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समाज के सिपाही : उत्तर भारतीय भवन के लिए लड़ रहे हैं लड़ाई

 अनिल मिश्रा

उल्हासनगर में वैसे तो कई स्वघोषित उत्तर भारतीय नेताओं ने उत्तर भारतीय भवन के लिए पहल करते हुए मान लिया कि समाज के लिए भवन बन गया है, लेकिन समाजसेवक संतोष पांडेय हिंदी भाषी संस्था बनाकर समाज के हर वर्ग को साथ लेकर अपने समाज की खातिर भवन की मांग करने में लगे हैं। शांति नगर, रिजेंसी अंटेलिया की सरकारी जगह पर भवन बनाने में जुटे संतोष पांडेय समाज को एक साथ लाने के लिए बाटी-चोखा, पूजा-पाठ जैसे कार्य करते रहते हैं। निडर व्यक्तित्व के धनी संतोष पांडेय समाज की खातिर सरकारी महकमे से भी लड़ने को तैयार रहते हैं। उत्तर भारतीय नेता की छवि रखनेवाले संतोष पांडेय का नाम महाराष्ट्र के उत्तर भारतीय नेताओं के साथ ही उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े नेताओं में रही है। महाराष्ट्र की नामचीन हस्ती उल्हासनगर के सुधारक पप्पू कालानी, उनकी स्व. पत्नी ज्योति कालानी, उनके पुत्र ओमी कालानी के वो काफी नजदीक रहे हैं और आज भी हैं। कालानी परिवार के साथ रहने के कारण वो पार्टी के स्थानीय पद से लेकर प्रदेश स्तर के पद पर भी काम कर चुके हैं। संतोष बताते हैं कि उल्हासनगर की परिवहन समिति के वो चेयरमैन रह चुके हैं। सेंचुरी रेयान कंपनी में काम करते हुए संतोष कामगार नेता की भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। शहर के सुधार में मिसाल कायम करनेवाले पप्पू कालानी से प्रभावित होकर वो उनसे जुड़े। आज जो मान-मर्यादा उन्हें मिली है, उसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। संतोष पांडेय बताते हैं कि १९९८ में मुंबई आने के बाद वो अंधेरी में रहते थे। इसके बाद उल्हासनगर-१ के उत्तर भारतीयों के गढ़ कहे जानेवाले हनुमान नगर में वो रहने लगे। किराने की दुकान पर काम करने के साथ ही बिना किसी रिश्तेदार का एहसान लिए जीवन में संघर्ष करते हुए आगे बढ़नेवाले संतोष पांडेय के जीवन में काफी उतार-चढ़ाव भी आए। जीवन की तमाम कठिनाइयों से बिना डरे आगे बढ़नेवाले संतोष पांडेय ने सेल्समैन का काम करने के साथ ही ऑटोरिक्शा तक चलाया। अभाव की स्थिति में कई दिनों तक रिक्शा में सोनेवाले संतोष पांडेय ‘मेहनत करनेवालों की हार नही होती’ कविता को मन ही मन दोहराते रहते हैं। कर्मभूमि महाराष्ट्र के साथ ही उनकी जन्मभूभि उत्तर प्रदेश में उनका बहुत मान-सम्मान है। दो बच्चों के पिता संतोष पांडेय का बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी नौवीं की छात्रा है। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछली शहर के पांडेपुर के मूल निवासी संतोष पांडेय चाहते हैं कि उनकी बेटी डॉक्टर या आईएएस अधिकारी बने।

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