जेदवी आनंद
एक बहुत अच्छी कहावत है कि सपने वो नहीं होते, जो हम सोते हुए देखते हैंl सपने वो होते हैं, जो हमें सोने ही नहीं देते हैं। जो सपने हमें सोने नहीं देते, वो सपने एक दिन देर-सबेर सच जरूर होते ही हैं। किसी भी इंसान की कामयाबी उसके सपनों के बुनियाद से ही शुरू होती है।
युवा अवस्था में ज्यादातर लोग सिनेमा या क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं। लेकिन जिंदगी की जरूरतें और संघर्षों के सामने सबके सपने धुएं की तरह उड़ जाते हैं, लेकिन कितने लोग इस क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा पाते हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है सबको पता है। १०० में से ९९ परसेंट तो कोशिश ही नहीं करते। अपनी जरूरतों को देखकर पहले ही अपना रास्ता बदल लेते हैं और एक परसेंट लोगों से भी कम कोशिश करते हैं, लेकिन उसमें से भी ९९ परसेंट लोग बीच में ही घुटने टेक देते हैं। बस गिने चुने वो लोग ही कामयाब होते हैं, जो सभी बाधाओं से लड़ कर कामयाब होने की जिद पकड़ लेते हैं। ऐसे ही नामों में एक नाम मालेगांव के नासिर शेख का आज लिया जा सकता है, जिसके जीवन संघर्षों की कहानी है आनेवाली फिल्म सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव।
आज से २०/२५ साल पहले मालेगांव के नासिर शेख ने भी हर युवाओं की तरह एक सपना देखा। वो सपना था सिनेमा में काम करने का। नासिर शेख की अपनी कुछ मजबूरिया रही होंगी, जिसकी वजह से वो मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने नहीं आ पाए, लेकिन उनका सपना उन्हें सोने नहीं दिया। नासिर शेख ने तय किया कि वो मालेगांव में ही रहकर अपनी फिल्म बनाएंगे, जबकि उस वक्त भोजपुरी, तमिल तेलुगू तथा अन्य भाषाओं की तरह मालेगांव का कोई रीजनल सिनेमा भी नहीं था, जहां वो अपनी किस्मत आजमाते और न ही आज की तरह सोशल मीडिया का जमाना था, जहां सब जानकारी मोबाइल में उपलब्ध है। बावजूद इसके नासिर शेख ने मालेगांव में ही रहकर मालेगांव का सिनेमा बनाने का फैसला किया।
जिसके लिए उन्होंने अपने मित्रों को साथ जोड़ा, जिसमें कोई प्लंबर था, कोई सब्जी बेचने वाला कोई रिक्शा चलाने वाला, कोई घर में सिलेंडर पहुंचने वाला। ऐसे सभी दोस्तों को लेकर बॉलीवुड की फिल्मों की कॉपी करके फिल्म बनानी शुरू कर दीl मसलन मालेगांव का शोले, मालेगांव का सुपर हीरों, जिसे वहां के लोगों को जबरदस्त पसंद आने लगी l धीरे-धीरे नासिर शेख ने मालेगांव में एक पैरलल इंडस्ट्री खड़ी कर दी, जिसकी चर्चा सिर्फ अपने देश में ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होने लगी l बीबीसी ने जब मालेगांव के सिनेमा पर डॉक्यूमेंट्री बना दी तो मालेगांव के सिनेमा को जानने की उत्सुकता आम लोगों के साथ-साथ बॉलीवुड वालों में भी बढ़ गई, जिसका ताजा उदाहरण है रीमा कागती की अपकमिंग फिल्म सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव, जो नासिर शेख के जीवन और संघर्ष पर बनी फिल्म है और जो २८ फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगीl जिसका ट्रेलर पिछले दिनों भव्य कार्यक्रम दे दौरान रिलीज किया गया l इस ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में नासिर शेख भी मौजूद रहे, इस मौके पर नासिर शेख बहुत भावुक भी दिखे और आकर्षण के केंद्र में रहे l जो स्वाभाविक है l
बता दें कि रीमा कागजी द्वारा निर्देशित इस फिल्म के मुख्य कलाकार हैं आदर्श गौरव, शशांक अरोरा, विनीत कुमार सिंह, मंजरी पूपाला, मुस्कान जाफरी और अनुज सिंह दोहान, जबकि मजेदार बात ये है कि एक्सेल एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्माता हैं फरहान अख्तर, जोया अख्तर, रितेश सिधवानी तथा रीमा कागती l
सोचिए कितनी मजेदार बात ये है जिस नासिर शेख ने बॉलीवुड की फिल्म की कॉपी करके फिल्म बनाई, उसी बॉलीवुड ने उसके ऊपर फिल्म बनाई और इससे ज्यादा मजेदार बात ये कि नासिर शेख के जिस फिल्म को सबसे ज्यादा चर्चा मिली, वो थी मालेगांव का शोले l जिसे जावेद अख्तर और सलीम जावेद ने लिखा था और आज उन्हीं के बच्चे फरहान अख्तर व जोया अख्तर नासिर शेख के ऊपर फिल्म बना रहे हैं l सोचिए ये नासिर शेख की कितनी बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है l इसे अगर नासिर शेख को बॉलीवुड द्वारा दिया गया बड़ा सम्मान न कहा जाए तो क्या कहा जाए l यकीनन इतना जान लेने के बाद आपके अंदर सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव को देखने की जिज्ञासा जरूर हो रही होगी और इस फिल्म को देखनी भी चाहिए, तो इंतजार कीजिए सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव का जो २८ फरवरी को सिनेमाघरों दिखेगी l