मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : कुमारस्वामी गुस्से में

झांकी : कुमारस्वामी गुस्से में


अजय भट्टाचार्य

कर्नाटक भाजपा अपनी शर्मिंदगी की झेंप छिपा नहीं पा रही है। बात यह है कि सहयोगी दल जनता दल सेकुलर ने सार्वजनिक रूप से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बंगलुरु से मैसूर तक प्रस्तावित जुलूस से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी ने अपने नेता एचडी कुमारस्वामी के प्रति भाजपा द्वारा अपमानजनक रवैये को इसका कारण बताया है। पिछले कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच इस जुलूस को लेकर मतभेद स्पष्ट हो गए हैं। नेताओं के एक वर्ग ने ३ से १० अगस्त तक होनेवाली १४० किलोमीटर की पदयात्रा की व्यवहार्यता और उद्देश्य पर सवाल उठाए हैं। कुमारस्वामी ने घोषणा की कि पार्टी इस मार्च का हिस्सा नहीं होगी। पार्टी के कई नेता इस समय इस पदयात्रा के पक्ष में नहीं हैं, जब लोग बारिश से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं। उन्होंने भाजपा पर जदसे को दरकिनार करने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी का कहना है कि बगलुरु और मैसूर के बीच के क्षेत्र में हम (जदसे) मजबूत हैं। इस स्थिति में यदि वे हमें उचित तरीके से विश्वास में नहीं लेते हैं, तो हमें (पदयात्रा) का समर्थन क्यों करना चाहिए? चुनाव के दौरान राजनीति गठबंधन से अलग होती है, पार्टी को हर चीज में अपने बड़े साथी की लाइन पर चलने की जरूरत नहीं है। इस मामले ने मुझे भावनात्मक रूप से भी आहत किया है, जिस व्यक्ति को उन्होंने (भाजपा ने) विरोध कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया है, वह प्रीतम गौड़ा कौन है? वह वही है, जिसने देवेगौड़ा (पूर्व प्रधानमंत्री और कुमारस्वामी के पिता) के परिवार को नष्ट करने की योजना बनाई थी। उसे उसी बैठक में बुलाया जाता है, जिसमें मुझे भी बुलाया जाता है, अपमान की सीमा है, जिसे मैं वैâसे बर्दाश्त कर सकता हूं। माना जाता है कि प्रीतम गौड़ा अप्रैल में लोकसभा चुनावों से पहले हासन में जदसे सांसद और कुमारस्वामी के भतीजे प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो वाले पेन ड्राइव वितरित करने के पीछे थे। रविवार को भाजपा और जदसे के शीर्ष नेताओं द्वारा पदयात्रा की योजना बनाने के लिए आयोजित बैठक में प्रीतम की मौजूदगी देखकर भावनात्मक रूप से ‘आहत’ हुए कुमारस्वामी को इस बात की पीड़ा है कि उन्हें उस प्रीतम गौड़ा के बगल में बैठाया गया, जिसने उनके परिवार को जहर देने की कोशिश की। यह सब करने के बाद भाजपा जदसे का समर्थन मांग रही है। भला कुमारस्वामी की भी कोई हैसियत है कि नहीं?

ठाकुर बोले, राजग डोले
बिहार की राजनीति में अंदरखाने बहुत कुछ चल रहा है और ये छन-छन कर बाहर आ रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसद ने अपनी ही पार्टी पर सवाल उठा दिया है। सवाल तो जेडीयू सांसद ने भाजपा पर भी उठाया है, लेकिन लालू प्रसाद यादव की तारीफ की है। सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार सुर्खियों में हैं। देवेश चंद्र ठाकुर एक कार्यक्रम के सिलसिले में हाजीपुर पहुंचे थे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमें हराने के लिए सभी पार्टियों ने जोर लगा दिया था। राष्ट्रीय जनता दल यानी राजद तो प्रतिद्वंदी थी, लेकिन हमें पता ही नहीं चला कि जदयू हमारे आगे थी या पीछे थी! हमारी सहयोगी भाजपा हमारे आगे थी या पीछे थी? यह पता ही नहीं चला। आप लोग इशारे को समझिए। सीतामढ़ी के लोगों से हमारा व्यक्तिगत संबंध है और मेरे किए काम की वजह से ही हम चुनाव जीते हैं।
इस दौरान ठाकुर ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लालू यादव जैसा सच बात बोलने वाला व्यक्ति आपको पूरे बिहार में नहीं मिलेगा। जब हम पहली बार २००२ में स्नातक से एमएलसी का चुनाव लड़े थे, तब लालू प्रसाद की सहयोगी कांग्रेस की प्रत्याशी से मेरा सामना था, लेकिन लालू प्रसाद ने हमें जुबान दिया था और अपनी जुबान पर बने रहे और चुनाव में हमें मदद किया। बिहार में स्नातक एमएलसी के उपचुनाव होने वाले हैं। ठाकुर इसी उपचुनाव के लिए जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी अभिषेक झा के लिए वोट मांगने हाजीपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने लालू यादव की जमकर तारीफ की। ठाकुर के इस बयान ने एक साथ पूरे राजग पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं और देश की कई प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनके स्तंभ प्रकाशित होते हैं।)

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