मुख्यपृष्ठनए समाचारसद्गुरु कबीर साहेब का धूमधाम के साथ मनाया गया 627वां प्राकट्य दिवस

सद्गुरु कबीर साहेब का धूमधाम के साथ मनाया गया 627वां प्राकट्य दिवस

-सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम से निकली भव्य शोभायात्रा…शामिल हुए देश भर के कबीर पंथी

उमेश गुप्ता / वाराणसी

सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा तालाब एवं स्मारक समिति द्वारा आज मंगलवार को सद्गुरु कबीर साहेब का 627 वा प्राकट्य महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। आज ही के दिन सद्गुरु कबीर साहेब लहरतारा नामक तालाब में कमल पुष्प पर प्रकट हुए थे। गगन मंडल से उतरे सद्गुरु सत्य कबीर, जलज मांही पौधन किये दो दिनन के पीर….
प्राकट्य दिवस के अवसर पर सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा से सद्गुरु कबीर साहेब की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। इस यात्रा में हजारों की संख्या में भक्तो एवं श्रधालुओं ने खूब हर्ष और उल्लास के साथ शामिल हुए। शोभायात्रा में सद्गुरु कबीर साहेब की प्रतिमा सबसे आगे उसके बाद सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम के मुख्य पंथ श्री हजूर अर्धनाम साहेब आचार्य कबीरपंथ , धर्माधिकारी सुधाकर साहेब शास्त्री जी, अन्य बाहर से आये संत महंत, भक्त-श्रद्धालू शामिल हुए। रथ पर कबीर पंथ के मुख्य आचार्य साहेब जी सुधोभित थे। शोभायात्रा में बैंड, डी.जे. संगीत सद्गुरु कबीर साहेब के वाणी, भजनों, शब्दों को गाते हुए शोभायात्रा में सभी आनंदित एवं थिरकते हुए ख़ुशी से झूमते हुए भाव विभोर हो रहे थे, मानो सद्गुरु कबीर साहेब आज स्वयं अवतरित होकर आगे आगे मार्ग दिखा रहे हैं। शोभयात्रा में बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरयाणा, गुजरात आदि प्रदेशों से भक्त शामिल थे। शोभायात्रा के दौरान स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा हजूर साहेब का पुष्य माला और आरती उतारकर उनका दर्शन लाभ लिया और पूरी यात्रा के दौरान जगह जगह पर पानी, शरबत, फल श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गयी।
इस अवसर पर कबीर प्राकट्य धाम का पूरा परिसर सद्गुरु कबीर साहेब के साखी, शब्दों, भजनों, कीर्तनों से गुंजायमान था। संत अचिंतमुनि ने दर्शन की बलिहारी सद्गुरु तुम्हरे दर्शन की बलिहारी भजन श्रोताओं को श्रवण कराया, क्योंकि गुरु और संत सरे भ्रम को तोड़ कर मुक्ति का रास्ता प्रशस्त करते हैं। गुजरात से श्री रोहित दास जी साहेब जी ने कहा की मन, वचन और कर्म तीनो से सेवा का भाव होना चाहिए कबीर मन निर्मल भय जैसे गंगा नीर, पाछे पाछे हरी फिर कहत कबीर कबीर। परमात्मा सब घट में है सब घाट मेरी साइंया सुनी सेज न कोय बलिहारी उस घट की जा घट प्रगट होय।
रात्रि में धनि धर्म दास साहेब परम्परा के अनुसार चौका आरती पूजा विधि विधान के साथ संपन्न हुई पूजा में श्रद्धालुओं ने पान, नारियल, पुष्प पंथ श्री हजूर साहेब को अर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। चौका आरती का विशेष पूजा पंथ श्री हजूर अर्धनाम साहेब के कर कमलों द्वारा किया गया और पूजा के पश्चात प्रसाद ग्रहण किये।

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