मुख्यपृष्ठटॉप समाचारएक ही एजेंडा... भाजपा को हराना है, लोकतंत्र बचाना है!

एक ही एजेंडा… भाजपा को हराना है, लोकतंत्र बचाना है!

-महाविकास आघाड़ी की सीटों का हुआ बंटवारा

-दो दिनों में होगा अंतिम फैसला

सामना संवाददाता / मुंबई

महाराष्ट्र में लोकसभा की ४८ सीटों पर महाविकास आघाड़ी की कल अहम बैठक हुई। इस बैठक में गठबंधन में शामिल पार्टियों की ताकत के हिसाब से सभी सीटों पर चर्चा हुई। महाविकास आघाड़ी में शामिल सभी पार्टियां इससे सहमत हैं। बैठक में वंचित सहित महाविकास आघाड़ी के सभी चार प्रमुख दलों का सीट बंटवारा अच्छी तरह से हो गया है, जिस पर अगले दो दिनों में अंतिम मुहर लग जाएगी, ऐसी जानकारी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कल दी।
संयुक्त पत्रकार परिषद में होगी घोषणा
यह बैठक सीट आवंटन की घोषणा को लेकर निर्णायक थी। अब प्रमुख नेताओं के साथ आखिरी बैठक होगी।

यह बैठक शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी के अध्यक्ष शरद पवार, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर के बीच होगी। संयुक्त प्रेस
कॉन्प्रâेंस में सीटों के बंटवारे का एलान किया जाएगा, ऐसी जानकारी भी संजय राऊत ने दी।
आज की बैठक में महाविकास आघाड़ी के प्रमुख नेता मौजूद थे। उद्धव ठाकरे और शरद पवार लगातार फोन पर संपर्क में थे। चर्चा का विवरण जान रहे थे। सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है, ऐसी जानकारी संजय राऊत ने दी।
कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा वह महत्वपूर्ण नहीं है। भाजपा को हराना, लोकतंत्र और संविधान को बचाना है। हम सभी का यही एजेंडा हैं। प्रकाश आंबेडकर की भी यही भूमिका है, ऐसा भी संजय राऊत ने कहा। इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, शिवसेना नेता सांसद विनायक राऊत, राष्ट्रवादी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, अनिल देशमुख, जीतेंद्र आव्हाड, कांग्रेस की वर्षा गायकवाड़ और वंचित आघाड़ी के प्रतिनिधि मौजूद थे।
वंचित के प्रस्ताव पर चर्चा
वंचित बहुजन आघाड़ी ने २७ सीटों पर दावा ही नहीं किया है। उन्होंने अपनी इच्छा व्यक्त की है और उनके प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है, ऐसा संजय राऊत ने कहा। महाराष्ट्र में शिवसेना, राष्ट्रवादी, कांग्रेस, वंचित आघाड़ी जैसी सभी पार्टियां सभी निर्वाचन क्षेत्रों में काम कर रही हैं। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में सभी की ताकत है। आखिरकार, राज्य में केवल अड़तालीस सीटें हैं और उनका बंटवारा किया जाना है। इसलिए जिस विधानसभा क्षेत्र में जिसकी ताकत ज्यादा है, वह निर्वाचन क्षेत्र उस पार्टी का होगा इस पर चर्चा होने की जानकारी संजय राऊत ने दी।

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