बाणगंगा का संरक्षण सिर्फ कागजों पर! …लेट-लतीफी के कारण अटकी है योजना

-मनपा ने हाई कोर्ट में किया प्रक्रिया तेज होने का दावा
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा ने ३१ जनवरी २०२४ को मुंबई हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दावा किया कि ऐतिहासिक बाणगंगा टैंक को संरक्षित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, लेकिन क्या यह सच है? रिपोर्ट्स के अनुसार, यह योजना केवल कागजों पर दिखती है।
सालों से उपेक्षित ऐतिहासिक स्थल
बाणगंगा टैंक, जिसे १९९५ में ग्रेड-१ हेरिटेज स्थल का दर्ज प्राप्त हुआ, वर्षों तक अतिक्रमण का शिकार रहा। लेकिन मनपा की नींद तब टूटी, जब गौड़ सारस्वत ब्राह्मण मंदिर ट्रस्ट ने २०२३ में इस मुद्दे पर सीधे हस्तक्षेप किया। इसके बाद २० अप्रैल २०२३ को पहली बार बैठक हुई, जिसमें ट्रस्ट ने मनपा से अतिक्रमण हटाने की अपील की। जुलाई २०२३ में मनपा ने ५० से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया।
पुनर्वास का दावा, लेकिन कितने बेघर?
मनपा के अनुसार, १३ पात्र परिवारों को पुनर्वास का अधिकार मिला है, लेकिन क्या बाकी अतिक्रमणकारियों का भी कोई हिसाब है? एसआरए ने ८ अगस्त २०२३ को ११६ झोपड़ियों को पुनर्वास योजना में शामिल किया।

रॉकेट थ्रो ने उड़ा दिया

भारत और इंग्लैंड के बीच कल पहला वनडे मैच नागपुर में खेला गया। मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिल साल्ट एक छोटी गलती के कारण अपना विकेट गवां बैठे हैं। दरअसल, फिल साल्ट ९वें ओवर में तीन रन भागना चाहते थे, लेकिन श्रेयस अय्यर के रॉकेट थ्रो के सामने उड़ गए यानी रन आउट हो गए। जब हार्दिक पांड्या गेंदबाजी कर रहे थे तो उनके ओवर की पांचवीं गेंद पर फिल साल्ट ने पॉइंट की दिशा में शॉट लगाया। साल्ट और बेन डकेट दो रन के लिए भाग चुके थे, लेकिन साल्ट तीसरे रन के लिए भी दौड़ पड़े। नॉन-स्ट्राइकिंग एंड पर डकेट ने एक-दो कदम आगे बढ़ाकर रन भागने से इनकार कर दिया, लेकिन फिल साल्ट ने जब तक उनका इशारा समझा तब तो वो आधी पिच तक आ चुके थे। बाउंड्री से श्रेयस अय्यर ने रॉकेट की रफ्तार से थ्रो फेंका और विकेटकीपर ने स्टंप्स उड़ा कर गिल्लियां बिखेर दीं। इंग्लैंड ने अपना पहला विकेट ७५ रन के स्कोर पर गंवाया। इंग्लैंड बढ़िया रन-रेट से स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ा रहा था। इसके बावजूद तीसरा रन भागना फिल साल्ट को भारी पड़ा।

