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एसटी का डिजिटल प्लान टांय-टांय फिस्स! …१५,००० कंडक्टर एंड्रॉइड टिकट मशीन उपयोग करने में हैं असमर्थ

सामना संवाददाता / मुंबई
एसटी निगम ने छुट्टे पैसे की समस्या को हल करने के लिए डिजिटल पेमेंट का विकल्प शुरू किया है, लेकिन एंड्रॉइड इलेक्ट्रिक टिकट मशीन का उपयोग नहीं किया जा रहा है। कंडक्टर केवल नकद पेमेंट करके टिकट खरीदने पर जोर दे रहे हैं। इसलिए रोजाना सफर करनेवाले ५५ लाख यात्रियों में से सिर्फ ६ हजार यात्री ही ऑनलाइन पेमेंट सेवा का लाभ उठा रहे हैं। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एसटी निगम ने बसों में टिकट खरीदने के लिए फोनपे, गूगलपे के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा प्रदान की है। लेकिन ऑनलाइन भुगतान के इस युग में, यह देखा गया है कि एसटी के ३४ हजार में से लगभग १४ से १५ हजार कंडक्टर एंड्रॉइड इलेक्ट्रिक टिकट मशीनों को चलाने में सक्षम नहीं हैं।
ट्रेनिंग की है आवश्यकता
यात्रियों को यूपीआई के माध्यम से टिकट खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने वाले कंडक्टरों को ट्रेनिंग देने का आवश्यकता है। लेकिन निगम के परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। इस संबंध में निगम की भूमिका जानने के लिए जब हमने निगम के महाप्रबंधक (परिवहन) शिवाजी जगताप से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में एसटी का आवागमन अधिक है। डिजिटल टिकटों की संख्या बढ़ रही है।’

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