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तीन दशक बाद नासिक की तपोभूमि में शिवसेना का दमदार महाअधिवेशन! …शिवसैनिकों की नई पीढ़ी में भी वही जोश, जुनून और निष्ठा

सामना संवाददादाता /नासिक
करीब ३० वर्षों बाद नासिक में शिवसेना का महाअधिवेशन हो रहा है। तीन दशकों के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्थिति बदल गई है, लेकिन शिवसैनिकों की नई पीढ़ी में अभी भी शिवसेना के प्रति वही जुनून, उत्साह और निष्ठा भाव है, जो इससे पहले हुए अधिवेशन के अवसर पर पिछली पीढ़ियों से चला आ रहा है। १८ और १९ नवंबर १९९४ को नासिक में शिवसेना का चौथा अधिवेशन आयोजित किया गया था। यह सत्र शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की प्रमुख उपस्थिति में आयोजित किया गया था। अब ३० वर्षों बाद शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में आज मंगलवार को नासिक में शिवसेना का राज्यव्यापी महाधिवेशन हो रहा है। तीस वर्षों की इस अवधि में शिवसैनिकों की एक पूरी पीढ़ी बदल गई। अब शिवसैनिकों की नई पीढ़ी बड़ी संख्या में महाधिवेशन में हिस्सा ले रही है। उनमें वही जोश और जुनून है।
पिछले साल गद्दारों का एक गुट शिवसेना से अलग हो गया। ३२ साल पहले छगन भुजबल ने भी इसी तरह से शिवसेना को धोखा दिया था। इसका प्रभाव नासिक में तत्कालीन अधिवेशन के अवसर पर देखा गया था। गुस्साए शिवसैनिकों ने तब गद्दारों को चेतावनी देते हुए बड़ा होर्डिंग लगाया था, जिसमें लिखा गया था कि ‘शिवसेना गद्दारों को उनकी जगह दिखाएगी,’। ऐसे पोस्टर पूरे नासिक में छाए हुए थे। जब नई पीढ़ी के विभागाध्यक्ष पवन मटाले को इन पोस्टरों की याद दिलाई गई तो उन्होंने कहा, अब भी हालात अलग नहीं हैं। हम शिवसैनिक उन लोगों को उनकी जगह दिखाएंगे, जिन्होंने शिवसेना को धोखा दिया है। १९९४ में हुए सम्मेलन के दौरान हम वहां नहीं थे, लेकिन अब हम कल्पना कर सकते हैं कि उस विश्वासघात के कारण उस समय के युवा शिवसैनिकों में कैसी नाराजगी रही होगी। अधिवेशन को लेकर बेहद उत्साहित केतन मटाले ने कहा, सम्मेलन के समय मेरा जन्म भी नहीं हुआ था। इस अधिवेशन से हमें निष्ठा का संदेश मिलेगा। नासिक का ये अधिवेशन हमारे लिए एक उत्सव है। हमारी दृष्टि में यह अधिवेशन नासिक के कुंभ मेले जितना ही महत्वपूर्ण है।

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