झांकी : झटका

अजय भट्टाचार्य

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन पद पर परिवहन सचिव संजय सेठी की नियुक्ति कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गद्दार सेना को झटका दिया है। इससे राज्य में नया बखेड़ा खड़ा हो सकता है। एक दशक से इस पद की कमान जनप्रतिनिधि के हाथों में होती थी। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने हाल ही में फडणवीस को पत्र लिखकर नए अध्यक्ष की तत्काल नियुक्ति का अनुरोध किया था। भरत गोगावले के बागवानी और रोजगार गारंटी मंत्री बनने के बाद से यह पद खाली था। परिवहन सचिव के रूप में सेठी निगम के पदेन सदस्य भी हैं। विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि आप दाएं हाथ से प्रस्ताव नहीं भेज सकते और बाएं हाथ से उसे मंजूरी नहीं दे सकते। उन्होंने यह भी बताया कि निगम में कोई सार्वजनिक प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
सट्टा बाजार में ‘आप’ की बहार
गोदी मीडिया के चैनलिया चतुर भले ही विभिन्न एग्जिट पोल में दिल्ली विधानसभा में भाजपा सरकार बना रहे हों, फलोदी सट्टा बाजार आम आदमी पार्टी को तगड़ा दावेदार मान रहा है। इस सट्टा बाजार के पूर्वानुमान ‘आप’ को ७० में से ३७ से ३९ सीटें और भाजपा को ३२ से ३४ सीटों पर समेट रहा है। अरविंद केजरीवाल की सीट पर उनकी जीत पर ६५ से और प्रवेश वर्मा पर ८५ पैसे का दांव है, जबकि कालकाजी पर आतिशी पर २५ पैसे और भाजपा के रमेश बिधूड़ी पर ३३ पैसे का दांव है। जंगपुरा सीट पर मनीष सिसोदिया पर ५० पैसे और भाजपा के तरविंदर सिंह पर ७० पैसे लगे हैं। कांग्रेस पूरी दिल्ली में कहीं भी मुकाबले में नहीं है।
येदी का पोता भी बागी
कर्नाटक भाजपा के बागियों में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के पोते एनआर संतोष भी शामिल हो गये हैं। यद्यपि भाजपा की अन्य राज्य इकाइयों की ओर से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है, लेकिन बसनगौड़ा पाटील यतनाल खेमा कर्नाटक में इस पर जोर दे रहा है। कर्नाटक के पूर्व मंत्री कुमार बंगारप्पा, रमेश जारकीहोली और एनआर संतोष ने यतनाल खेमे के प्रति निष्ठा की शपथ ली है। वे हाईकमान से २३ संगठनात्मक जिलों के अध्यक्षों के चुनाव को अमान्य करने के लिए कहना चाहते हैं, क्योंकि उनका दावा है कि विजयेंद्र ने खुद को प्रदेश अध्यक्ष पद पर बनाए रखने के लिए उन्हें चुना है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा
व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

‘कौथिग’ में जुटा भारी जनसमुदाय …हेमा नेगी के गीतों पर जम कर थिरके उत्तराखंडी!

सामना संवाददाता / मुंबई
उत्तराखंड की सांस्कृतिक दुनिया में अपनी पारंपरिक शैली के लिए विख्यात गायिका हेमा नेगी करासी ने ‘कौथिग’ में समां बांध दिया। उपस्थित जनसमुदाय उनके गीतों पर जमकर झूम उठा। उल्लेखनीय है कि हेमा नेगी करासी ‘जागर’ विधा की सिद्धहस्त गायिका हैं और लोगों में उनके गीतों के प्रति भारी दीवानगी है। लोक गायिका हेमा नेगी करासी के अलावा सानपाड़ा, नई मुंबई में आयोजित ‘कौथिग’ में उत्तराखंड के लोकप्रिय गायक राकेश खनवाल, विवेक नौटियाल, मंजू नौटियाल उत्तराखंड से मुंबई पहुंचे हैं।
विशेष, ‘कौथिग’ का यह १६वां वर्ष है और इसे मुंबई-नई मुंबई के प्रवासियों का भारी प्रतिसाद मिल रहा है। लोग बड़ी संख्या में इसमें शिरकत कर रहे हैं।
जैविक उत्पादों के स्टॉल्स में उत्तराखंडी ही नहीं, बल्कि गैर उत्तराखंडी भी भारी खरीदारी कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार के सहयोग से आयोजित इस मेले में उत्तराखंड की खूबसूरत विधा एपन की प्रदर्शनी भी लोगों को लुभा रही है। इस विधा के कलाकार शमशाद पिथौरागढ़ी लोगों का विधा के प्रति रुझान देख कर प्रफुल्लित हैं।
चित्रकार मुकुल बडोनी की वैâनवास पेंटिंग भी आकर्षक है और लोगों के पेंटिंग और एपन की सराहना भी इन दोनों कलाकारों का उत्साहवर्धन कर रहा है।
प्रसिद्ध फोटोग्राफर भूमेश भारती, राजू पुसोला और कनाडा से आए मुकेश खुगसाल की फोटो प्रदर्शनी देखने लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।
विशेष, राजू पुसोला की विभिन्न प्रजाति के पक्षियों की फोटोग्राफी, भूमेश भारती की एरियल फोटोग्राफी और मुकेश खुगसाल की उत्तराखंड के आम जीवन को परिलक्षित करती फोटोग्राफी मेले को नई ऊंचाई पर ले जा रही है।
१० दिवसीय मेले के ७वें दिन मेहमानों की चहल-पहल रही और जिसमें कॉरपोरेट जगत, शिक्षा जगत व अन्य विधाओं की प्रमुख शख्सियतें मेले में पहुंचीं।मेला इस वक्त अपने शबाब पर है और उत्तराखंडियों की भावनाएं भी अपने उफान पर है। मेले में आगामी तीन दिनों में उत्तराखंड के विधायक मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व वैâबिनेट मंत्री हरकसिंह रावत पहुंचेंगे।

