सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के जरिए अटल सेतु और मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर १२.३ लाख ई-चालान जारी किए, जिनमें से ८.५ लाख चालान सिर्फ ओवर स्पीडिंग के लिए थे, जो कुल मामलों का ७० फीसदी है। अब सवाल उठता है कि क्या आईटीएमएस सिर्फ फाइन वसूली का जरिया बन गया है या इससे ट्रैफिक में सुधार हुआ है?
अटल सेतु पर स्पीड लिमिट १०० किमी प्रति घंटा तय है। वाहन चालकों का कहना है कि सिस्टम अचानक चालान जारी कर देता है, जबकि कई जगहों पर सही साइन नहीं लगे हैं। मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर आईटीएमएस १७ तरह के ट्रैफिक उल्लंघनों को ट्रैक करता है। यह हाईवे हर दिन ४०,००० वाहनों का ट्रैफिक संभालता है, जो सप्ताहांत पर ६०,००० तक पहुंच जाता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या आईटीएमएस गड्ढों से भरी सड़कों, खराब सिग्नलों और गलत दिशा में चलनेवाले वाहनों पर भी कार्रवाई कर रहा है?
भविष्य की योजना या सिर्फ कमाई का जरिया?
महाराष्ट्र सरकार आईटीएमएस को समृद्धि महामार्ग और अन्य प्रमुख राजमार्गों पर भी लागू करने की योजना बना रही है, लेकिन जब मौजूदा १२.३ लाख चालानों के बाद भी ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा तो नए इलाकों में इससे क्या बदलेगा?