वाराणसी। विकल्प बहुत मिलेंगे मार्ग भटकाने के लिए, लेकिन संकल्प एक ही काफी है मंजिल तक जाने के लिए … यह पंक्तियां प्रांजल जायसवाल पर बिल्कुल सटीक बैठती है क्योंकि तैराकी प्रतियोगिता में अगर आप प्रतिभाग कर रहे हैं तो आपको मंजिल स्पष्ट दिखाई देनी चाहिए। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चंदौली के इलिया के रहने वाले प्रांजल जायसवाल ने। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयोजित समर कैंप में तैराकी प्रतियोगिता में प्रांजल जायसवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। गौरतलब हो कि प्रांजल के पिता इलिया में संत कबीर एजुकेशन एकेडमी के प्रबंधक हैं और इनकी मां बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापिका हैं।