सामना संवाददाता / डोंबिवली
केडीएमसी ने ठोस अपशिष्ट (घनकचरा) कर में बड़ी मात्रा में वृद्धि की है। यह वृद्धि नागरिकों के लिए वहनीय नहीं है। इसके खिलाफ शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष ने कुछ दिनों पहले मनपा मुख्यालय पर मोर्चा भी निकाला था। हालांकि, जब से बढ़े हुए बिल लगाए गए हैं, तब से डोंबिवली में नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा। शिवसैनिकों सहित नागरिकों ने महात्मा फुले रोड पर भारी बारिश में बढ़े हुए टैक्स बिलों का सार्वजनिक रूप से होली जलाकर मनपा प्रशासन का विरोध किया।
एक सप्ताह पहले शिवसेना ने कल्याण-मनपा मुख्यालय पर मोर्चा निकालकर इस टैक्स वृद्धि के खिलाफ आवाज उठाई थी। हालांकि, मनपा ने कर वृद्धि को रद्द नहीं किया इसलिए बढ़े हुए टैक्स बिलों की होली जलाई गई। इस दौरान शिवसेना जिलाप्रमुख दीपेश म्हात्रे ने मनपा प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आम लोगों को हजारों रुपए के भारी भरकम बिल भेजे हैं। आठ से दस हजार रुपए तक के टैक्स बिलों के कारण आम परिवारों का आर्थिक हिसाब-किताब चौपट हो रहा है। इन बिलों की होली जलाकर कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के खिलाफ सार्वजनिक रूप से विरोध प्रदर्शन करते हैं। म्हात्रे ने यह भी चेतावनी दी कि जल्द ही और भी तीव्र आंदोलन किया जाएगा।
कर में भारी वृद्धि
केडीएमसी पहले प्रति घर प्रति वर्ष ६०० रुपए ठोस अपशिष्ट शुल्क के रूप में वसूल रही थी। अब इसे बढ़ाकर ९०० रुपए कर दिया गया है। दुकानों और अस्पतालों के लिए ७२० रुपए वसूल रही थी, लेकिन अब यह १,४४० रुपए है। ५० बेड से बड़े अस्पतालों के लिए पहले यह शुल्क २,१६० रुपए था, जिसे बढ़ाकर ४,३२० रुपए कर दिया गया है। शोरूम, फर्नीचर, ऑटो मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए पहले यह शुल्क १,४४० रुपए था, जिसे बढ़ाकर २,८८० रुपए कर दिया गया है। वेयरहाउस के लिए पहले यह शुल्क १,४४० रुपए था, जिसे बढ़ाकर २,८८० रुपए कर दिया गया है। रेस्टोरेंट और होटल के लिए शुल्क १४,४०० से १७,२८० रुपए कर दिया गया है।