड़ी। कुछ देर तक बिस्तर पर सुन्न पड़ी महिला ने अब बेटी को फोन लगाया और उसे सारी कहानी कह सुनाई। अब मां-बेटी फौरन मालाड (प.) स्थित उस कंपनी में जा पहुंची जहां फरेबी दूल्हा काम करता था। वहां जाने के बाद उन्हें जो जानकारी मिली उसे सुनकर दोनों के होश उड़ गए। कंपनी में काम करनेवालों ने बताया कि वह शख्स कई दिनों से वहां आया ही नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि उनकी तरह और भी कई महिलाएं आरोपी को ढूंढ़ने के लिए वहां पहुंची थीं। उन महिलाओं ने भी यही बताया था कि वे विधवा थीं और उनका विवाह आरोपी के साथ हुआ था। बाद में वो उनके गहने लेकर फरार हो गया। मां-बेटी को समझते देर नहीं लगी कि उनके साथ भी धोखा हुआ है। अब दोनों दिंडोशी पुलिस स्टेशन पहुंचीं और फरार व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि फरार आरोपी हकीकत में कई विधवाओं से शादी कर उनकी तिजोरी से लाखों रुपए के गहने लेकर गायब हो चुका है।
खैर, साइट पर जान-पहचान बढ़ाकर शादी करने का रिवाज इन दिनों काफी बढ़ गया है, जबकि यह तरीका बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। बेहतर यही है कि जान-पहचान या रिश्तेदारों के जरिए रिश्ता ढूंढ़ना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी न हो सके।

तेजस्वी को हर हाल में बनाना है सीएम! …नीतीश के गृह जिले में लालू ने भरी हुंकार

सामना संवाददाता / पटना
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस बार हर हाल में तेजस्वी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना है।’ लालू ने कहा, ‘हमें इकट्ठा होकर देश में अपनी सरकार बनानी है। न हमने सिर झुकाया है और न आप लोग किसी के सामने झुकना।’
लालू की इस हुंकार के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। गत चुनाव में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसके बावजूद सबसे कम सीटें पानेवाली पार्टी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन गए थे और तेजस्वी के सीएम बनने का सपना पूरा नहीं हुआ था।

सत् वाणी : वैदिक मंत्रों के उच्चारण से संभव है रोगों का इलाज

हमारे शरीर में स्थूल शरीर के साथ-साथ एक आध्यात्मिक शरीर भी बना हुआ है। आध्यात्मिक शरीर के मुख्य अंग है आत्मा, कुंडलिनी शक्ति, मन, ध्वनि चक्र, ऊर्जा चक्र, नाड़ियां, रुद्र वायुएं इत्यादि। आत्मा का निवास हमारे हृदय की गहराइयों में होता है तो मन मस्तिक में स्थित है। कुंडलिनी शक्ति मूलाधार चक्र में विराजमान रहती है। मानव शरीर में ७२,००० नाड़ियां ५६ ध्वनि चक्रों से जुड़ी हुई स्थापित हैं। मानव शरीर में ऊर्जा का प्रवाह नाड़ियों द्वारा ही संपन्न होता है। मानव शरीर में ७ ऊर्जा चक्र होते हैं। जिनमें मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्धिचक्र, आज्ञा चक्र और सहंस्रधारा चक्र। एक ध्वनि चक्र से १,२०० से १,३०० नाड़ियां जुड़ी हुई हैं, जो आगे चलकर शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों में पैâली हुई है। मानव शरीर में ध्वनि की तरंग ध्वनि चक्र से उत्पन्न होती है और कंठ तक पहुंचती है। कंठ में इस तरंग का केवल विस्तार होता है तत्पश्चात उसे तरंग को व्याकरण मुख देता है और एक अक्षर की ध्वनि बाहर निकलती है। संस्कृत भाषा ही एकमात्र भाषा है जो पूर्ण रूप से बोली जाती है, इसकी वजह से चक्र पूरे घूमते हैं। संस्कृत भाषा को छोड़कर किसी भी भाषा से हमारे चक्र पूर्ण रूप से नहीं घूम पाते। ४० साल की उम्र के पश्चात मानव शरीर की नाड़ियां सिकुड़ने लगती है और इसकी वजह से शरीर के भीतरी अंगों में ऊर्जा का प्रवाह प्रभावित होता है और शरीर रोग को धारण कर लेता है। वैदिक संस्कृत में ५६ ध्वनियां है तो संस्कृत में ४२ और हिंदी में ३३ वहीं अंग्रेजी में केवल २७ अक्षर ही हैं। मानव शरीर का रोगी होना कलयुग में स्वाभाविक है, क्योंकि वह अपनी ७२,००० नाड़ियों में पूर्ण रूप से ऊर्जा का प्रवाह कर पाने में असमर्थ है। शरीर में ऊर्जा का प्रवाह आकाश तत्व से बनी नाड़ियों द्वारा ही संपन्न होता है। अत: मानव को अपनी ऊर्जा संचार प्रणाली को उत्तम बनाना होगा। प्रत्यक्ष समय काल में तो पृथ्वी के सभी शरीरों की ऊर्जा संचार प्रणाली क्षतिग्रस्त है, क्योंकि मानव वैदिक रुद्र मंत्रों के अध्ययन से कोसों दूर है। आज के मानव के रोगी होने की एक परम वजह यह भी है कि वेद मंत्रों का उच्चारण ऊंचे स्वर में ही संपन्न होता है, ऐसा करने से शरीर की नाड़ियां मोटी भी होती हैं और गहराइयों तक भी खुल जाती हैं, जिससे ऊर्जा संचार प्रणाली अच्छी होती है। वैदिक मंत्रों के पठन-पाठन से मानव सुखी भी रह पाता है और निरोगी जीवन भी व्यतीत कर पाता है।
पं. राजकुमार शर्मा (शांडिल्य)
संपर्क – ७७३८७ ०७९२३

