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डोंबिवली एमआईडीसी में ‘विकास’ के नाम पर बर्बादी – एक साल में 30 बार तोड़े गए कांक्रीट रोड


सामना संवाददाता / डोंबिवली

डोंबिवली एमआयडीसी क्षेत्र के नागरिकों के सब्र का बांध अब टूटने को है। बुधवार रात करीब 10 बजे सोनाक्षी सोसायटी के पास नानासाहेब धर्माधिकारी मार्ग पर जेसीबी की गर्जना ने फिर से एक नए कांक्रीट रोड को मलबे में बदल दिया। महावितरण विभाग ने भूमिगत केबल में आई खराबी के चलते सड़क खोद दी, जिससे बिजली आपूर्ति बनाए रखी जा सके। हालांकि, इस पूरी घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – जब यह सड़क बनाई जा रही थी, तब क्या संबंधित विभागों के बीच कोई समन्वय नहीं था?

जानकारी के मुताबिक, इस इलाके में बीते एक वर्ष के भीतर करीब 30 बार विभिन्न विभागों द्वारा नई सड़कों को तोड़ा गया है। एमएमआरडीए द्वारा बनाई गई इन सड़कों को कभी जल विभाग, कभी गैस पाइपलाइन तो कभी महावितरण की खुदाई का सामना करना पड़ा। लेकिन इन तमाम बार टूटने के बावजूद न तो कोई जवाबदेही तय की गई और न ही सड़क की मरम्मत पुरानी गुणवत्ता के अनुसार की गई। इसका खामियाजा अंततः नागरिकों को भुगतना पड़ा – धूल, गड्ढे, ट्राफिक जाम और दुर्घटनाओं के रूप में।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि “सड़क पर जनता का पैसा बहाया जा रहा है, लेकिन न कोई देखने वाला है और न ही कोई जवाब देने वाला।” वे पूछ रहे हैं कि हर बार सड़क बनाने और फिर तोड़ने के पीछे किसकी जिम्मेदारी है? और सबसे बड़ी बात – जनता के पैसों का यह अपमान आखिर कब तक चलता रहेगा?

अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो इन मुद्दों पर चुप रहने वाले जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय करने का समय आ गया है। जनता अब जागरूक है और सिर्फ खोखले भाषणों से बहलने वाली नहीं। सवाल उठ रहे हैं – क्या यह ‘विकास’ है या बजट का बेशर्मी से दुरुपयोग?

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