रिद्धि सिद्धि चैरिटेबल ट्रस्ट ने जरूरतमंद परिवारों को दिया राशन

सामना संवाददाता / मुंबई
जैसे-जैसे महंगाई की वजह से आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं, कई कम आय वाले परिवार पर्याप्त भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सब्जियों, अनाज और खाने के तेल जैसी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने परिवारों के लिए पर्याप्त राशन खरीदना मुश्किल बना दिया है। माता-पिता हर दिन अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपने खर्चे पूरे करने के लिए वे अक्सर भोजन छोड़ देते हैं। ये चुनौतियां परिवारों के लिए स्वस्थ रहना और अपनी आजीविका बनाए रखना कठिन बना देती हैं। वहीं रिद्धि सिद्धि चैरिटेबल ट्रस्ट जरूरतमंदों की मदद करता रहता है।
ट्रस्ट ने हाल ही में बोरीवली में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को राशन किट वितरित किए। इस किट्स में चावल, दाल और आटा जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुएं शामिल थीं, जो परिवारों को पर्याप्त भोजन प्राप्त करने में मदद करती हैं। एक लाभार्थी ने कहा कि यह किट हमारे मन को शांति देती है, अब मुझे यह चिंता नहीं करनी पड़ती कि मेरे बच्चे भूखे पेट सोएंगे।
यह पहल ट्रस्ट के मिशन के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य कमजोर समुदायों की मदद करना है। इसके अलावा, यह महंगाई से उत्पन्न समस्याओं को दूर करने में मदद करती है, जिससे आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता बढ़ती है। इससे कठिन आर्थिक परिस्थितियों में जीने का तनाव कम होता है। रिद्धि सिद्धि चैरिटेबल ट्रस्ट की ये कोशिशें दिखाती हैं कि समुदाय की मदद कितनी महत्वपूर्ण है। ये हमें भी जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करती हैं।

तड़का : नाक कटवाता ‘नैक’

