मुख्यपृष्ठस्तंभझांकी : खर्राटेदार वीडियो

झांकी : खर्राटेदार वीडियो

अजय भट्टाचार्य

परसों मोतिहारी के पिपराकोठी में ‘किसान उन्नति मेला २०२५’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें राज्य के श्रम मंत्री व पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और मोतिहारी के सांसद राधामोहन सिंह सहित जिले के कई विधायक व पूसा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति सहित सैकड़ों लोगों की भारी भीड़ लगी थी और उसी दौरान एक अजब नजारा देखने को मिला। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और बिहार सरकार के श्रम मंत्री मंच पर भाषण दे रहे थे, लेकिन उसी मंच पर चल रही भाषणबाजी के बीच पूर्व मंत्री और मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार व गोविंदगंज के विधायक सुनीलमणि तिवारी खर्राटे भर रहे थे। किसी ने ये खर्राटेदार वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। लगता है कि इन नेताओं को जनता से संबंधित समस्याओं से कोई मतलब नहीं है।
नल और बल का अंतर
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई तथा पूर्व एमएलसी सुनील सिंह पारिवारिक शादी समारोह में हिस्सा लेने रांची गए हुए थे। एमएलसी रहते जदयू पर बरसनेवाले सुनील सिंह पर सरकार बहादुर की नजर टेढ़ी हुई और रविवार को पटना के ४/२० गर्दनीबाग स्थित उनके सरकारी आवास को मजिस्ट्रेट और जिला प्रशासन की मौजूदगी में खाली करवा लिया गया। चूंकि वे अब एमएलसी नहीं हैं तो प्रशासन ने इस वजह से बंगला खाली करवाने की बात कही है। उनके सामान को घर के बाहर फेंक दिया गया। इस मसले पर सुनील सिंह बोले, ‘अगर बंगले का नल भी खराब होता है तो विभाग को बदलने में एक महीने का समय लग जाता है।’ सुनील सिंह को नल और सरकारी बल में अंतर समझना चाहिए।
कुंभ नहाकर तो सच बोलो
अमदाबाद के चार भाजपा विधायकों ने पिछले हफ्ते त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ का दौरा किया। उन्होंने भीड़ से दूर सावधानी से खड़े होकर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं। एक भाजपा कार्यकर्ता ने पूछा कि क्या उन्होंने डुबकी लगाने के लिए वीआईपी सुविधा का लाभ उठाया था। एक विधायक ने तुरंत जवाब दिया, ‘नहीं, हम आम आदमी हैं और हमने कोई विशेष सुविधा नहीं ली।’ हालांकि, उनकी तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां करती दिखीं। कार्यक्रम में मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘कम से कम, अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए इतनी दूर की यात्रा करने के बाद उन्हें सच बोलना चाहिए।’
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)

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