अजय भट्टाचार्य
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को संजीवनी मिली है, वहीं दिल्ली में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के पूर्व विधायक और पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी ने कल ‘आप’ की झाड़ू पकड़ ली है। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। शहीद भगत सिंह सेवा दल फाउंडेशन के संस्थापक शंटी २०१३ में भाजपा विधायक रह चुके हैं। शंटी १०६ बार रक्तदान करके रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं। करीब ३० साल से समाजसेवा कर रहे हैं। वे झिलमिल वॉर्ड से २ बार पार्षद और शाहदरा से विधायक रह चुके हैं। उन्हें ‘एंबुलेंस मैन’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने ७०,००० से अधिक शवों का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कराया है। कोविड काल के दौरान, जब लोग शवों को स्वीकार करने में झिझकते थे, उनके परिवार के सदस्यों ने शवों को स्वीकार किया और अंतिम संस्कार किया। वह भी कोविड का शिकार हो गए, यहां तक कि जब उनका परिवार भी कोरोना से संक्रमित हुआ, तब भी उन्होंने अपना मिशन जारी रखा। इसके लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
१३८ मतदाताओं का एक ही बाप
बिहार में चुनाव आयोग ने फिर कमाल किया। कल मुजफ्फरपुर जिले के तिरहुत स्नातक उपचुनाव के दौरान मतदाता सूची में शामिल कुल ७२४ मतदाताओं में १३८ के पिता का नाम मुन्ना कुमार दर्शाया गया । यह सूची औराई प्रखंड के बूथ नंबर ५४ की है। बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान के ठीक पहले यह बड़ी गलती सामने आई। औराई प्रखंड कार्यालय ने यह सूची जारी की थी, जिसके मुताबिक, १३८ मतदाताओं के पिता का नाम मुन्ना कुमार है। इस गलती के कारण मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बन गई जिसकी वजह से लोगों ने नाराजगी जाहिर की। वोटरों को लगा कि कहीं गलती के कारण उनको वोटिंग से वंचित न कर दिया जाए। जिन मतदाताओं के पिता का पहला अक्षर एम है, उनका नाम यूनिकोड फॉन्ट की वजह से मुन्ना कुमार में परिवर्तित हो गया। कंप्यूटर की गलती की वजह से ऐसा हुआ।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा
व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)