सामना संवाददाता / नई दिल्ली
विकास के नाम पर भाजपा सरकार दावा करती है कि उसने पूरे देश में सड़कों का जाल बिछा दिया है। मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस विकास से सामान काफी महंगे हो गए हैं। सड़कों पर मनमाने टोल टैक्स थोप दिए गए हैं, जिससे सड़क परिवहन की कमर टूट गई है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि उन्हें १,६०० किलोमीटर सफर के लिए २५ हजार रुपए टोल के चुकाने पड़ रहे हैं। इससे सामान का परिवहन काफी महंगा हो गया है। आखिर में इस महंगे सामान का बोझ आम जनता पर ही पड़ता है।
ट्रांसपोर्टरों का ट्रक चलाना हुआ मुश्किल!
सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में ट्रांसपोर्टरों की अहम भूमिका रहती है। पिछले कुछ वर्षों में अतिरिक्त टोल टैक्स के चलते ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी पटरी से उतर रही है। ट्रांसपोर्टरों की मानें तो १,६०० किलोमीटर के सफर में उन्हें २५ हजार रुपए का टोल देना पड़ जाता है। अब ट्रांसपोर्टर अगर टोल की राशि निकालने के लिए भाड़ा बढ़ाते हैं तो इससे लोगों को परेशानी होती है। इसका बोझ आम आदमी की जेब पर ही पड़ता है। ऐसे में ट्रांसपोर्टरों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जैन रोडलाइन के संचालक नवीन जैन ने बताया कि कई बार उनके फास्टैग में रुपए होने के बाद भी टोल कर्मचारी चालक को परेशान करते हैं। कई बार चालक आधी रात में उन्हें नींद में सोते हुए उठाते हैं और इस समस्या से अवगत करवाते हैं। इसके बाद वह व्हॉटसऐप पर स्क्रीन शॉट भेजते हैं, तब जाकर कर्मचारी फास्ट टैग से पेमेंट काटते हैं। लेकिन जब नकद की बात आती है तो कर्मी नकद में डबल रुपए लेते हैं, जो गलत है।
बढ़ गया डीजल का खर्च
एक अन्य ट्रांसपोर्टर ने बताया कि उनकी दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में गाड़ियां चलती हैं। आज के समय में सबसे बड़ी समस्या टोल टैक्स की है। पहले के मुकाबले अब टोल टैक्स में अतिरिक्त खर्चा बढ़ गया है, जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किराया तो बढ़ा नहीं, लेकिन टोल टैक्स के कारण खर्चे जरूर बढ़ गए हैं। कई बार देखा गया है कि टोल टैक्स पर जाम लगा रहता है, जिसके कारण १५ से २० मिनट तक गाड़ियां खड़ी रहती है, वहीं टोल के पास बाइपास बना दिए जाते हैं। पहले टोल टैक्स दो फिर बाइपास को क्रॉस करने में ही १५ से २० किलोमीटर का दायरा पार करना पड़ता है, जिसके कारण डीजल की खपत ज्यादा होती है।
घटना चाहिए टोल का बोझ
पंजाब ट्रांसपोर्टर देवी राम ने बताया कि गाड़ी का अतिरिक्त भाड़ा टोल टैक्स में चला जाता है। उनकी गाड़ियां मुंबई, अमदाबाद व अन्य राज्यों में जाती हैं, जिसमें १० टायर की गाड़ी का मुंबई का २५ से ३० हजार और अमदाबाद का १५ हजार के करीब खर्चा आता है। उनकी बंगलुरू आने जाने का खर्च १५ हजार, चेन्नई २२ हजार और हैदराबाद १७ हजार के करीब आता है। सरकार को टोल टैक्स की दूरी तय करनी चाहिए। वह सरकार से मांग करते हैं कि टोल टैक्स को कम किया जाए।