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महानगरपालिका अस्पतालों में अति दक्षता विभाग शुरू करने की सुनील प्रभु ने की सरकार से मांग

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई की महानगरपालिका तथा शासकीय अस्पतालों में अति दक्षता विभाग खोलने की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक सुनील प्रभु ने विधानसभा में प्वाइंट आफ इनफार्मेशन के तहत मांग किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को लिखे पत्र में सुनील प्रभु ने कहा है कि मुंबई की मनपा तथा सरकारी अस्पतालों में अति दक्षता विभाग न होने से नवजात शिशुओं तथा उनकी माताओं को बहुत परेशानी होती है। प्रभु ने कहा कि पहला 28 दिन नवजात शिशुओं के जीवन के लिए अधिक सावधानी की जरूरत होती है। समय से पहले तथा कम वजन के बच्चों को अतिदक्षता विभाग (एनआईसीयू) में भर्ती करना पड़ता है। मुंबई शहर में सरकारी तथा मनपा द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों में पूरी सुविधा न होने से परिजनों को इधर-उधर भटकना पड़ता है। नवजात शिशुओं अर्भक के लिए वाडिया अस्पताल के शिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है। वाडिया अस्पताल में वेटिंग लिस्ट अधिक होती है। इसलिए परिजनों को ज्यादा इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि मां दूसरे अस्पताल में तथा उसका बच्चा अन्य अस्पताल में अपना उपचार करवा रहा है और निजी अस्पतालों का रेट इतना हाई होता है कि वह उसके वश से बाहर होता है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अंतर्गत चार प्रमुख अस्पताल महाविद्यालय तथा 16 उप नगरीय अस्पताल तथा 29 प्रसूति गृह है। इसी तरह महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत एक मेडिकल अस्पताल तथा 3 सामान्य अस्पताल है। प्रभु ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अगर इन अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा अति दक्षता विभाग शुरू किया जाय तो महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग को और सक्षम बनाया जा सकता है।

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