खंडेलवाल समाज के गोत्र राजोरिया, चौधरी का इतिहास

खंडेलवाल समाज के राजोरिया, चौधरी परिवार से राजाराम चौधरी संवत १३१३ वैशाख शुक्ल तृतीया को राजौरगढ़ से खंडेला आए थे। इनके आलिक, बालिक एवं चाड नाम के तीन पुत्र थे। इनमें चाड चौधरी भगवान नरसिंह के उपासक थे। चाड की एक संत से मुलाकात हुई। संत ने कहा कि तुमको भगवान नरसिंह के दर्शन होंगे। संत की वाणी सत्य साबित हुई और चाड को स्वप्न में भगवान नरसिंह ने दर्शन देकर कहा कि मेरी मूर्ति अगले खेड़ा में है, उसको निकालकर स्थापित कर, इससे तेरा प्रताप बढ़ेगा।
चाड ने उनके कहे अनुसार उक्त स्थान पर जाकर प्रार्थना करने के बाद खुदाई शुरू की तो वहां भगवान नरसिंह की मूर्ति मिली। मूर्ति प्रकट होने का समय वैशाख शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी संवत १४३९ था। इस बात का पता जब राजा दलपत सिंह को चला तो वे वहां गए और भगवान नरसिंह को पालकी में विराजमान कर गाजे-बाजे के साथ ले आए और चाड की हवेली में स्थापित कर दिया।
उक्त हवेली आज भी चौधरी मोहल्ला, खंडेला में स्थित है। इसके बाद पहाड़ी की तलहटी में मंदिर की नींव चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी को रखी गई। मंदिर का निर्माण कार्य ५ साल में पूरा हुआ। मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी संवत १४४४ को द्रविड़ प्रदेश से विद्वान पंडितों को बुलाकर दिन के सवा फेर दिन चढ़े भगवान नरसिंह की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस मूर्ति के बाएं भाग में लक्ष्मी एवं दक्षिण में प्रह्लाद विराजमान हैं। इसके बाद चाड चौधरी ने बादशाह की मर्जी के मुताबिक सात चौक की हवेली की नींव रखी। अजमेर के सूबेदार अलीखा से मुलाकात की और उन्होंने चाड को पट्टा बनाकर दिया। उपरोक्त कार्य हमारे समाज में एक ऐतिहासिक, एक सात चौक की हवेली का निर्माण सर्वप्रथम करवाया था, जो आज भी उनके परिवार की विरासत और गर्व का प्रतीक है।
उनके वंशज छीतरमल महादेव गुप्ता, चौधरी ने बताया कि मेरे पूर्वजों ने कुछ सालों पहले खंडेला धाम के निर्माण हेतु करीबन ५१ बीघा जमीन नि:शुल्क देकर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम अपने परिवार की विरासत को संरक्षित करने और परंपराओं को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। हमारे द्वारा चाड राजोरिया, चौधरी धर्मार्थ न्यास का गठन करके पारिवारिक दायित्व एवं विरासत को संरक्षित करेंगे। हमारे खानदान की जरूरत को न्यास द्वारा पूर्ति करेंगे एवं समाज से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं लेंगे।

