मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : ‘खुदा’ का खौफ

झांकी : ‘खुदा’ का खौफ

अजय भट्टाचार्य

एक खुदा वो है, जिससे दुनिया खौफ खाती है और दूसरा ‘खुदा’ मुंबई में है, जिससे ‘भाऊ; खौफ खा रहे हैं। नतीजा यह है कि मुंबई महानगरपालिका के चुनाव और आगे खिसका दिए गए हैं। मनपा ने जिस ढंग मुंबई के तकरीबन हर रास्ते को सीमेंटीकरण के नाम पर खोद डाला है, उससे हर तरफ खुदा ही खुदा का नजारा बन गया है। हर तरफ खुदा होने से सामान्य मुंबईकर परेशान है और सरकार शासित मनपा से नाराज है। यह नाराजगी मनपा चुनाव में सत्तारूढ़ झुंड पर उतर सकती है। जमीनी गुस्से को भांपकर ‘भाऊ’ मनपा चुनाव कुछ महीनों और टालने के मूड में हैं।
नहाये, खाये फिर जवाब लिखा
हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के खिलाफ बयानबाजी पर भिन्नाये हाईकमान ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया था और ३ दिन के लिए जवाब मांगा था। इसके तहत अनिल विज ने तय समय के अंदर ही हाईकमान को ८ पन्नों का जवाब भेजने के बाद हरियाणा के विज ने कहा कि उन्होंने पहले ठंडे पानी से नहाया और फिर रोटी खाई। इसके बाद उन्होंने समय से पहले पार्टी को अपना जवाब लिखकर भेज दिया। पार्टी कोई और बात का जवाब चाहती है तो वे देने के लिए तैयार हैं। उन्हें जितना याद था, उतना उन्होंने अपने जवाब में लिखकर भेज दिया है। विज ने अपना जवाब सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन उन्होंने पार्टी से मिले नोटिस के सार्वजनिक होने पर भी सवाल उठाए।
‘तीसरी आंख’ नहीं
पंकज जोशी के गुजरात का मुख्य सचिव बनने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में फिलहाल सिर्फ दो अहम अधिकारी हैं- अतिरिक्त मुख्य सचिव एम के दास और अवंतिका सिंह। हालांकि, सरकार तीसरे अधिकारी की नियुक्ति को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। जोशी की पहले की जिम्मेदारियां दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बांट दी गई हैं। हालांकि, कई नामों पर अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि सीएमओ मौजूदा दो सदस्यीय नेतृत्व के तहत ही काम करना जारी रखेगा। तीसरी आंख की जरूरत फिलहाल नहीं है। एसीएस गृह मनोज कुमार (एम के) दास अब उस चैंबर में चले गए हैं, जिसमें कभी के वैâलाशनाथन और बाद में पंकज जोशी मुख्य सचिव के रूप में पदोन्नति से पहले रहते थे।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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