बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल ने देश की जनता को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने जनता के मांग पत्रों को भीख करार दे दिया। पटेल ने कहा कि अब तो लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं तो एक टोकरी कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। मैं दावे से कहता हूं आप सुखी होंगे और एक संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे। उनके इस बयान ने देश की जनता का अपमान किया है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि चुनावी लाभ के लिए रेवड़ियां बांटनेवालों के सुर अब बदल गए हैं। बताया जा रहा है कि मंत्री प्रह्लाद पटेल शनिवार को राजगढ़ जिले में सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां मुख्य अतिथि के रूप में वक्तव्य देते हुए उन्होंने जनता के मांग पत्रों को भीख करार दिया। मंत्री प्रह्लाद पटेल यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि यह भिखारी की फौज इकट्ठी करना, समाज को मजबूत करना नहीं है। समाज को कमजोर करना है। मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है।
`ये बीजेपी का अहंकार है’
एमपी कांग्रेस पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने इस मामले पर बीजेपी पर अटैक किया। पटवारी ने `एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, `भाजपा का अहंकार अब जनता को भिखारी भी कह रहा है। यह दुख में डूबे लोगों की उम्मीद और आंसुओं का भी अपमान है। ये चुनाव में झूठे वादे करते हैं और फिर मुकर जाते हैं।