ब्रिजेश पाठक
महायुति सरकार ने बांद्रा-वर्ली सी -लिंक के लिए एक नए कनेक्टर बनाने का प्रस्ताव लाई है। सरकार का मानना है कि इससे ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। यह कनेक्टर बनने से सुधार आएगा या नहीं या यह नया लॉलीपॉप है। सरकार का मानना है कि यह नया कनेक्टर इस पश्चिमी उपनगर में कुछ ट्रैफिक जाम को दूर करने में मदद करेगा, लेकिन बांद्रा बैंड स्टैंड के निवासी और वे लोग जो सुबह-शाम सैर के लिए इस शांति और हवा से भरपूर प्रोमेनाड पर आते हैं, उन्हें बदलाव के लिए तैयार रहना होगा।
राज्य सरकार ने सोमवार को इस प्रोजेक्ट को घोषित किया। नया कनेक्टर १.२६ किलोमीटर लंबी सड़क होगी, जो बैंड स्टैंड स्थित बांद्रा किले को सी-लिंक से जोड़ेगी। सरकार के मुताबिक, ‘सी-लिंक से बांद्रा (पश्चिम) की ओर जाते समय लोगों को भारी ट्रैफिक का सामना करना पड़ता है इसलिए बांद्रा किले के पास सी-लिंक से एक अतिरिक्त कनेक्टर प्रदान करने से ट्रैफिक सुचारु रूप से चल सकेगा।
बता दें कि वर्तमान में वर्ली से आने वाला ट्रैफिक या तो रिक्लेमेशन के रास्ते या एस.वी. रोड के जरिए बांद्रा में प्रवेश करता है, जिससे खासकर पीक आवर्स के दौरान भारी जाम लग जाता है। सी-लिंक से इस पश्चिमी उपनगर में प्रवेश के लिए दूसरा रास्ता बनाने से इन स्थानों पर वाहनों की भीड़ कम हो सकती है। सवाल यह है कि इसका बांद्रा बैंड स्टैंड पर विशेष रूप से उसके निकासी बिंदु पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह एक छोटा इलाका है, जहां होटल ताज लैंड्स एंड, एक और प्रस्तावित लग्जरी होटल की साइट और भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने वाला बांद्रा किला स्थित है।
परियोजना की लागत रु. १,८०० करोड़
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने इस नए कनेक्टर के लिए योजना और अनुमान तैयार कर लिए हैं। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की लागत लगभग १,८०० करोड़ रुपए आएगी, जिसमें ६०० करोड़ पुनर्वास, मुआवजा आदि जैसे सहायक कार्यों के लिए होंगे।
ढाई साल में पूरे होंगे कार्य
एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक अनिलकुमार गायकवाड़ ने कहा कि प्रस्तावित नया कनेक्टर दक्षिण मुंबई और वर्सोवा आने-जाने वाले वाहन चालकों के लिए मददगार होगा, क्योंकि बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक वर्तमान में निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा, ‘यह एक चार लेन का कनेक्टर होगा, जिसकी लंबाई १.२६ किलोमीटर होगी। जैसे ही हमें इस परियोजना के लिए प्रशासनिक मंजूरी मिलेगी, पर्यावरण और तटीय विनियमन क्षेत्र से संबंधित मंजूरियां प्राप्त करने और निविदा प्रक्रिया पूरी करने में एक वर्ष का समय लगेगा। स्वयं परियोजना को पूरा करने में ढाई साल का समय लगेगा।
प्रस्तावित नया कनेक्टर दक्षिण मुंबई और वर्सोवा आने-जाने वाले वाहन चालकों के लिए मददगार होगा, क्योंकि बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक वर्तमान में निर्माणाधीन है।
-अनिल कुमार गायकवाड़,
एमएसआरडीसी प्रबंधन निदेशक