मुख्यपृष्ठस्तंभपूर्वांचल पॉलिटिक्स : असंतोष की अभिव्यक्ति... राजनीति के कटप्पा को कंटाप!

पूर्वांचल पॉलिटिक्स : असंतोष की अभिव्यक्ति… राजनीति के कटप्पा को कंटाप!

हिमांशु राज

जौनपुर में सुभासपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर के साथ हुई एक विवादित घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एक कार्यक्रम में उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया जा रहा था कि अचानक माहौल तनावपूर्ण हो गया। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजेश राजभर ने पहले उनको माला पहनाई और फिर उन पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और यह कहकर अपना गुस्सा जाहिर किया, `पार्टी के लिए मेहनत हम करे, मलाई तुम खाते हो!’ यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसे लोग राजनीति के `कड़वे सच’ के रूप में देख रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि यह घटना पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पनप रहे असंतोष को उजागर करती है। संभवत: कार्यकर्ताओं को लगता है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनके परिश्रम की उपेक्षा की जा रही है और सभी फायदे केवल कुछ चुनिंदा लोगों को मिल रहे हैं। जानकारों की मानें तो यह घटना सुभासपा के भीतर मौजूद गुटबाजी और आंतरिक कलह को भी दर्शाती है।
अब सवाल यह है कि क्या यह घटना महज एक व्यक्तिगत विवाद था या पार्टी में गहराते संकट का संकेत? क्या सुभासपा के नेतृत्व को अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझने और उनके साथ बेहतर तालमेल बनाने की जरूरत है? इस घटना के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, `हिंसा हताशा का ही एक रूप होता है। भाजपा याद रखे, ऐसे कृत्यों से पीडीए का मनोबल टूटेगा नहीं बल्कि और भी शक्तिशाली होगा। २०१७ के चुनाव में महेंद्र राजभर को चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मऊ की एक जनसभा में कटप्पा का खिताब दिया था और कहा था कि यही कटप्पा बाहुबली का सफाया करेगा पर मोदी के कटप्पा मुख्तार अंसारी से ६,००० वोटों से हार थे।’ कार्यक्रम में कई कंटाप खाने से क्षुभित राजनीति के कटप्पा महेंद्र राजभर ने इस हमले के पीछे ओमप्रकाश राजभर के इशारे पर हुआ कृत्य बताते हुए स्थानीय थाने में शिकायत पत्र दिया है। इस घटना का पार्टी की छवि पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, यह मामला राजनीति में `कर्मठ कार्यकर्ता बनाम नेतृत्व’ की बहस को एक नया आयाम दे गया है।

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