सामना संवाददाता / मुंबई
धुले के सरकारी विश्रामगृह से जब्त की गई १ करोड़ ८४ लाख रुपए की नकद राशि पर महायुति सरकार के गृह विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई पर हमारी बारीक नजर है। हम एक हफ्ते तक और नजर रखेंगे। उसके बाद हम चुप नहीं बैठेंगे। इस तरह का अल्टीमेटम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सिपहसालार व पूर्व विधायक अनिल गोटे ने दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया है कि वे १२ विधायकों के सह आरोपी बनाए जाने तक संघर्ष जारी रखेंगे। इस संकल्प से उन्होंने एक तरह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह विभाग की घेराबंदी करने की कोशिश की है।
शिवसेना के पूर्व विधायक अनिल गोटे ने कहा है कि धुले में सरकारी विश्रामगृह से जब्त की गई नकद रकम पर अब तक महायुति सरकार के गृह विभाग की ओर से संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह कानून का नहीं, बल्कि खुद का फायदा उठाने वाली सरकार है। अनुमान समिति की बैठक में आए हुए सभी १२ विधायकों को जब तक सह आरोपी नहीं बनाया जाता, तब तक मैं चुप नहीं बैठूंगा।
भाग निकला था पाटील
अनिल गोटे ने आरोप लगाया है कि समिति के विधायकों को पैसे देने के लिए ही अधिकारियों ने यह रकम इकट्ठा की थी। कमरा १०२ किशोर पाटील के नाम पर बुक था। किशोर पाटील अनुमान समिति के अध्यक्ष विधायक अर्जुन खोतकर के निजी पीए हैं। शिवसैनिकों को जब कमरे में नकदी की जानकारी मिली और उन्होंने वहां धावा बोला, तब खोतकर का पीए कमरे में ताला लगाकर वहां से भाग निकला था।