कजिन की शादी के फंक्शन से गायब परिणीति

परिणीति चोपड़ा इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म की शूटिंग में बिजी हैं। वो प्रियंका चोपड़ा के भाई और अपने कजिन सिद्धार्थ की शादी के फंक्शन में भी शामिल होती नजर नहीं आ रही हैं। हल्दी, संगीत किसी भी फंक्शन में परिणीति नजर नहीं आर्इं हैं। सिद्धार्थ की शादी के फंक्शन के बीच परिणीति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। परिणीति के पेरेंट्स तो शादी में मस्ती करते नजर आ रहे हैं, मगर एक्ट्रेस को पैंâस मिस कर रहे हैं। परिणीति चोपड़ा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर किया। उसमें लिखा था- `हम वास्तव में उधार के समय पर हैं। ऐसे लोगों को चुनें जो आपको चुनें और बाकी सभी को चुनने दें।’ परिणीति का ये पोस्ट खूब वायरल हो रहा है। बता दें कि प्रियंका चोपड़ा के भाई सिद्धार्थ चोपड़ा की शादी साउथ की एक्ट्रेस नीलम उपाध्याय से होने जा रही है। दोनों की पिछले साल सगाई हुई थी, जिसमें पैâमिली और कुछ खास दोस्त ही शामिल हुए थे।

एक डुबकी ऐसी भी

त्रि वेणी संगम में आस्था की डुबकी लगानेवालों के बीच सोशल मीडिया पर काजोल की छोटी बहन तनीषा का एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें तनीषा संगम में डुबकी लगाने के साथ फोटो खिंचवाती नजर आ रही हैं। त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ पहुंचनेवाले तमाम फिल्मी सितारों की लिस्ट में अब फिल्म ‘नील और निक्की’ से इंडस्ट्री में डेब्यू करनेवाली तनीषा का भी शुमार हो गया है। भगवा साड़ी पहनकर संगम में डुबकी लगानेवाली तनीषा वीडियो में कहती हैं कि वे इससे आगे नहीं जा सकतीं क्योंकि पानी गहरा है। इसके साथ ही फिल्मों में होनेवाले रीटेक की तरह एक और टेक लेने का आग्रह करती नजर आती हैं। अब तनीषा त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंची थीं या फोटोशूट करवाने, ये तो फोटोशूट करनेवाले जाने या फिर तनीषा!

रश्मिका की अपील

कहते हैं प्यार छुपाए नहीं छुपता और किसी न किसी रूप में वो बयां हो ही जाता है। अपने प्यार को सरेआम न बयां करनेवाले विजय देवरकोंडा और उनकी रूमर्ड गर्लफ्रेंड  रश्मिका मंधाना का एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था, जिसे देखने के बाद जिम से बाहर लंगड़ाती हुई रश्मिका की मदद न करनेवाले विजय को यूजर्स ने जमकर खरी-खोटी सुनाई थी। खैर, यूजर्स द्वारा विजय को आड़े हाथों लिया जाना उनकी रूमर्ड गर्लप्रâेंड रश्मिका को तनिक भी नहीं भाया और फिल्म ‘लैला मजनू’ के गाने ‘हुस्न हाजिर है मोहब्बत की सजा पाने को कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को…’ के तर्ज पर उन्होंने अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर लोगों से दयालु बनने की अपील करते हुए लिखा, ‘इन दिनों दयालुता को बहुत कम आंका जाता है। मैं दयालुता और इसके साथ आनेवाली हर चीज को चुनती हूं। आइए, हम सभी एक-दूसरे के प्रति दयालु बनें।’ विजय के प्रति रश्मिका के इस प्यार को देख बस यही कहा जा सकता है, ऐसा प्यार कहां!

इश्क में गिरफ्तार

कहते हैं ‘इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते।’ दो-दो शादियों के बाद इश्क में तीसरी बार गिरफ्तार आमिर खान को लेकर खबरों का बाजार गर्म है कि उन्हें एक बार फिर प्यार हो गया है और इस बार वो इसे लेकर काफी सीरियस हैं। खबर है कि आमिर को उनका प्यार मिल गया है और उनकी मिस्ट्री गर्ल बंगलुरु की रहनेवाली है, जिसका नाम गौरी है। खबर ये भी है कि आमिर इस रिश्ते को लेकर सीरियस हैं। उन्होंने अपनी इस प्रâेंड को अपने पूरे परिवार से मिलवाया है। फिलहाल, उड़ रही इन अफवाहों में कितनी सच्चाई है ये तो आमिर जानें या फिर उनका परिवार, क्योंकि अभी तक उनकी तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।