मुख्यपृष्ठनए समाचारशिवराज सिंह के झलके दर्द : रिजेक्टेड नहीं, मामा कहिए! ... एमपी...

शिवराज सिंह के झलके दर्द : रिजेक्टेड नहीं, मामा कहिए! … एमपी की जनता से लगाई गुहार

सामना संवाददाता / भोपाल
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव के दौरान कई बार इमोशनल होते देखा गया। उनका वो दर्द इमोशन कहें या मुख्यमंत्री पद जाने का दर्द अब बाहर छलक रहा है। ऐसा लग रहा है कि उनको रिजेक्टेड माल समझा जा रहा है। इसकी बानगी हाल ही में देखी गई। दरअसल, १३वें भारतीय छात्र संसद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि भले अब वो मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन आज भी उनको सभी मामा कहकर बुलाते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मुझे पूर्व मुख्यमंत्री कहिए, लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जनता का स्नेह और प्यार ही उनकी असली दौलत है। लेकिन सीएम पद छोड़ दिया है तो ये नहीं है कि मैं राजनीति नहीं करूंगा, राजनीति अभी भी करूंगा, लेकिन किसी पद के लिए नहीं। राजनीति केवल पदों के लिए नहीं होती। राजनीति बड़े लक्ष्य के लिए होती है। उसी का आह्वान आप सभी लोगों से करने के लिए आया हूं।’ गौरतलब है कि इससे पहले भी शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘जब आप सीएम होते हैं तो आपके चरण कमल की तरह होते हैं, लेकिन जब आप मुख्यमंत्री नहीं रहते हैं तो आपकी फोटो होर्डिंग्स से ऐसे गायब होती है, जैसे गधे की सिर से सींग।’
मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल के नजदीक स्थित सीहोर जिले में पार्टी ने विशेष बैठक बुलाई। कहा जा रहा है कि इस बैठक से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी के साथ भी बैठक हुई और इसमें लोकसभा चुनाव से लेकर २२ जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर जन-जन की हिस्सेदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। इसी बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए।
बैठक में शामिल होने से पहले शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लोकसभा की सभी २९ सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। फिलहाल, शिवराज सिंह चौहान के पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है। शिवराज सिंह को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। शिवराज सिंह चौहान ने अभी हाल में तेलंगाना का भी दौरा किया था। शिवराज के इन बयानों के बाद माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं।

 

अन्य समाचार