कविता श्रीवास्तव

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे उच्च दर्जे के शिक्षा संस्थान में पढ़ाई करें। विद्यार्थियों की भी यही उम्मीद होती है कि वे अच्छे से अच्छे कॉलेज में दाखिला लें। अच्छे कॉलेज का चयन उसके `ग्रेड’ के आधार पर किया जाता है। देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को अधिकृत तौर पर `ग्रेड’ प्रदान करने वाली स्वायत्त संस्था है `नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल।’ पर यह खबर हमें विचलित करती है कि `नैक’ के अनेक पदाधिकारी फिलहाल सीबीआई के रडार पर आ गए हैं। उन पर शिक्षा संस्थानों को ग्रेड प्रदान करने के लिए रिश्वत के रूप में मोटी रकम वसूलने का आरोप है। `नैक’ एक स्वायत्त निकाय है, जिसकी स्थापना यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने १९९४ में की थी। इसका मुख्यालय बंगलुरु में है। इसका मूल काम है देश में उच्च शिक्षा संस्थानों के संसाधनों, सुविधाओं और व्यवस्थाओं का मूल्यांकन करना और उन्ही के आधार पर उन्हें `ग्रेड’ प्रदान करना। `नैक’ यह सुनिश्चित करता है कि उच्च शिक्षा संस्थान सभी निर्धारित मानदंडों और गुणवत्ता मानकों को पूरा करें। शिक्षा संस्थानों के प्रदर्शन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए `नैक’ जो रेटिंग प्रदान करता है उसमें A++ और A+ ग्रेड को अच्छा माना जाता है। यही रेटिंग पाने की हर शिक्षा संस्थान की कोशिश होती है। क्योंकि ण् और D रेटिंग का मतलब अच्छा ग्रेड नहीं है। `नैक’ के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति में शैक्षिक प्रशासकों, नीतिकारों और वरिष्ठ शिक्षाविदों को शामिल किया जाता है। `नैक’ से मिला ग्रेड ही कॉलेज या विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है। उसी के आधार पर ग्रांट भी मिलता है। `नैक’ का `ग्रेड’ संस्थान के विकास को प्रभावित करता है। यह ग्रेडिंग श्रेष्ठ कॉलेजों या विश्वविद्यालयों का अंतर तय करती है। इसीलिए उच्च गुणवत्ता वाली रेटिंग पाने के लिए `नैक’ टीम की जमकर खुशामद की जाती है। समिति के सदस्यों के आने से पहले कॉलेज को साफ-सुथरा और सुविधा संपन्न दिखाने के विशेष इंतजाम किए जाते हैं। समिति के सदस्यों की सुख-सुविधाओं का खासा ख्याल रखा जाता है। सीबीआई को शिकायतें मिली हैं कि `नैक’ द्वारा आंध्रप्रदेश के एक डीम्ड विश्वविद्यालय के लिए मान्यता ग्रेडिंग को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोशिश की गई थी। इसके लिए १.८ करोड़ रुपए की रिश्वत की मांग की गई। इसमें से २८ लाख रुपए की रिश्वत ली जा चुकी है। सीबीआई की एफआईआर में `नैक’ से जुड़े कई बड़े नाम भी शामिल हैं। इस मामले में सीबीआई ने जांच और गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं। मामले की हकीकत बाद में सामने आ ही जाएगी, लेकिन इससे इस बात को बल मिलता है कि शिक्षा संस्थान भ्रष्टाचार के बड़े अड्डे बने हुए हैं। शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है। वहां ज्ञान देने का नहीं बल्कि मोटी फीस वसूलकर मोटी कमाई करने का उद्देश्य होता है। यदि `नैक’ के लोग भी रिश्वत लेकर इसमें सहयोग करते हैं तो निश्चित ही इससे `नैक’ की नाक कटती है यानी उसकी गरिमा धूमिल होती है।

कुल्हाड़ी से हमला कर पत्नी की हत्यारोपी पति हिरासत में

झुंझुनू। जिले के बुहाना थाना इलाके के घसेड़ा गांव में एक पत्नी की उसके ही पति ने हत्या कर दी। आरोपी पति रिटायर्ड फौजी है। हत्या के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में ले लिया है। जिससे पूछताछ की जा रही है। जानकारी के मुताबिक गुरूवार सुबह बुहाना थाने में सूचना आई कि घसेड़ा गांव में एक महिला की हत्या कर दी गई है। जिसके बाद थाने के एएसआई रामेश्वरलाल टीम के साथ गांव पहुंचे। जहां पर करीब 55 वर्षीया राजबाला पत्नी सुरेश कुमार की लाश पड़ी हुई थी। मृतका के पुत्र अविनाश ने बताया कि उसके पिता सुरेश कुमार ने ही उसकी मां राजबाला की कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर दी। जिस पर पुलिस ने शव को बुहाना अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। मौके से आरोपी पति सुरेश कुमार को हिरासत में लिया। पुलिस ने शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया। वहीं आरोपी पति से पूछताछ की जा रही है। इधर, एमओबी व एफएसएल टीम द्वारा घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए गए तथा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया।

