सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) किसानों के मुद्दों को लेकर आक्रामक हो गई है। आज जहां तालुका स्तर पर ट्रैक्टर मोर्चा निकाला जाएगा, तो वहीं गुरुवार को जिला स्तर पर चक्का जाम किया जाएगा। यह जानकारी विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने पत्रकारों को दी। क्या हुआ तेरा वादा? अभियान के तहत मराठवाड़ा के ६८ तालुकाओं की ४,५९० से अधिक ग्राम पंचायतों से सरकार को ज्ञापन देकर सवाल पूछे गए हैं। साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों और मंत्रियों को भी शिवसैनिकों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है। इसके अलावा १,०८० ग्राम सभाओं के माध्यम से भी सरकार को घेरने की तैयारी है।
अंबादास दानवे ने कहा कि सरकार ने कर्जमाफी, किसान सम्मान योजना, ‘लाडली बहन’ योजना में २१०० रुपए, ४५,००० गांवों में सड़कें, ‘अन्नदाता ऊर्जादाता’, फसलों को समर्थन मूल्य, खाद पर जीएसटी सब्सिडी की वापसी, एक रुपए में फसल बीमा जैसे कई वादों के ढोल पीटे, लेकिन सत्ता में आते ही ये सब वादे भुला दिए गए हैं।
सरकार में आते ही इस त्रिकोणी सरकार के एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों ने जनता को धोखा दिया है। दानवे ने सवाल किया कि क्या हुआ तेरा वादा? उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए, जिससे किसान गहरे संकट में हैं।
दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार ने गिरगिट को भी शर्मिंदा कर देने वाली तेजी से रंग बदला। वित्त वर्ष के अंत में किसानों को कर्ज चुकाने के लिए कहकर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने उनकी भावनाओं के साथ क्रूर मजाक किया। इसका नतीजा यह है कि पिछले सात महीनों में राज्य में १,००० से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली है। दानवे ने कहा कि किसान से जीएसटी के माध्यम से जो रकम सरकार को मिलती है, उसे सब्सिडी के रूप में लौटाने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ। कपास और सोयाबीन जैसी फसलों के दाम गिराने के लिए सरकार विदेश से आयात के आदेश निकाल रही है। किसान सम्मान योजना की राशि १२ हजार से १५ हजार रुपये करने का वादा केवल दिखावा रहा।