मुख्यपृष्ठस्तंभदुनिया भर में सम्मान कम हो रहा!

दुनिया भर में सम्मान कम हो रहा!

योगेश कुमार सोनी

मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने भारत सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाया है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने `वर्ल्ड रिपोर्ट २०२४’ में मानवाधिकार के मोर्चे पर भारत के रुख और नीतियों के साथ कई तरह के अहम बिंदुओं को लेकर जिक्र किया है। बीते बृहस्पतिवार को जारी वर्ल्ड रिपोर्ट २०२४ में संगठन ने कहा है कि अधिकारों का सम्मान करने वाले लोकतंत्र के रूप में वैश्विक नेतृत्व की भारत सरकार की दावेदारी नकारात्मकता की ओर प्रभावित हुई है। दरअसल, मामला यह है कि ह्यूमन राइट्स वॉच सौ देशों में मानवाधिकारों से जुड़ी नीतियों और कार्रवाई पर नजर रखता है। इसके आधार पर वो अपनी सालाना विश्व रिपोर्ट तैयार करता है। बताया जा रहा है कि ७४० पन्नों की अपनी इस वर्ष की रिपोर्ट में संगठन ने मणिपुर में हुए नस्लीय टकराव से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर में महिला पहलवानों के विरोध प्रदर्शन और जम्मू-कश्मीर के हालात का जिक्र किया है। यदि बिंदुवार चर्चा करें तो मणिपुर में जिस तरह मानव जीवन पर अप्राकृतिक प्रहार हुआ है, उससे देश हिल गया है। वहां वीडियो व फोटो में स्पष्ट देखा गया है कि किस तरह नरसंहार हुआ। हर रोज सैकड़ों लोगों को क्षति पहुंचती रही, लेकिन इतने लंबे चले इस खूनी खेल में सरकार अपना किरदार अच्छे से नहीं निभा पाई। साफतौर परदिख रहा था कि इतनी बड़ी घटनाएं हुई, जिसमें लोगों का मारा जाना व महिलाओं को नग्न करके घुमाना शामिल रहा। यहां सरकार की शैली से स्पष्ट हो जाता है कि वो ऐसी घटनाओं को रोकने में विफल है या फिर वह चाहते ही नहीं कि हिंसा रुके। इसके अलावा महिला पहलवानों वाले प्रकरण में खेल जगत बेहद प्रभावित हुआ। पहलवानों ने खूब प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अपने मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे हर क्षेत्र के खिलाड़ी अपना भविष्य दांव पर लगा समझ रहे हैं। यदि महिला पहलवानों की बात करें तो वे अपने बनते हुए करियर में बैक मार गर्इं, क्योंकि उनको अपने शारीरिक शोषण का भय लगने लगा। साक्षी मलिक के बयान के बाद देश में भूचाल आ गया था। साक्षी मलिक उन पहलवानों में से एक हैं, जिन्होंने बीते साल जनवरी में कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत तमाम खिलाड़ियों ने कई हफ्तों तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। इस मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की ३५४, ३५४-ए, ३५४-डी और ५०६(१) जैसी धाराएं लगाई गई हैं, लेकिन गिरफ्तारी या किसी भी प्रकार की कार्रवाई न होते देख साक्षी मलिक ने संन्यास तक भी ले लिया, जिससे खेल जगत में बडा भूचाल आ गया, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। तीसरे, जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर भी चिंता दर्शाई गई है, जिसमें कई तरह की नकारात्मक कार्यशैली का प्रयोग किया गया है और वहां का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)

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