बुहाना एसएचओ किसी काम से जयपुर और बुहाना डीएसपी छुट्टी पर चल रहे है। जिसके चलते डीआईजी शरद चौधरी के निर्देश पर सुलताना एसएचओ रवींद्र कुमार तथा चिड़ावा डीएसपी विकास धींधवाल मौके पर पहुंचे। जिन्होंने आरोपी से पूछताछ की है। इधर, सूत्रों की मानें तो घटना सुबह करीब सात बजे की है। उस वक्त मृतका राजबाला रोज की तरह पशुओं को चारा खिला रही थी। इसी दौरान राजबाला का पति पूर्व फौजी सुरेश कुमार राजबाला के पास कुल्हाड़ी लेकर पहुंचा। उसने पीछे से आवाज दी। जैसे ही राजबाला ने मुड़कर देखा। पूर्व फौजी सुरेश कुमार ने ताबड़तोड़ तीन से चार वार मुंह, गर्दन और सिर पर किए। जिससे मौके पर ही राजबाला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद आरोपी घर में ही एक कोने में जाकर बैठ गया। जब मृतका के बेटे और बेटी ने खून से सनी अपनी मां की लाश देखी तो वे भी स्तब्ध हो गए। पुलिस ने मौके से ही आरोपी पति को हिरासत में ले लिया।

जानकारी के मुताबिक आरोपी सुरेश कुमार पहले फौजी में था। करीब 15 साल पहले रिटायरमेंट आ गया था। उसके एक बेटा और एक बेटी। जो दोनों ही पढाई करते है। ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर सुरेश कुमार अपनी पत्नी राजबाला के साथ छोटी छोटी बातों पर ही झगड़ा करता रहता था। कई बार मारपीट भी करता था। लेकिन गुरूवार को तो सुरेश कुमार ने सुबह सुबह कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार करके राजबाला की हत्या कर दी।

इंडिया की शुरुआत शानदार! …वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में अंग्रेजों को ४ विकेट से हराया

भारत ने नागपुर में खेले गए पहले वनडे मैच में इंग्लैंड को ४ विकेट से हरा दिया। टीम इंडिया की जीत में सबसे बड़ा योगदान शुभमन गिल का रहा, जिन्होंने ८७ रन की पारी खेली। इसके अलावा श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने भी फिफ्टी लगाते हुए भारतीय टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंडिया की ओर से दमदार गेंदबाजी भी हुई। हर्षित राणा और रवींद्र जडेजा ने तीन-तीन विकेट चटकाए। इंडिया ने यह मैच ६८ गेंद शेष रहते ४ विकेट से जीत लिया।
बता दें कि इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड टीम की शुरुआत शानदार हुई। पहले ८ ओवर में फिल साल्ट और बेन डकेट ने ७१ रन बना डाले थे। उसके बाद इंग्लिश टीम कोई बड़ी पार्टनरशिप कर ही नहीं पाई। जोस बटलर और जैकब बैथेल ने जरूर अर्धशतक लगाए, लेकिन जो रूट और हैरी ब्रूक समेत अन्य सभी बल्लेबाज बड़ा स्कोर करने में नाकाम रहे और पूरी टीम ही २४८ रनों पर सिमट गई।
जब भारतीय टीम २४९ के लक्ष्य को प्राप्त करने उतरी तो टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल सस्ते में पैवेलियन लौट गए थे और १९ रन के स्कोर तक टीम इंडिया ने दोनों सलामी बल्लेबाजों का विकेट गवां दिया था। इस बीच श्रेयस अय्यर और शुभमन गिल ने कमाल की पार्टनरशिप करके एक साथ ९४ रन जोड़े। अय्यर ने मैच में ३० गेंद में फिफ्टी लगाई और मैच में उन्होंने ३६ गेंद खेलकर ५९ रन बनाए। अय्यर तो आउट हो गए, लेकिन दूसरे छोर पर शुभमन गिल चट्टान की तरह डटे रहे। गिल और अक्षर पटेल के बीच १०७ रनों की साझेदारी हुई। पटेल ५२ रन की महत्वपूर्ण पारी खेली।

कल्पना के साथ हेमंत सोरेन ने कोलकाता में कालीघाट में काली मां के दर पर मत्था टेका

