मुख्यपृष्ठराजनीति‘राज'नीति : रूठों को मना रहे हैं मुख्यमंत्री

‘राज’नीति : रूठों को मना रहे हैं मुख्यमंत्री

रमेश सर्राफ धमोरा
झुंझुनू

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इन दिनों पार्टी की आपसी लड़ाई को समाप्त करवाने में लगे हुए हैं। पहले उन्होंने जोधपुर से सांसद व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौर के मध्य चल रही जंग को समाप्त करवाने के लिए दोनों नेताओं को जयपुर में एक साथ बैठाकर उनके आपसी गिले-शिकवे दूर करवाएं। उसके बाद उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी तथा चित्तौड़गढ़ से निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या में चल रही लड़ाई को समाप्त करवाने के लिए निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी को मध्यस्थ बनाया। कृपलानी दोनों को लेकर जयपुर आए जहां मुख्यमंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी व चंद्रभान सिंह के बीच आपसी सुलह करवाकर उनकी लड़ाई को समाप्त करवाया। आक्या ने जोशी पर अपनी टिकट कटवाने का आरोप लगाया था। इसी तरह केंद्रीय मंत्री व बाड़मेर सांसद वैâलाश चौधरी व शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी को भी मुख्यमंत्री ने जयपुर में एक साथ बैठकर पार्टी हित में काम करने का वादा करवाकर लड़ाई को समाप्त करवाया है।
बेटे वैभव के प्रचार में गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को इस बार कांग्रेस ने जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। इसके बाद अपने चुनाव प्रचार के लिए वैभव गहलोत अपने पिता अशोक गहलोत के साथ दक्षिण भारत में चेन्नई व बेंगलुरु में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों से मुलाकात कर अपने पक्ष में समर्थन करने की अपील की है। अशोक गहलोत और वैभव गहलोत चेन्नई में स्थित गुजराती जैन वाड़ी में स्नेह मिलन कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम में प्रवासी राजस्थानियों की भीड़ उमड़ी थी, जो तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्से में रहते हैं। इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद दयानिधि मारन और मंत्री पीके शेखर बाबू भी मौजूद थे। इसके बाद अशोक गहलोत और वैभव गहलोत बेंगलुरु पहुंचे और प्रवासी राजस्थानियों से भेंट की। बड़ी संख्या में राजस्थानी दक्षिण भारत में रहकर व्यवसाय करते हैं। इनका वोट राजस्थान में है। लिहाजा, इसका फायदा राजस्थान के नेताओं को ही मिलना है। भाजपा की तरफ से लुंबाराम चौधरी मैदान में हैं, जो पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता और जिला परिषद के सदस्य हैं।
कस्वां का राठौड़ पर हमला
भाजपा से टिकट कटने पर कांग्रेस में शामिल हुए चूरू सांसद राहुल कस्वां ने भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के प्रति जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि उनका टिकट राजेंद्र राठौड़ ने कटवाया है। राठौड़ के खिलाफ कस्वां ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में वे खुद को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर रहे थे। वे खुद के अहंकार के कारण चुनाव हारे और हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ दिया। कस्वां ने कहा कि विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राठौड़ को चूरू से चुनाव हारने का डर था। चूरू के बजाय तारानगर सीट से चुनाव लड़ना उनका खुद का पैâसला था क्योंकि वे तो खुद टिकट बांटने वालों में थे। कस्वां ने कहा कि राठौड़ ने चूरू में कोई विकास कार्य नहीं किए हैं। कस्वां ने कहा कि पार्टी में जिन लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए भरी मीटिंग में अपशब्द कहे। उन लोगों को राठौड़ ने स्टेट लीडरशिप में बड़े पद दिलवाए। वे अपने को बड़ा लीडर समझते रहे लेकिन जनता ने उन्हें आईना दिखा दिया।
मैदान में तीसरा मोर्चा
राजस्थान में बसपा व भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) ने चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। बसपा जहां प्रदेश के सभी २५ सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) प्रदेश की सात लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी व माकपा तथा भाकपा अभी कांग्रेस से गठबंधन के प्रयास में लगी हुई है। इसलिए उन्होंने खुलासा नहीं किया है कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बसपा ने अभी तक ६ सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। जिनमें चूरू, श्रीगंगानगर, अलवर, जालौर-सिरोही, भरतपुर, कोटा सीट शामिल है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा का कहना है कि बाकी सीटों पर शीघ्र ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं भारतीय आदिवासी पार्टी ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर, उदयपुर व चित्तौड़गढ़ सीट पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। प्रदेश के आदिवासी बेल्ट में ‘बाप’ के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में ‘बाप’ ने ताकत दिखाई थी।
(लेखक राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त
स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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