अनिल मिश्र / रांची

झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के न्योते पर बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में शामिल होने के लिए पिछले दो दिनों से प. बंगाल की राजधानी कोलकाता में हैं। हेमंत सोरेन ने कल बुधवार को इस समिट में झारखंड पैवेलियन का उद्घाटन किया था। इस बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 में झारखंड प्रदेश को 26 हजार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव मिला है, जिसमें 15 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। वहीं कोलकाता प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने ‌आज काली मंदिर के गर्भगृह में एक साथ मां काली की पूजा-अर्चना भी किए। कालीघाट के पंडा ने वैदिक मंत्रोच्चारों के साथ आज इन दोनों पति-पत्नी को पूजा-अर्चना करवाया। इन दोनों ने मिलकर मां काली के चरण स्पर्श किए। मुख्यमंत्री के साथ झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी और अन्य वरीय पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। ‌कालीघाट के पंडा ने हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के कंधे पर चुनरी भी डाली। मंदिर से बाहर निकलने तक चुनरी दोनों के कंधे पर नजर आती रही।‌ आज बृहस्पतिवार को हेमंत अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ कोलकाता के प्रसिद्ध काली मंदिर पहुंचे। हेमंत सोरेन ने ह्वाइट एंड ब्लू स्ट्राइप वाली टी-शर्ट और पैंट पहन रखी थी, वहीं कल्पना सोरेन सफेद सलवार सूट में नजर आयीं। उन्होंने सिर पर सफेद रंग का दुपट्टा भी रखे हुए थीं।

झुंझुनू में चोरों के अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश

सामना संवाददाता / झुंझुनू

बसों में यात्रियों के बैग से आभूषण चोरी करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह के 6 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से चोरी की ज्वेलरी व कैश भी बरामद किया गया है। आरोपियों ने चोरी का माल कार के बोनट में छिपा रखा था। आरोपियों ने राजस्थान, यूपी, हरियाणा के अलग-अलग जिलों में चलती बसों से जेवरात चोरी करने की 100 से ज्यादा वारदातें कबूल की हैं।
थानाधिकारी नारायण सिंह ने बताया कि इस मामले में राहुल (20) पुत्र प्रकाश, कुलदीप (36) पुत्र प्रकाश निवासी रामसिंह कोलोनी हांसी (हरियाणा), लखन (28) पुत्र सुखबीर, सुखबीर पुत्र धर्मपाल निवासी खाडांखेड़ी थाना नारनोद, राजेश (39) पुत्र ओमी, निवासी सोरखी (हरियाणा) और मोखरा हरियाणा के रहने वाले फुल कुमार (42) पुत्र रामकरण उर्फ चिन्नू को गिरफ्तार किया है। कुलदीप गैंग का मुख्य सरगना है।
आरोपियों ने 9 दिसंबर 2024 को चूरू निवासी उर्मिला कंवर पत्नी अमर सिंह के बैग से आभूषण चोरी कर लिए थे। पीड़ित अपने पीहर कालीपहाडी (झुंझुनू) आई थी। वापस चूरू जाने के लिए झुंझुनू रोडवेज डिपो में बस पर बैठी थी। इस दौरान एक आरोपियों ने मदद के बहाने से पीड़िता के बैग से सोने-चांदी के आभूषण व नकदी चोरी कर लिए थे। इससे पहले भी झुंझुनू में इसी तरह की दो घटना हुई थी। पुलिस इस गैंग की तलाश में थी। कई दिनों से आरोपियों के पीछे लगी हुई थी। इस दौरान आरोपियों ने अन्य जिलों में भी इसी तरीके से वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस आरोपियों की पहचान कर चुकी थी, लेकिन आरोपी बार-बार जगह बदल रहे थे। गुरुवार को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी ईरटिगा कार से झुंझुनू आ रहे हैं, जिसके बाद टीम गठित कर आरोपियों को झुंझुनू शहर के निकट बीड़ में ही दबोच लिया।
पुलिस ने आरोपियों से 330 ग्राम सोना, 609 ग्राम चांदी सहित 37 हजार 250 रुपए बरामद किए हैं। गैंग के सदस्यों ने चोरी का यह माल ईरटिका कार के बोनट में छिपा रखा था। बाजार में इसकी कीमत 26 लाख रुपए के करीब बताई जा रही है। आरोपियों को पकड़ने में सबसे अहम भूमिका कॉस्टेबल प्रवीण कुमार जाखड़ की रही, जो कई महीनों से लगातार आरोपियों के पीछे लगे हुए थे।